निर्णय (भाग 8) – रश्मि सक्सैना : Moral Stories in Hindi

निर्णय

फोन की घंटी काफी देर से बज रही है, अंजली काफी गहरी नींद में सोई हुई है उसे रिंग की आवाज ही सुनाई नहीं दे रही , बेचारा फोन भी बजकर बंद हो जाता है ।

काफी देर बाद अंजलि की नींद खुलती है ,फोन उठा कर देखती है तो ,मुंह से निकलता है अरे !यह तो डॉक्टर सरिता का फोन था, चलो मैं ही लगा कर देखती हूं ।

अंजली  डॉक्टर सरिता को फोन लगाती है, और डॉक्टर सरिता से कहती है सॉरी मैं आपकी कॉल रिसीव नहीं कर पाई , आज हमारी रिपोर्ट आने वाली थी ,शायद आपने इसीलिए फोन लगाया होगा , बताइए हम कब आए , क्या मुझे पहले हस्बैंड को भी लाना होगा ।

डॉक्टर सरिता कहती है, अंजलि जी पहले मैं और आप एक मीटिंग फिक्स कर ले , उसी मीटिंग में हम आगे की भी चर्चा कर लेंगे,

बताइए मैं आपसे कब मिल सकती हूं अंजलि घबराकर बोलती है,

बाकी सब तो ठीक है ना डॉक्टर ऐसी क्या बात है जो आप मुझे अकेला बुला रही हैं ।

अंजलि जी आप घबराइए मत आप मुझसे मिलिए तो सही, आपको सब समझ में आ जाएगा । ऐसी कोई बात नहीं है जिससे आप घबरा रही हैं ।

आज शाम को 6:00 बजे आप मुझसे मेरे घर पर मिल सकती हैं ,डॉक्टर सरिता कहती है।

जी डॉक्टर आप जहां चाहे मैं वहां मिलने को तैयार हूं ।

मैं शाम को 6:00 बजे आपके घर आती हूं यह कहकर अंजलि फोन कट कर देती है , और सोचने लगती है, ऐसी क्या बात है मुझे अपने घर बुला रही हैं , और वह भी बिना नेहा के ।

इतने में रोहित घर आ जाता है और अंजलि को थोड़ा परेशान देखकर पूछता है,

अरे आज हमारी महारानी को क्या समस्या हो गई, जो चेहरे का नूर गायब है और हमारे आने पर भी चेहरे पर मुस्कुराहट नहीं आई ,

अंजलि जबरदस्ती मुस्कुराने का प्रयास करती है , और कहती है आज मेरी फ्रेंड की तबीयत ठीक नहीं है ,मुझे उसे देखने जाना है ,शाम को 6:00 बजे आपको कोई काम तो नहीं है,

रोहित हंसते हुए कहता है महारानी से क्या काम होगा , हम जैसे छोटे लोगों को, एक कप चाय पिला दीजिए, आज शाम को 7:00 बजे करीब मेरी भी मीटिंग  तो मुझे भी वहां जाना है  ,थोड़ा जल्दी

रोहित लैपटॉप पर मेल चेक करता है ,

जब तक अंजलि चाय बनाकर लाती है । दोनों चाय पीते हुए बात करते हैं, रोहित कहता है ,

तुम्हारी फ्रेंड क्या हॉस्पिटल में एडमिट है वह पॉजिटिव तो नहीं है, 

अंजली हंसते हुए कहती है कोरोना पेशेंट को हॉस्पिटल में देखने का अभी रिवाज चालू नहीं हुआ,

यह कहकर अंजली और रोहित दोनों जोर-जोर से हंसने लगते हैं

थोड़े समय बाद दोनों ही अपनी अपनी गाड़ी से निकल जाते हैं ।

रोहित नेहा की फाइल लेकर निकल जाता है ,

और अंजलि डॉक्टर सरिता के घर के लिए ,

अंजलि को देखते से ही डॉक्टर सरिता उसका वेलकम करती हुई कहती हैं आइए आइए मैं आप का ही वेट कर रही थी , अंजलि को घबराया हुआ देखकर डॉक्टर सरिता अंजली से कहती हैं, आप इतना क्यों घबरा रही है ,पहले आप नॉर्मल हो जाइए ,आइए, हम दोनों चाय पीते हैं ,फिर हम वह बात करेंगे जिसे कहने के लिए मैंने आपको यहां बुलाया ।

चाय पीने के बाद अंजलि कहती है मुझे आप वह बात बताइए जिसे आप कहना चाह रही हैं,

अंजलि डॉक्टर सरिता की बात सुनकर एकदम चुप हो जाती हैं,

और फिर उदास होकर डॉक्टर सरिता की तरफ देखते हुए कहती है , आप सच कह रही हैं,  डॉक्टर सरिता अंजलि के दोनों हाथ अपने हाथ में लेकर आंखों से हां करती है ।

रोहित एक होटल में पहुंचता है और जिस क्लाइंट के साथ की मीटिंग थी वह पहले से ही टेबल पर बैठा हुआ था, उसे देख कर वह फाइल उसके आगे फेक देता है , और उसे पूछता है क्या यह बिल्कुल सच है, वह व्यक्ति हां में सर हिला देता है , और रोहित सर पकड़ कर चुपचाप बैठ जाता है और उसके चेहरे के आगे नेहा और रोजी का चेहरा घूमने लगता है । वह उस व्यक्ति को एक कार्ड देते हुए कहता है कि आने के पहले मुझे कॉल कर लेना ,मैं 10:00 बजे मिलूंगा , पर अगर कोई काम हुआ ,तो शायद ना मिल पाऊं इसलिए कॉल करके ही आना ।

और वह व्यक्ति वहां से उसका चला जाता है और रोहित अपनी गाड़ी की तरफ

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