अब तेरे बिन जी लेंगे हम

गौरी ने कभी नहीं सोचा था कि उसकी शादी गांव में हो जाएगी।  उसके पिताजी का दिल्ली के चांदनी चौक में कपड़े की दुकान थी और उसने अपनी पढ़ाई लिखाई दिल्ली में ही की थी, उसे तो लगता था कि उसकी शादी दिल्ली में ही किसी लड़के से होगी। लेकिन गौरी ने जैसे ही ग्रेजुएशन कंप्लीट किया।  उसके मामा ने उसके पुश्तैनी गांव के बगल में स्थित एक गांव रतनपुर से  गौरी के लिए रिश्ता लेकर आए। गौरी की मां तो तैयार नहीं थी अपनी बेटी को गांव में शादी करने के लिए लेकिन गौरी के पापा अपनी पत्नी सावित्री से बोले, “देखो सावित्री लड़का या लड़की जब इस दुनिया में आते हैं तो वह अपनी किस्मत लेकर आते हैं और हम गौरी की किस्मत तो नहीं बदल सकते ना खाता पीता खानदानी परिवार है लड़का भी सरकारी स्कूल में शिक्षक है और अपनी बेटी के लिए क्या चाहिए। आजकल सरकारी नौकरी करने वाला लड़का बहुत मुश्किल से ही मिलता है मुझे तो यह रिश्ता मंजूर है। 

आखिर में सब लोगों को  यह रिश्ता ना चाहते हुए भी करना ही पड़ा और गौरी शादी करके अपने ससुराल रतनपुर पहुंच गई। 

 शादी के अगले दिन गौरी बेड पर बैठे अपने पति रमन का इंतजार कर रही थी लेकिन धीरे-धीरे रात के 10 बज गए फिर 12 फिर 2 लेकिन रमन नहीं आया। गौरी ने शादी से पहले अपने मन में क्या-क्या सपने संजो रखे थे।  लेकिन यहां तो सब धूमिल होता दिखाई दे रहा था।  वह बहुत चिंतित थी कि उसका पति क्यों नहीं आया क्या वह मुझसे नाराज हैं। 

इंतजार करते-करते अब गौरी को भी नींद आने लगी थी।  तभी घर में शोरगुल सुनाई दिया, गौरी के ससुर उसके पति रमन को डांट रहे थे। ” रमन पूरे साल तो तुम रात को लेट घर आते ही हो कम से कम आज तो समय से आ जाते, दुल्हन शाम से ही तुम्हारा इंतजार कर रही होगी हमने सोचा शादी के बाद तुम सुधर जाओगे लेकिन तुम्हें किसी की परवाह नहीं है ना अपने पिता की इज्जत की ना खुद की।तुम्हें तो शिक्षक की नौकरी छोड़ देनी चाहिए शिक्षक के नाम पर कलंक हो तुम जो शिक्षक इतना शराब पीता है वह अपने बच्चों को क्या पढ़ाएगा।”   



रमन के अंदर एक खासियत जरूर थी वह जब स्कूल में पढ़ाने जाता था तो कोई नहीं कह सकता था कि वह शराब भी पीता होगा स्कूल में बिल्कुल एक सभ्य शिक्षक की तरह रहता था और उसके छात्र भी रमन से बहुत खुश होते थे। 

रमन अपने पिता को बिना कुछ जवाब दिए सीधे अपने कमरे में चला आया। कमरे के अंदर प्रवेश किया तो उसने देखा कि गौरी अभी तक जाग रही है उसने गौरी से माफी मांगा और कहा, “मुझे माफ कर दो सॉरी मैं भूल गया था कि मेरी शादी भी हुई है और घर में मेरा कोई इंतजार भी कर रहा होगा कल से मैं समय से घर आ जाया करूंगा।” 

