प्यारा सा करवाचौथ – गीता वाधवानी

विवाह के 5 वर्ष उपरांत भी नीलू और मोहित का आंगन शिशु की किलकारी के लिए तरस रहा था। मोहित बहुत ही समझदार और प्यारा इंसान था। आज नीलू ने करवा चौथ का व्रत रखा था और मन ही मन ईश्वर से पति की लंबी आयु की कामना करते हुए, संतान की कामना भी कर रही थी।

आज नीलू के पति मोहित की दुकान की छुट्टी होने के कारण मोहित घर पर ही था। दोपहर के लगभग 12:00 बजे का समय था। नीलू, मोहित को गरमा गरम फुलके सेंककर दे रही थी कि तभी अचानक उसे चक्कर आया और वह जमीन पर गिर पड़ी।

   मोहित ने उसे सहारा देकर बिस्तर पर लिटाया और जल्दी से पास वाले क्लीनिक से डॉक्टर साहिबा को बुला लाया। डॉक्टर साहिबा ने नीलू का परीक्षण किया और बताया कि नीलू मां बनने वाली है। डॉक्टर साहिबा ने नीलू को इंजेक्शन लगाया और उसके होश में आने पर उसे खुशखबरी देते हुए समझाया कि उसे अपना पूरा ध्यान रखना होगा क्योंकि विवाह के काफी समय बाद गर्भधारण हुआ है। आज भी उसे पूरे दिन भूखे ना रह कर, अवश्य ही कुछ खा लेना चाहिए।

डॉक्टर साहिबा के जाने के बाद मोहित ने भी नीलू को समझाया।

मोहित ने कहा-“नीलू, डॉक्टर साहिबा सही कह रही थी। तुम व्रत की चिंता छोड़ कर कुछ खा लो ताकि शरीर में कमजोरी ना आए। हमें इतने वर्षों बाद संतान की खुशी मिल रही है उसकी खातिर और तुम्हें मेरी खातिर अपना और बच्चे का पूरा ध्यान रखना चाहिए।”

लेकिन नीलू कुछ खाने के लिए मान ही नहीं रही थी। तभी अचानक बातें करते-करते मोहित को ना जाने क्या हुआ और वह बेहोश होकर बिस्तर पर गिर गया।

मोहित को बेहोश देखकर नीलू के हाथ पांव फूल गए और वह जल्दी से पानी का गिलास भरकर ले आई और मोहित के मुंह पर पानी के छींटे मारने लगी और साथ ही मोहित को पुकारती जा रही थी।

मोहित ने धीरे से आंखें खोली। नीलू ने उससे कहा-“आपको अचानक क्या हो गया था, मैं तो बहुत घबरा गई थी।”

मोहित पेट पर हाथ रखकर शरमाते हुए बोला-“मैं पापा बनने वाला हूं।”

उसकी ऐसी अदाकारी देखकर नीलू जोर-जोर से हंसने लगी और साथ में मोहित भी हंसने लगा। तब मोहित ने गंभीर होते हुए कहा-“मेरे बेहोश होने पर तुम्हें घबराहट और चिंता हुई या नहीं?”

नीलू-“हां, बहुत डर लगा। मेरी तो जान ही निकल गई थी।”

मोहित-“मुझे भी ऐसे ही डर लगता है जब तुम्हें कुछ होता है। अगर तुम खुश और स्वस्थ रहोगी  तो मैं भी चिंता मुक्त और स्वस्थ रहूंगा। इसीलिए तुम करवा चौथ के व्रत की चिंता छोड़ कर अपना पूरा ध्यान रखो और कुछ खा लो। व्रत करने के लिए तो पूरी जिंदगी पड़ी है।”

नीलू की आंखों में खुशी के आंसू थे और उसने मोहित की बात मान ली। वह सोच रही थी कि यह अनमोल खुशियां देने वाला”प्यारा सा करवाचौथ”जीवन भर हमारे लिए अविस्मरणीय रहेगा।

स्वरचित सर्वाधिकार सुरक्षित

गीता वाधवानी दिल्ली

 

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