निर्णय (भाग 10) – रश्मि सक्सैना : Moral Stories in Hindi

निर्णय

रोहित लेटे हुए सोचता है ,नेहा इतना पैसा कहां से लाएगी , पच्चीस लाख बहुत बड़ी रकम होती है , अंजलि से शेयर करने का रोहित का मन होता भी है और नहीं भी होता , रोहित सोचता है कि अगर नेहा की पूरी प्रॉब्लम सॉल्व करने के बाद अंजलि से बात करेगा । अंजलि भी जब से डॉक्टर के पास से आई थी उसका थोड़ा सा मूड अपसेट था वह भी नहीं समझ पा रही थी कि यह बात हो रोहित से कैसे शेयर करें और दोनों ही अनमने मन से बिना कुछ खाए पिए ही सो जाते हैं ।

दूसरे दिन बिना कुछ कहे रोहित नेहा के घर पहुंच जाता है नेहा रोहित को देखकर आश्चर्य में पड़ जाती है क्योंकि सुबह के 11:00 बजे हैं और वह  कुछ देर पहले ही सो कर उठी थी , रोहित नेहा को लोअर टी शर्ट में देखकर एक क्षण को देखता ही रह जाता है नेहा सच में लगी नहीं रही थी कि कोई शादीशुदा बेवा महिला है ।

नेहा हड़बड़ा कर गुड मॉर्निंग सर कहते हुए रोहित को अंदर बुलाती है , रोहित नेहा से कहता है वह बाहर गाड़ी में बैठा हुआ है आधे घंटे में रेडी होकर आ जाना , नेहा आश्चर्य से उसे देखते हुए कहती है सर आप बाहर गाड़ी में बैठेंगे तो मुझे अच्छा नहीं लगेगा इसीलिए आप अपना घर ही समझ लीजिए प्लीज अंदर आ जाइए । रोहित अंदर आकर बैठ जाता है ,  और नेहा से रोजी के बारे में पूछता है , रोजी अभी सो रही है , बस अब उठने वाली है यह कहते हुए वह रसोई में चली जाती है , और जाते  जाते रोहित से कहती जाती है, उस दिन की तरह आप बिना कहे चले मत जाइएगा , मैं चाय बना कर ला रही हूं ,  रोहित उसकी बात का कोई जवाब नहीं देता और बस मन ही मन मुस्कुरा देता है और उसे एहसास होता है कि वह सच में उस दिन उससे बिना कुछ कहे ही चला गया था । नेहा चाय लेकर आती है और साथ में थोड़ा सा नाश्ता टेबल पर रख देती है, और वापस किचन में जाकर रोजी का दूध लेकर आती है और वह भी टेबल पर रख देती है , रोहित नेहा को देखता है वह कुछ परेशान लग रही है, नेहासे पूछ लेता है , एनी प्रॉब्लम ,

नेहा थोड़ी सकुचाती हुई कहती है कि सर रोजी सो रही है मैं रेडी कैसे हो सकती, अगर वह उठ गई तो रोने लगेगी ।

रोहित नेहा  से कहता है , रोजी उठ भी गई तो वह उसे रोने नहीं देगा यह दूध की बोतल से उसको दूध पिला देगा । नेहा रेडी होने चली जाती है ।

इस बीच में रोजी उठ जाती है उसके रोने की आवाज सुनकर रोहित नेहा के बेडरूम में जाकर रोजी को गोद में उठाकर ले आता है रोजी रोहित को अच्छी तरह जानती है ,और उसकी गोद में आते  ही चुप हो जाती है ,बाहर लाकर रोजी को दूध की बोतल दे देता है ,और रोजी खेलते खेलते दूध पीने लगती है ।

