निर्णय (भाग 17) – रश्मि सक्सैना : Moral Stories in Hindi

कहानी निर्णय

गतांक से आगे

नेहा अंजलि की हालत देखकर मन ही मन बहुत दुखी होती है लेकिन वह समझ नहीं पाती वह करे क्या , और वह उसके बाद अंजलि को संकोच वश फोन भी नहीं लगा पाती , और उसकी व्यस्तता भी बढ़ जाती हैं क्योंकि घर उसको दोबारा से मैनेज करना पड़ता है और इतने दिन रोजी से दूर रहने के कारण अब रोजी उसको बिल्कुल नहीं छोड़ती थी ।

1 दिन सुबह सुबह रोहित घर आता है लेकिन अब रोहित को अचानक आते देख कर नेहा को अजीब नहीं लगता था , वह चाय बना कर लाती है और दोनों पीते हुए कुछ ऐसी ही हल्की फुल्की बातें करते हैं , रोहित नेहा से उसकी तबीयत के बारे में पूछता है और कहता है कि उसका काम थोड़ा पेंडिंग हो गया था इस कारण वह आ नहीं पाया ,नेहा कहती है मैं समझ सकती हूं इतने दिन तक आप मेरे साथ लगे रहे, उसके लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया ।

नेहा को बड़े ध्यान से देखते हुए रोहित कहता है ,अब आज के बाद अगर तुम्हें कोई प्रॉब्लम हो तो अंजलि को फोन मत करना , और हम से कोई उम्मीद मत रखना,

नेहा यह सुनकर हैरत में पड़ जाती है और वह घबराकर कहती है ,मुझसे कुछ गलती हो गई या अंजलि दीदी को कुछ बुरा लगा बताइए ना मुझसे क्या हुआ जो आप इस तरह से मुझे कह रहे हैं ,अगर कुछ हुआ है तो मैं दीदी से माफी मांग लूंगी ।

नेहा के चेहरे के भाव देखकर रोहित हंस देता है और कहता है अगर इस तरह से बार-बार शुक्रिया कहती रहोगी या धन्यवाद कहती रहोगी तो फिर हम तुम्हारे अपने कैसे हुए,

आज जब रोहित यह कह रहा था तो अचानक से नेहा की आंखें रोहित की आंखों से टकरा जाती है और नेहा अपनी आंखों को हटाने की कोशिश भी नहीं करती ।

नेहा अचानक से बोल पड़ती है क्या अगर सचमुच आप हमारे हैं , तो क्या मैं आपसे कुछ कह सकती हूं ,

रोहित अपनी आंखों से उसे मूक स्वीकृति देता है , ने नेहा सामने वाले सोफे पर से उठ कर रोहित के पास कुछ डिस्टेंस से आकर बैठ जाती है।

नेहा और रोहित को कुछ अजीब इसलिए नहीं लगता क्योंकि नेहा की बेड पर ही काफी समय हॉस्पिटल में रोहित बैठा करता था ,तो उनकी शायद शर्म झिझकटूट गई थी , रोहित नेहा की तरफ प्रश्नवाचक निगाहों से उसकी बोलने का इंतजार कर रहा है ,

नेहा बिना किसी भूमिका के अपनी बात कहना शुरू करती है ,

क्या आप डॉक्टर सरिता को जानते हैं,

रोहित हां में गर्दन हिला देता है

अंजली दीदी उसके पास गई थी ,मुझे लेकर ,क्या आप यह बात जानते हैं,

रोहित थोड़ा आश्चर्य से नेहा को देखता है और कुछ कहता है कि तुम्हें लेकर वहां क्यों गई थी ।

क्योंकि वह मुझे सेरोगेसी मदर के रूप में मेरी कोख खरीदना चाहती थी, रोहित और उसको आश्चर्य से देखता है , नेहा आगे कहना शुरू करती है ,

लेकिन ऐसा कुछ हो नहीं पाया मैं डॉक्टर सरिता की अकेले जाकर मिली थी ,तो उन्होंने बताया की दीदी के अंडाणु शायद एक स्वस्थ बच्चे को जन्म नहीं दे सकते ,

रोहित यह सुनकर और सकते में आ जाता है , नेहा अपनी बात लगातार कहती रहती है, डॉक्टर सरिता ने दीदी को ऑप्शन भी दिया किसी और महिला के साथ आपकी स्पर्म को मेल करके वह मां बन सकती है, रोहित आश्चर्य से बोला कि फिर क्या जवाब दीया अंजलि ने , मना कर आई , लेकिन मुझसे दीदी की तड़प देखी नहीं जाती, एक बार हम दोनों क्या डॉक्टर सरिता के पास चल सकते हैं , मैं इन सब के बारे में बहुत ज्यादा नहीं जानती क्या प्रोसीजर है यह सब आप बेहतर ढंग से उनसे समझ सकती हैं और अगर आपको उचित लगे ,तो जब वह किसी और के लिए सजेस्ट कर रही है तो वह कोई और महिला क्या मैं नहीं हो सकती ।