अगले दिन भी रमन रात को लेट ही आया।  फिर गौरी  से उसने माफी मांगा और यह उसका रोजाना का नियम बन चुका था रोजाना रात को लेट आना और गौरी से माफी मांगना गौरी भी क्या कर सकती थी उसने अपनी नियति मानकर इसे कबूल कर लिया था। 

पहले वह सोचती थी की ससुराल की बातें अपने मायके में ना कहे  नहीं तो मां बाबूजी और परेशान होंगे लेकिन वह भी एक दिन थक हार कर सब कुछ अपनी मां से बता दिया।  गौरी की मां ने कहा, “बेटी शादी कोई सामान नहीं है कि जो पसंद नहीं आए तो लौटा के दूसरा खरीद लो अब तुम्हें वहीं पर सामंजस्य बिठाना होगा।  तुम पता करो कि आखिर तुम्हारा हस्बैंड रमन इतना शराब क्यों पीता है कुछ तो कारण होगा शराब पीने का कोई यूं ही इतना शराब नहीं पीता है जबकि तुम खुद बता रही हो कि दिन में बिल्कुल ऐसे रहते हैं जैसे वो रात वाले रमन हो ही ना स्कूल में भी सब उसकी तारीफ करते हैं फिर ऐसा क्या हो हो गया कि रात में और शराब पीता है। 



गौरी ने यह ठान लिया कि वह पता लगाकर रहेगी  कि वह इतना शराब क्यों पीते हैं और अपने पति का शराब छुड़वा कर रहेगी। 

एक दिन गौरी ने अपने पति रमन के छोटे भाई अमन से पूछा, “देवर जी आपसे एक बात पूछना चाहती हूं सच सच बताइएगा। अमन बोला, “भाभी पूछिए क्या पूछना चाहती हैं।  “अमन यह बताइए कि आपके भैया इतना शराब क्यों पीते हैं और यह कब से पीते हैं कुछ तो कारण जरूर होगा।”

अमन ने कुछ भी नहीं छुपाया उसने सब कुछ अपने भाभी से सच-सच बता दिया कि भैया इलाहाबाद में जब पढ़ाई करते थे तो वही एक लड़की से प्यार कर बैठे।  भैया उस लड़की को दिल से प्यार करते थे।  और उसी दौरान भैया की सरकारी  शिक्षक की नौकरी गांव के ही स्कूल में लग गई।  कुछ दिन तो भैया और उनकी प्रेमिका मे बातें होती रही एक दिन उस लड़की का मैसेज आया कि रमन अब मुझे भूल जाओ मेरी शादी हो रही है और आज के बाद मुझे कभी फोन मत करना क्योंकि मैं शहर में पली-बढ़ी हूं और तुम्हारे साथ मैं गांव में एडजस्ट नहीं कर पाऊंगी सॉरी मुझे माफ कर देना। 

उस दिन के बाद से लेकर आज तक भैया उस लड़की को भूल नहीं पाए हैं पापा को लगा कि अगर रमन की शादी हो जाएगी तो वह उस लड़की को भूल जाएगा और अपनी जिंदगी सही तरीके से जीने लगेगा लेकिन भैया पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा वह अभी भी वैसे ही जी रहे हैं जैसे बिना शादी के जी रहे थे। 

गौरी ने  सोचा आज रात में रमन से बात करूंगी अगर उसे मेरे साथ रहना नहीं था तो उसने मेरे साथ शादी करके मेरी जिंदगी क्यों बर्बाद की मैं भी तो शहर में पढ़ी लिखी हूं मैं भी तो रमन के साथ शादी किया ना और यहां पर एडजस्ट कर रही हूं फिर मुझ में क्या ऐसी कमी है। 



रोजाना की तरह रमन  देर रात अपने कमरे में आया।  रमन के कमरे में आते ही गौरी ने सवालों की बौछार कर दिए उसने पूछा कि रमन तुमने मेरी जिंदगी क्यों बर्बाद की मेरा क्या कसूर था उस लड़की ने तुम्हें छोड़ दिया तो उसका बदला मुझसे क्यों ले रहे हो मैंने तो तुम जैसे हो तुम्हें अपना लिया है। 

