निर्णय (भाग 9) – रश्मि सक्सैना : Moral Stories in Hindi

निर्णय

अंजली को दुखी देखकर डॉक्टर सरिता कहती हैं, मेरी बात पर विचार करिएगा ,और आप बिल्कुल उदास मत होइए, अंजलि मुस्कुराने की जबरन कोशिश करते हुए उठ कर खड़ी हो जाती है ,और कहती है कि मैं फिर कुछ समय के बाद आपको कॉल करती हूं, डॉक्टर सरिता मुस्कुराते हुए अंजलि को गेट तक छोड़ने आती है अंजलि थके हुए कदमों से गाड़ी में बैठती है ।

रोहित का मन उदास हो जाता है व्यक्ति के साथ बात करने के बाद, रोहित को कहीं और भी जाना था लेकिन मूड अपसेट होने के कारण वह भी सीधे घर चला गया ।

अंजलि और रोहित साथ-साथ घर पहुंचते  है, अंजलि को देखकर रोहित पूछता है चेहरा उतरा हुआ क्यों है फ्रेंड की तबीयत ज्यादा खराब है क्या या कोई और प्रॉब्लम है अंजली जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहती है नहीं नहीं ऐसा कुछ भी नहीं है शायद में कुछ थक गई हूं इसलिए ऐसा लग रहा है, अरे हां आप तो लेट आने वाले  थे, फिर जल्दी कैसे , रोहित चेहरे की गंभीरता को छुपाते हुए कहता है मेरा मन नहीं हुआ  जाने का ,  मैं घर चला ।

और दोनों साथ-साथ सीधे बेडरूम में जाते हैं , और बिना कुछ बोले सोफे पर बैठ जाते हैं , शायद दोनों ही किसी उधेड़बुन में  थे ,लेकिन अपनी बात शेयर भी नहीं करना चाहती थे ।

दूसरे दिन उस व्यक्ति का ऑफिस में फोन आता है रोहित कहता है मैं तुम्हारा ही इंतजार कर रहा हूं आ जाओ ।

वह व्यक्ति अपने साथ किसी एक व्यक्ति को और लाया था , जो लंबा मोटा और काला सा लग रहा था उसे देख कर रोहित के शरीर में एक अजीब सी सिहरन दौड़ जाती है , वह व्यक्ति मास्क हटाने की कोशिश करता है , चेहरा देखकर रोहित हैरान हो जाता हैं , और वह उस व्यक्ति से  कहता है कल्लू भाई जान आप मास्क ना हटाइए , कल्लू रोहित को नमस्कार करके वहीं बैठ जाता है और उसके साथ आए हुए व्यक्ति को वह बाहर भेज देता है , रोहित थोड़ा हैरान होकर कल्लू भाई जान से पूछता है इस मकान पर आपने पैसा कैसे दिया क्या आपको नहीं पता था कि इस मकान का अभी बैंक लोन पूरा नहीं हुआ  ।

रोहित भाई इसने मुझे नकली रजिस्ट्री करके मुझसे इस मकान के ऊपर पच्चीस लाख रुपए लिए थे  और हां गाड़ी पर भी, हमारा तो धंधा ही यही है जहां फायदे का सौदा होता है तो छोड़ते नहीं है मुझे लगा कि अगर यह मुझे पैसा नहीं दे पाएगा तो यह मकान और गाड़ी मेरा हो जाएगा ,इसकी ओरिजिनल कीमत तो आप और मैं दोनों जानते हैं , कुछ समय बाद इस मकान और गाड़ी की कीमत एक करोड़ से कम नहीं होगी , रोहित हां में गर्दन हिला कर रह जाता है ,

कल्लू भाई जान से पूछता है आप रोहित को कैसे जानते थे ,

वह कहता है कि जब से इसमें घर वालों के खिलाफ शादी की थी तब से उसके घर खर्च के लिए काफी बार मुझ से पैसा लेकर गया और लौटा भी देता था, लेकिन इस बार इसके घर वालों का इसके ऊपर बहुत दबाव था , इसकी पहली पत्नी भी है , जो गांव में रहती है बचपन में ही शादी हो जाने के कारण वह पसंद की नहीं थी , इसकी बहन की शादी में घरवालों ने इससे पच्चीस लाख रुपए की डिमांड की थी ,कि अगर यह उन्हें पैसा दे देगा ,तो वह इसकी पहली पत्नी से छुटकारा दिलवा देंगे ,और इसकी बहन की भी शादी हो जाएगी ऐसा  ही मुझे बताया था ।

क्या यह बात नेहा जानती है कि राकेश की पहली पत्नी भी थी ,

यह बात नेहा नहीं जानती ,वह कहता था इस पच्चीस लाख के बाद कभी उस पहली पत्नी का जिक्र होगा ही नहीं ,तो मैं नेहा को क्यों बताऊं वह नेहा को बहुत प्यार करता था ,  दिन रात मेहनत करके मकान की किस्त भरने की कोशिश कर रहा था , यू राकेश बहुत अच्छा था बस यहीं पर वो थोड़ा सा झूठ बोल गया ।

रोहित कहता है आपके पास तो कागजात भी झूठे हैं ,राकेश मर चुका है ,तो फिर आप अपना यह पैसा कैसे ले पाओगे ।

कल्लू हसने लगता है ,और कहता है पैसा वसूल ना तो बहुत आसान है, वह कहता है कि उसने मकान और गाड़ी मेरे नाम कर रखा  है  , यह रहा 5 गवाहों के साथ उसके हस्ताक्षर वाला कागज , और अब तो मुझे और अच्छा है मकान के साथ-साथ उसकी बीवी भी मेरी हो जाएगी ,

रोहित जोर से चिल्लाता है कल्लू भाई जान आप अपनी औकात में रह कर बात कीजिए , आपका धर्म और आप का मजहब बेबस और लाचार महिलाओं पर इस तरह से अत्याचार करने की इजाजत देता है आप तो बहुत सभ्य व्यक्ति हैं , यह बातें आप पर शोभा नहीं देती ।

कल्लू भाई जान चुपचाप हाथ जोड़कर माफी मांगते हैं और रोहित से कहते हैं कि आपने मुझे एक गुनाह करने से बचा लिया वह तो मेरी बच्ची की उम्र की है ,रमजान के दिनों में इतनी गंदी सोच ,मैं अपने परवरदिगार से माफी भी नहीं मांग पाऊंगा ।

रोहित कहता है आपका टोटल पैसा कितना है मुझे बताइए ।

पच्चीस लाख और पचास हजार ।

रोहित फोन करके वकील को बुलाता है और कागज़ तैयार करवाता है , सारी फॉर्मेलिटी पूरी हो जाने के बाद उसको कैश पेमेंट देता है , और यह बात की मकान गिरवी रखा हुआ था , नेहा को ना बताने का कल्लू भाईजान सेे वादा लेता है , कल्लू भाई जान अपना पैसा लेकर वहां से चले जाते है ।

रोहित अब यह सोचता है क्या मुझे यह बात अंजलि को बताना चाहिए

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