रोहित उसको आश्चर्य से देखता रह जाता है और नेहा से कहता है तुम कितनी पागल हो नेहा ऐसा तो नहीं कि तुम्हें कोई नहीं जानता हो , तुम्हें पता है तुम्हारी हस्बैंड नहीं है जब तुम प्रेग्नेंट होगी , तो लोग कहेंगे नहीं कि यह बच्चा तुम्हारे हस्बैंड का तो नहीं है फिर तुम कैसे प्रेग्नेंट हुई ।

रोहित नेहा को किसी छोटे बच्चे की तरह समझाने लगता है , नेहा और अंजलि दोनों ही हो तो औरत औरत हो तो उतनी ही अक्ल चली ,पहुंच गई सरिता के पास ,अब सरिता तो तुम्हें ऐसा सजेशन देगी ही ,क्योंकि उसे तो एक मोटी रकम बनानी है ।

यह बात मैं बहुत पहले से जानता था , लेकिन हमने कभी इस संबंध में बात नहीं की , मैंने अंजलि से कहा भी था कि हम किसी अनाथ आश्रम से बच्चे ले लेते हैं , लेकिन जैसे ही मैंने घर में अपने मां पिता से इस बात का जिक्र किया , तो घर में हंगामा हो गया , और इस बात के लिए सबसे ज्यादा टॉर्चर अंजलि को किया गया ,मेरे जाने के बाद उसको टॉर्चर किया जाने लगा उसे एहसास कराया जाता था कि वह मां नहीं बन सकती कई बार उसने डिप्रेशन आकर वह मुझसे दूसरी शादी के लिए भी कहती थी और शायद नेहा तुम्हें यह नहीं पता कि मेरी और अंजलि की लव मैरिज हुई है , मेरठ के कॉलेज में वह और मैं साथ साथ पढ़े , लेकिन उसके मां-बाप नहीं थे ,इसलिए मेरी उससे शादी करना मेरे घर वालों को पसंद नहीं था ।

मुझे यह नहीं पता था कि अंजलि और तुम्हारी निकटता इस कारण बड़ी है ,मुझे लगा था शायद कम उम्र में तुम्हारे हस्बैंड का जाना , अंजली का मन दया से भर गया , मैं अंजली की तरफ से तुमसे माफी मांगता हूं , बच्चे की चाह में अंजलि के सोचने समझने की शक्ति भी शायद कम कर दी , मैंने तुम्हारे ऊपर कोई एहसान किया है यह कभी मत समझना रोजी  का पूरी स्टडी और शादी तक के लिए हमारी तरफ से फिक्स फिक्स डिपाजिट कर दिया जाएगा , बाकी और चीजों का रहा तो सही समय आने पर इन्हीं सेल करके, मैं अपना सारा पैसा वापस ले लूंगा और जो बचेगा तुम्हें दे दिया जाएगा  अपनी पत्नी के मूर्खतापूर्ण इस फैसले से मैं दोबारा तुमसे माफी मांगता हूं और यह कहती कहती रोहित बाहर चला जाता है । नेहा समझ ही नहीं पाती अचानक यह क्या हुआ ।

वह दौड़कर रोहित के पीछे जाती है और उसे आवाज देकर वापस बुलाती है , पर उसका हाथ पकड़ कर कमरे में लाती है ,और सोफे पर एक तरह से धक्का देते हुए बिठाती है, और उसकी गोद में अपना सर रख कर  बच्चों की तरह तेज तेज रोने लगती है , रोहित एकदम घबरा जाता है और वह नेहा से पूछता है क्या हुआ मैंने ऐसा क्या कह दिया क्या मैं अंजलि को यहां बुलाऊं , नेहा रोते रोते बच्चों की तरह उसके दोनों हाथ अपने हाथ में लेकर उससे कहती है मैंने आपसे जो कुछ भी कहा वह आप घर जाकर दीदी से कुछ नहीं कहेंगे , वरना दीदी यह सोचेंगी कि मैं आपसे उनकी बात कहती हूं मेरे परिवार के नाम पर आप लोगों के अलावा मेरा कोई नहीं है प्लीज उनकी निगाह में मुझे ना गिराना ।

रोहित उसके आंसू अपने रुमाल से पोंछते हुए उसको आश्वासन देता है कि हमारी इस बात के बारे में अंजलि को कभी नहीं पता लगेगा । फिर किचन से लाकर उसको पानी देता है , उससे कहता है क्या मेरे हाथ की चाय पियोगी  , नेहा कोई जवाब नहीं देती , रोहित कहता है जाकर अपना फेस वॉश करके आओ बिल्कुल रोज़ी की तरह रोती हो, रोजी रोने में तुम्हारे ऊपर गई है और मुस्कुरा देता है , कहता है अगर रोज़ीउठ गई , तोवह सोचेगी कि मैंने उसकी मम्मी की आज पिटाई कर दी , जब तक नेहा फेस वॉश करती आती है तब तक रोहित दो कप चाय बना कर  ले आता है

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