रमन का सिर्फ एक ही जवाब था गौरी मैं तुम्हें पत्नी के जितने अधिकार हैं सब तुम्हें दिए हैं लेकिन मैं तुम्हें प्यार नहीं दे सकता हूं मैं नंदिनी से बेहद प्यार करता था करता हूं करता रहूंगा उसकी जगह मेरे दिल में कोई और नहीं ले सकता है। 

आज शादी के 5 साल बीत चुके थे।  रमन और गौरी एक बच्चे के मां बाप भी बन चुके थे लेकिन उन दोनों में आज भी पहले की तरह ही सब कुछ था। रमन और गौरी दोनों नदी के किनारों की  तरह साथ साथ  तो चल रहे थे  लेकिन एक दूसरे में जैसे किनारे कभी मिल नहीं सकते वैसे रमन और गौरी थे बस एक दूसरे के साथ चले जा रहे थे। 

रमन का छोटा भाई अमन अब सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन गया था और वह जिस कंपनी में काम करता था उसी में रश्मि नाम की  एक लड़की से प्यार  करता था।  उन दोनों की इसी साल शादी होने वाली थी। 

 उन दोनों की शादी धूमधाम से हुई। रश्मि ने अपनी शादी के लिए कंपनी से 6 महीने के लिए मैटरनल लिव लिया था। 

रश्मि ने अपनी शादी के कुछ दिनों बाद ही महसूस किया।  कि उसकी जेठानी गौरी और जेट रमन में सब कुछ ठीक नहीं लग रहा है वह दोनों आपस में एक दूसरे से कभी बात नहीं करते हैं।  लेकिन सोते एक ही कमरे में है यह कैसी जिंदगी जी रहे हैं कुछ समझ नहीं आ रहा है। 



एक दिन रश्मि ने हिम्मत कर अपनी जेठानी गौरी से पूछ ही  लिया, “भाभी,  मैंने कभी भी रमन भैया से आपको बात करते हुए नहीं देखा है आप रात में एक ही कमरे में सोते हैं वहां बात करते हैं या नहीं।” 

 रश्मि ने जैसे ही जेठानी से यह बात पूछा गौरी को लगा किसी ने उसके दर्द को दोबारा से कुरेद दिया है। कोई कब तक अपने दर्द को अपने सीने में दबा कर रख सकता है कभी ना कभी किसी के सामने उस दर्द को दिखाना ही पड़ता है आज गौरी ने अपनी देवरानी रश्मि से सब कुछ साफ-साफ बता दिया। 

रश्मि ने अपनी जेठानी गौरी से कहा,  “भाभी यह तो गलत है ना भैया को ऐसा नहीं करना चाहिए माना कि वह शादी से पहले किसी और से प्यार करते थे लेकिन उसकी सजा आपको क्यों मिले आपने क्या गलती किया है।

 जरूरी तो नहीं कि हम जब किसी से प्यार करते हैं तो हमारा मिलन भी हो लेकिन इसकी सजा किसी और को क्यों मिले।” 

रश्मि ने ठान लिया कि वह गौरी और रमन की दोस्ती करा कर मानेगी। रश्मि  ने रात में अपने पति अमन से इस बारे में बात की, “अमन कुछ भी हो जाए हम दोनों को मिलकर भैया और भाभी को मिलाना होगा भाभी के साथ भैया सही नहीं कर रहे हैं यह बिल्कुल गलत है भाभी का इसमें क्या दोष है।”  अमन बोला, “रश्मि हम सब लोग समझा समझाकर भैया को थक गए वह किसी की बात नहीं सुनते हैं।” 

कुछ दिनों बाद ही गौरी और रमन का मैरिज एनिवर्सरी था इस बार रश्मि ने सोचा इनका मैरिज एनिवर्सरी बहुत धूमधाम से मनाएगी और उसी दिन रमन और गौरी को भी एक दूसरे से मिला देगी। 

