निर्णय
थोड़ी देर नेहा ने जब अपना गुस्सा निकाल दिया ,उसके बाद थोड़ी नॉर्मल हुई तो अंजलि ने रोजी और नेहा को को खाना खिला कर , नेहा को बहुत समझाया और उससे बोला कि यह तो जिंदगी की अभी शुरुआत है, पता नहीं जिंदगी में अभी और कितने मोड आएंगे जहां तुम्हें अपना आपा खोकर नहीं बल्कि समझदारी सेउस परिस्थिति को संभालना है ।
हर मोड़ पर हर मर्द को जिस्म चाहिए ऐसा भी कभी मत सोचना ,वरना खुद को मर्दों से नफरत करने वाली मानसिकता को जन्म देकर हमेशा खुश नहीं रह पाओगी । नेहा उनसे माफी मांगती है , और कहती है सच कहा दीदी आपने , कुछ ओवर रिएक्ट कर गई ,पर मैं भी क्या करूं इस तरह की परिस्थितियां मैंने कभी देखी नहीं क्योंकि हमेशा राकेश ही इन चीजों को देखतेमुझे तो यह भी नहीं पता कि मेरी बैंक में स्टॉलमेंट कितने रह गए हैं , या मुझे इन सब चीजों का टोटल कितना देना है ,
इन सब की चिंता छोड़ो और हमेशा परिस्थितियों को हैंडल करना सीखो वक्त आने पर अपने गुस्से को काबू करके उस परिस्थिति से बाहर निकलने की सोचो नेहा चुपचाप अंजलि की बातें सुनती रही बहुत सही कहती हैं दीदी , अब मुझेैं घर जाना चाहिए अंजली रोकने का प्रयास करती है ,लेकिन नेहा नहीं मानती । अपने घर जाने लगती है, नेहा के जाने के बाद
अंजलि रोहित से कहती है नेहा जैसी कम उम्र की लड़कियों को देखकर बड़ा दुख होता है एक तो नेहा विधवा दूसरा परिवार का कोई व्यक्ति साथ नहीं और खूबसूरत भी बहुत ,हम कागजों में कितना तरक्की करें लेकिन मानसिकता पतन का कारण होता है ।
रोहित भी अंदर रूम में नेहा का गुस्सा और अंजलि की बात सुन रहा था, अंजलि बात का उसने हम्म में जवाब दिया, और फिर लैपटॉप पर कुछ ईमेल चेक करने लगा और कुछ मैसेज सेंड किए ।
थोड़ी देर बाद राहुल रेडी होकर बाहर जाने लगता है,
अंजलि रोहित को जाता देख कर कहां जा रहे हो इतनी धूप में ।
कुछ अर्जेंट काम है बस अभी आता हूं कहते हुए चला जाता है ।
नेहा घर पहुंच कर राजेश की फोटो के आगे बहुत रोती है , और कहती है , राजेश मुझे भी तुम्हारे पास आना है मैं और रोजी दोनों ही तुम्हारे पास आ जाते है , पर क्या करूं रोजी को मारकर मैं हत्यारिन भी तो नहीं बन सकती , यह हमारी प्रेम की निशानी है क्या कोई मां मेरी जैसी होगी जो अपनी बच्ची के लिए इतना गलत सोचे, खुद ही रोते रोते बड़ बड़ करती रहती है, अचानक से तेज हवा चलती है , राजेश की तस्वीर अचानक गिर जाती है,
नेहा एकदम घबरा जाती है और राजेश की तस्वीर उठा लेती है और कहती है तू ही मेरा फैसला पसंद नहीं आया नहीं राजेश मैं ऐसा कुछ नहीं करूंगी मैं हालातों से लडूंगी तुम बिल्कुल गुस्सा मत हो, तस्वीर को सीने से लगा कर रोते-रोते आंख लग जाती है और वह सो जाती है, डोर बेल की आवाज़ से उसकी नींद खुलती हैं,
दरवाजा खोलने के पहले वह खुद का चेहरा सही करती है लेकिन उसकी आंखें बता रही थी कि वह बहुत रोई है।
जैसे ही गेट खोलती हैं सामने रोहित को देखकर हड़बड़ा़ जाती है,
सर आप यहां ?
क्यों मुझे यहां नहीं आना चाहिए । रोहित उसके चेहरे की तरफ देखता हुआ बोलता है।
नहीं ऐसा नहीं बोल रही हूं।
आइए अंदर आइए।
रोहित मुस्कुराता हुआ कहता है
मैम जव गेट से हटें ,तभी तो मैं अंदर आऊंगा ।
गेट से हटते हुए नेहा सॉरी बोलती है।
रोहित अंदर आ कर बैठता है और उसके हाल पर एक नजर डालता है और मन ही मन सोचता है कि नेहा राजेश ने सच में इतनी कम उम्र में कितना कुछ कर लिया ,हर चीज बहुत करीनेसे रखी हुई , घर बिल्कुल साफ सुथरा रखा हुआ था,
इतने में नेहा पानी लेकर आती है रोहित पानी पीता है , और यह भी समझ जाता है कि नेहा चेहरे को सही कर आई है लेकिन उसका चेहरा फिर भी बता रहा था बहुत रोई है ,
रोहित उससे पूछता है कि मेरे आने से तुम्हें कुछ अजीब तो नहीं लग रहा आप चाहो तो मैं अंजलि को अभी बुलाता हूं,
नेहा कहती है कि नहीं नहीं सर ऐसा कुछ नहीं है,
यह आपको पता है कि आप की घर केकागज कहां रखे हुए है और गाड़ी के भी ,
जी सर नेहा कहती हैं,
मुझे वह कागज चाहिए ,लेकर आओ ।
इतने में रोजी उठ़ जाती है , और जोर जोर से रोने लगती है।
रोहित हाल से ही आवाज देता है , रोजी ——–
रोजी आवाज पहचान कर धीरे धीरे चल कर रोहित के पास आती हैं।
रोहित उसे गोद में लेकर खिलाने लगता है , और वह चुप हो जाती है, रोहित हवा में उछाल ता रोजी जोर जोर से हंसने लगती है ,
नेहा आज पहली बार देखती है कि रोहित के साथ रोजी कितनी कंफर्ट है,
वह पेपर की फाइल लाकर रोहित को देती है, और रोजी को अपनी गोद में ले लेती है,
रोहित फाइल को खोलकर देखता है , नेहा रोजी को लेकर किचेन में कॉफी बनाने चली जाती हैं । वापस आकर देखती हैं रोहित जा चुका था ।
और फाइल साथ m ही ले गया ।
रश्मि सक्सैना
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