नई पहल-वंदना चौहान

आज अनु को देखने लड़के वाले आ रहे थे। सुबह से ही घर में तैयारियाँ चल रही थीं कि लड़के वालों के सामने कोई कमी न रह जाए ।

अनु की माँ ने भी उसे अच्छे से कई बार समझा दिया था कि उन लोगों के सामने बहुत ही सलीके से पेश आना है व  प्रश्नों के उत्तर कैसे देने हैं। क्योंकि बहुत ही मुश्किल से यह रिश्ता मिला है और वह इसे हाथ से जाने नहीं देना चाहती।

आज के समय की मॉडर्न लड़की अनु बहुत ही प्रेशर में थी।

शाम को लड़के वाले आए । बहुत ही विनम्रता से उन्होंने बातचीत की। अनु से थोड़ी-सी पूछताछ के बाद उसकी होने वाली सास ने कहा मैं तो तुमसे बहुत खुश हूँ बेटा, अब तुम मेरा इंटरव्यू ले लो क्योंकि आज के बाद मैं भी तुम्हारी सासू माँ बन जाऊँगी तो हम सास-बहू के विचार एक-दूसरे को पता होने चाहिए जिससे कि मैं अपनी प्यारी बहू का स्वागत उसके घर में उसकी पसंद की चीजों से कर सकूँ ।

अनु और उसके घर वाले उनकी बात सुनकर रह गए हतप्रभ रह गए ।

फिर वे बोलीं-  जिस तरह हम लड़कियों से उनके बारे में पूछते हैं और जैसे गुणों वाली बहु हमने सोची होती है वैसी ही मिलने पर रिश्ता तय करते हैं । उसी तरह हमारा कर्तव्य है कि अपनी होने वाली बहू से पूछें कि वह अपनी होने वाली सास में क्या विशेषताएँ चाहती है कि उसकी सास कैसी हो  तभी हमारे परिवार में खुशियाँ रहेंगी।

उनकी यह नई पहल देखकर अनु का सारा डर काफूर हो गया और उसका परिवार तो ऐसी समझदार सास पाकर फूला न समा रहा था।

स्वरचित

वंदना चौहान

आगरा

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