 

फिर वह दिन आ ही गया आज रश्मि ने पूरे घर को इस तरह से सजाया था जैसे इस घर में बारात आने वाली है और एक बहुत बड़ा केक भी ऑर्डर किया था सब घर वाले हैरान परेशान थे कि आज हमारे घर में क्या होने वाला है रश्मि ने बताया कि आज भाभी और भैया का एनिवर्सरी है और हम इसे ऐसे मनाएंगे जैसे भैया और भाभी की दोबारा शादी हो रही है। 

केक काटने से पहले रश्मि रमन और गौरी को स्टेज पर ले गई और रमन से कहा,  “भैया आप गौर से देखिए गौरी भाभी में आपको आपका प्यार नजर आएगा आपने कभी गौरी भाभी को उस नजर से देखा ही नहीं क्योंकि अगर उस लड़की ने आपको छोड़कर किसी और  लड़के  से शादी करके अपनी जिंदगी खुशहाल जी रही है तो आप उसके गम में क्यों मर रहे हैं आपके पास भी गौरी भाभी जैसी पत्नी है और ऐसी पत्नी किस्मत वाले को ही मिलती है आप खुद सोचिए आप ने भाभी को 5 साल में क्या खुशियां दी लेकिन भाभी फिर भी आपके साथ रह रही हैं उन्होंने कभी भी अपना   दुख किसी से नहीं कहा आपको भाभी को समझना होगा भैया, आपको अपनी पहली  जिंदगी भूलना होगा।  आज से आप अपनी जिंदगी की एक नई शुरुआत कीजिए।”   नीचे खड़े सभी घरवालों ने भी रमन से कहा, “हां रमन रश्मि सही कह रही है आज से तुम अपनी जिंदगी की नई शुरुआत करो और कसम खाओ कि आज के बाद तुम कभी भी शराब को हाथ भी नहीं लगाओगे।”



आज रमन को बहुत शर्म महसूस हो रहा था वह सोच रहा था कि रश्मि उससे  उम्र में कितनी छोटी है लेकिन कितनी बड़ी बात कह गई लेकिन मैं क्या कर रहा हूं आज तक मैंने गौरी को क्या दिया सिर्फ तकलीफ गौरी जैसी औरत है जो मुझे बर्दाश्त करती है।  रमन ने उसी स्टेज से सब से माफी मांगा और उसने भरोसा दिया कि आज के बाद वह गौरी को कभी भी तकलीफ नहीं पहुंचाएगा उसे हमेशा खुश रखेगा। 

दोस्तों कई बार हम अपनी बेटी  या बहन की शादी सिर्फ इस लालच में कर देते हैं कि लड़का बहुत अच्छा पैसा कमाता है या सरकारी नौकरी करता है या घर से काफी अमीर है हम यह पता करने की नहीं कोशिश करते हैं कि जिस घर में हम अपनी बेटी का ब्याह कर रहे हैं उस घर में हमारी बेटी एडजस्ट कर पाई पाएगी या नहीं लड़के के बारे में हम ज्यादा कुछ नहीं पता करते हैं। और जब लड़की को तकलीफ होता है तो हम कह देते हैं बेटी यह तो हर लड़की के साथ ऐसा होता है यह तुम्हारे संस्कार हैं हम कब तक अपने संस्कारों की दुहाई देकर एक लड़की को एक लड़के के साथ भैंस गाय की तरह खूँटे मे बांधेंगे। गौरी के जीवन का जो 5 साल बर्बाद हुआ उसे वह वापस कौन दिलाएगा क्या रमन उसे  वापस लौटा सकता है दोस्तों  इस कहानी के सुनने के बाद आप क्या सोचते हैं आप अपने विचार कमेंट बॉक्स में रख सकते हैं हमें आपके विचारों का इंतजार रहेगा।

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