नेहा भी रेडी होकर आ जाती है और रोजी को ले जाकर रेडी कर लाती है ।

रोजी को ले जाकर रोहित गाड़ी में नेहा का वेट करने लगता है , नेहा भी आकर पीछे वाली सीट पर बैठ जाती है और रोहित रूबी को लेकर ड्राइवर के पास बैठ जाता है, नेहा ने अभी तक रोहित से यह नहीं पूछा कि हम कहां जा रहे हैं , रोहित को भी थोड़ी हैरानी हो रही थी कि मेरा बिना कुछ बोले बिना कुछ पूछे उसके साथ आ गई, नेहा लगातार गाड़ी से बाहर देख रही थी और रोहित उसको सामने मिरर में देख रहा था, मासूम सा चेहरा चेहरे पर एक छोटी सी काली बिंदी बड़ी बड़ी आंखें पतली सी नाक गोरा रंग उसकी खूबसूरती में चार चांद लगा रहा था, नेहा बेपरवाह होकर लगातार बाहर देखी जा रही थी ,अचानक गाड़ी में ब्रेक लगने से नेहा का ध्यान भंग होता है ,और वह सामने देखती है ,और रोहित से कहती है ,अरे सर हम क्या बैंक आए है ।

रोहित हंसते हुए कहता है आपने मुझसे पूछा ही नहीं कि कहां जा रहे है , तो मैंने भी नहीं बताया । नेहा सुनकर झेप जाती है , और चुपचाप गाड़ी से उतर कर खड़ी हो जाती है ।

रोजी को रोहित की गोद में से लेकर वह चलने लगती है, तो रोहित कहता है ,रोजी को हम अंदर लेकर नहीं चलेंगे आजकल वैसे ही कोरोना का खतरा है ,इसको यही गाड़ी के अंदर ड्राइवर के साथ छोड़ देते हैं और 10 मिनट में तो हम वापस ही आ जाएंगे , ड्राइवर नेहा से रोजी को अपनी गोद में ले लेता है, और नेहा रोहित के साथ बैंक के अंदर चली जाती  है ।

रोहित और नेहा सीधे मैनेजर के केविन में जाते हैं, केबिन में अंदर जाने के पहले नेहा कुछ सोच में पड़ जाती है, उसे याद आ जाता है ,किस तरह से यहां बुला कर इस बैंक मैनेजर ने उसके साथ कैसा व्यवहार किया था ,रोहित समझ जाता है उसकी भावना को और नेहा से कहता है कि तुम अकेली नहीं हो, तुम मेरे साथ यहां आई हो और उसका हाथ पकड़ कर उसे केबिन के अंदर ले जाता है ,मैनेजर रोहित को देखकर खड़ा हो जाता है ,और साथ में नेहा को देखता है तो नमस्ते मैडम कहकर दोनों को सीट पर बैठने के लिए बोलता है ,नेहा के आगे कुछ डाक्यूमेंट्स कर देता है ,और कहता है कि यहां पर आप साइन कर दीजिए ,नेहा को ऐसा लग रहा था कि शायद यहां आने के पहले रोहित में और मैनेजर में कुछ बात हुई है, तभी तो मैनेजर बिना कुछ बोले फाइल पर लगे डाक्यूमेंट्स में साइन करने की बोल रहा है ,नेहा चुपचाप साइन कर देती है ,जहां-जहां मैनेजर बोलता है रोहित एक चेक निकालकर मैनेजर को  देता है कुछ देर इंतजार के बाद मैनेजर नेहा से कहता है , कि अब आपको यहां आने की कोई जरूरत नहीं है ,और बहुत-बहुत बधाई हो  आपकी कार का और मकान का दोनों का लोन की किश्तें पूरी हो चुकी है, और यह मकान और कार अब आप के नाम पर हैं नेहा हैरान होकर रोहित को देखती है ,लेकिन रोहित उसको नहीं देख रहा होता  रोहित सामने बैंक मैनेजर को देख रहा था ,दोनों खड़े हो जाते हैं रोहित और मैनेजर हाथ मिलाते हैं ,और नेहा से नमस्ते करता है इसके बाद दोनों बाहर आ जाते हैं।

नेहा के मन में ढेर सारे सवाल उमड़ घुमड़ कर आ रहे थे, लेकिन वह ड्राइवर के सामने कार में डिस्कस नहीं करना चाहती थी ,वह चुपचाप अपनी सीट पर जाकर बैठ जाती है ,रोहित को देखते ही ही रोजी रोहित की गोद में चली जाती है ,रोहित नेहा का चेहरा मिरर में देख रहा था , लेकिन अब की बार नेहा बाहर नहीं देख रही थी और उसकी नजरों का सामना नेहा की नजरों से हो जाता है ।  रोहित मिरर से अपनी आंखें हटाकर बाहर देखने लगता है

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