दहलीज के पार – सुषमा तिवारी
बीती रात बड़ी भयंकर आँधी आई और वैशाख के महीने में आषाढ़ सा पानी बरसा। राधा बहू को यह सौंधी खुशबु वाली भोर बड़ी भाती हालांकि वह जानती थी कि यह सुख क्षणिक है और दिन चढ़ते ही सूरज की तपिश फिर प्रचंड हो जाएगी ठीक ठाकुर साहब के मिज़ाज की तरह। वे तो आज … Read more