सधे हुए कदम – Blog Post by Kanchan Shrivastav

चार साल की शादी में कभी दोनों के बीच एक हल्की सी भी नोक झोंक नहीं हुई , रूचि को खुशहाल  देखके रवि को  बहुत अच्छा लगता। हालांकि  पहली रात में अरमानों को शब्दों का रूप देना आसान नहीं  कितने  रूप जाल में फंस सिर्फ देह तक सिमट के रह जाते है ,कितने मन की … Read more

जाकी रही भावना जैसी – Blog Post by Nirja Krishna

दिल्ली में भाई के घर पर एक कार्यक्रम चल रहा था। तीनों बहनें अपने अपने शहरों में बैठी मोबाइल पर वीडियो के जरिए उसका आनन्द ले रही थीं। खाने की मेज पर विभिन्न प्रकार के पकवानों को देख कर मीता बोल पड़ी,”अरे वाह! ये फूली फूली खस्ता कचौडियां और मस्त आलू की सब्जी! भई मज़ा … Read more

बर्फ की चुस्की – Blog Post by Nirja Krishna

आज पापा जी को गए हुए एक माह होने जा रहा है पर वो दोनों पति पत्नी उनकी छवि मन से हटा ही नहीं पा रहे हैं।नवीन अकेले उनकी फोटो के आगे बैठा हुआ था…तभी वो चाय ले आई थी। चाय का एक घूँट पीते ही उसके मुँह से निकला,”वाह, एकदम पापा की पसंद की … Read more

ईश्वर से मुलाकात – Blog Post by नेक राम

सोनू सदर बाजार की एक छोटी सी दुकान में काम करता था शाम 8:00 बजे दुकान का शटर लग जाता था दोपहर में ही सोनू नजदीक के शराब के ठेके से एक इंग्लिश की बोतल हमेशा की तरह खरीद लेता था। सदर बाजार के मेट्रो स्टेशन के पीछे ही उनके साथी  ,,विजय ,, रघु ,, … Read more

गैरों में अपनों की परख – मुकेश पटेल

बंसी लाल जी की इलाहाबाद में किराने की दुकान थी।  इसी किराने दुकान से घर भी चलता था और अपने इकलौते बेटे को पढ़ाकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बना दिया था।  बेटा गुड़गांव में एक एमएनसी कंपनी में नौकरी करता है।   गर्मी की छुट्टी में बेटा और बहू दोनों इलाहाबाद आए हुए थे और उन्होंने अपने पापा … Read more

हम थे जिनके सहारे वो हुए ना हमारे – मुकेश पटेल

संतोष जी बैंक में मैनेजर थे। उनको  दो बेटा और एक बेटी थी  बड़ा बेटा और बेटी की शादी हो गई थी,बड़ा बेटा अपनी पत्नी के साथ अलग फ्लैट लेकर रहता था।  एक दिन उनकी पत्नी राधा जी  का बाथरूम में पैर फिसला और कमर में काफी चोट आ गई डॉक्टर को दिखाया गया तो … Read more

अब तेरे बिन जी लेंगे हम

गौरी ने कभी नहीं सोचा था कि उसकी शादी गांव में हो जाएगी।  उसके पिताजी का दिल्ली के चांदनी चौक में कपड़े की दुकान थी और उसने अपनी पढ़ाई लिखाई दिल्ली में ही की थी, उसे तो लगता था कि उसकी शादी दिल्ली में ही किसी लड़के से होगी। लेकिन गौरी ने जैसे ही ग्रेजुएशन … Read more

यह क्षण भी कट जाएगा-yeh kshan bhi kat jayega

एक बार एक राजा की सेवा से प्रसन्न होकर एक साधू नें उसे एक ताबीज दिया और कहा की राजन इसे अपने गले मे डाल लो और जिंदगी में कभी ऐसी परिस्थिति आये की जब तुम्हे लगे की बस अब तो सब ख़तम होने वाला है, परेशानी के भंवर मे अपने को फंसा पाओ, कोई … Read more

ज्ञान का भंडार-gyan ka bhandar

एक बहुत ज्ञानी व्यक्ति था। वो अपनी पीठ पर ज्ञान का भंडार लाद कर चला करता था। सारी दुनिया उसकी जय जयकार करती थी। ज्ञानी अपने ज्ञान पर दंभ करता इतराता फिरता था। एक बार वो किसी पहाड़ी से गुजर रहा था, रास्ते में उसे भूख लग आई। उसने इधर-उधर देखा, कुछ दूरी पर एक … Read more

दशावतार-Dashavtar

एक माँ अपने पूजा-पाठ से फुर्सत पाकर अपने विदेश में रहने वाले बेटे से विडियो चैट करते वक्त पूछ बैठी- “बेटा! कुछ पूजा-पाठ भी करते हो या नहीं?” बेटा बोला- “माँ, मैं एक जीव वैज्ञानिक हूँ। मैं अमेरिका में मानव के विकास पर काम कर रहा हूँ। विकास का सिद्धांत, चार्ल्स डार्विन क्या आपने उसके … Read more

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