बड़ा भाई भी पिता समान: – मुकेश कुमार (अनजान लेखक)
उस मनहूस घड़ी को गुजरे तक़रीबन पन्द्रह वर्ष बीत गए लेकिन उसकी तपिश आज भी रमाकान्त को व्याकुल कर देती है। बारहवीं पास करने के बाद दो चीज़ हुई, पहली रमाकान्त पास हो गया और दूसरी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के वेतनमान में अचानक से बहुत बड़ी वृद्धि कर दी। रमाकान्त के लिए सबसे बड़ी … Read more