दूसरों की गलतियों को माफ करना ही असली बड़प्पन है.
एक सेठ के 2 पुत्र थे दोनों अब जवान हो चुके थे सेठ ने सोचा कि अपने दोनों पुत्रों का विवाह करअब वह इस मोह माया की दुनिया से अलग होकर सत्संग करेगा और अपना बाकी का जीवन मथुरा और वृंदावन में जाकर बिताएगा। कुछ दिनों के अंदर ही बड़े धूमधाम से अपने दोनों बेटों … Read more