दहलीज के पार – सुषमा तिवारी

बीती रात बड़ी भयंकर आँधी आई और वैशाख के महीने में आषाढ़ सा पानी बरसा। राधा बहू को यह सौंधी खुशबु वाली भोर बड़ी भाती हालांकि वह जानती थी कि यह सुख क्षणिक है और दिन चढ़ते ही सूरज की तपिश फिर प्रचंड हो जाएगी ठीक ठाकुर साहब के मिज़ाज की तरह। वे तो आज … Read more

काली बिंदी – मनप्रीत मखीजा

“अरे चन्दू, ये कैसी बहुरिया लाया है रे तेरा बेटा अपने वास्ते! ये तो अपने माथे पर काली बिंदी लगाए घूमती है| जब से हवेली में कदम रखा है इसने, मैंने तो कभी इसे नई नवेली सुहागिन जैसी लाल बिंदी लगाते नहीं देखा| तुझे न पता क्या, काली बिंदी को तो वशीकरण की निशानी कहते … Read more

उम्मीदें तकलीफ देती हैं – सुल्ताना खातून

“दिन भर घर के कामों में जुटी रहती हूं, खाना बनाना, कपड़े धोना, सफाई करना, बच्चों को स्कूल भेजना, सास ससुर की खिदमत करना, और फिर आप के नखरे उठाना, लेकिन मजाल है जो कोई मेरी तारीफ कर दे, मुझसे प्यार से दो बोल, बोल दे, उल्टे जिज्जी लोग से मेरी शिकायतें लगाती रहती हैं… … Read more

आस – नीना महाजन नीर

  इस नश्वर संसार से विदा ले ली थी मैंने…                अस्पताल से मुझे घर ले आया गया , सब रिश्तेदार आ रहे थे धीरे-धीरे कमरे में बहनें , भाई , देवर , भाभी , चाची , मौसी , ताई सब एकत्रित हो गए थे .          घर में भीड़ बढ़ती जा रही थी                        सब प्रशांत को सांत्वना … Read more

” नए जीवन की आस ” – अनिता गुप्ता

ठंडी हवाएं चल रहीं थीं पर बारिश थम चुकी थी। खिड़की के पास विचारों में मग्न बैठी शालिनी को ठंडी हवा का झोंका बार – बार छू कर जा रहा था। मानो कह रहा हो, ” उठो शालिनी और जी लो जिंदगी जी भर कर । जिस तरह से इस तूफानी बारिश के बाद सब … Read more

एक टुकड़ा उम्मीद – मंजुला

“मानव बरामदे में उकडू बैठा था। आँखों में बदलियां उमड़ घुमड़ रही थीं। रात बच्चों से प्राॅमिस करके सोया था कि सुबह वो उनके लिए रोटी ले आयेगा। सुबह के साढ़े आठ बज रहे थे पर उसे कुछ सूझ नहीं रहा था कि करे तो क्या करे। जहाँ वो काम करता था उस फैक्ट्री पर … Read more

नेकी कर कुएं में डाल – नीरू जैन 

नेहा कभी-कभी उदास हो जाती थी। राहुल उसे कई बार समझाता था कि यूं उदास रहने से तुम अपने शरीर में ही अनेक बीमारियां लगा लोगी। यहाँ किसी चीज की कमी नहीं है तुम्हे। हमारे पास भगवान का दिया सब कुछ है धन दौलत, बच्चे और देखो ना इतना खूबसूरत पति जो हर वक्त तुम्हारे … Read more

सुपुत्र – भगवती सक्सेना गौड़

राम नारायण के इकलौते बेटे की छह महीने पहले आईटी कंपनी में बी टेक के बाद प्लेसमेंट हुआ था। बढ़िया नौकरी मिली थी। छोटे से कस्बे के रामनारायण और उनकी पत्नी छाया आज आकाश में उड़ रहे थे, बेटा गगनवीर सर्विस लगने के बाद पहली बार घर आ रहा था। अपने हिसाब से दोनो ने … Read more

डबल ड्यूटी-कहानी-देवेंद्र कुमार

लखमा तेजी से हाथ चला रही है। आज उसे जल्दी घर जाना है। कोई मेहमान आने वाला हैं। लेकिन काम तो पूरा करना ही है। लखमा बाज़ार में तीन दुकानों में सफाई का काम करती है। पति मजदूर है। दोनों के काम करने पर भी घर मुश्किल से चलता है। एक बेटा है अमर| दुकानों … Read more

हमें तो बस आपकी बेटी चाहिए – मीनाक्षी सिंह

रमेश जी – अरे भाई साहब ,दहेज की कौन कह रहा हैं ! हमें तो बस अपनी बेटी दे दिजिये ! भूषण जी – वो तो ठीक हैं समधी जी ,पर फिर भी आपकी कोई मांग हो तो बता दिजिये ! जैसे सब बातें साफ रहे ! कोई समस्या ना हो आगे ! रमेश जी … Read more

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