लोग क्या घर चला देंगे – मीनाक्षी सिंह

सिम्मी अपनी पड़ोसन विमला ,रजनी ,कामिनी की बातों से बहुत परेशान रहती थी ! यहाँ तक कि उनकी टोकाटाकी की आदत से वो अब अपने घर से देखकर निकलती थी कहीं तीनों पंचाईतीन बाहर खड़ी तो नहीं ! एक दिन सिम्मी  के पति विमला को बगीचे में शाम  के समय पानी डालते दिख गए होंगे ! तपाक से बोली – ए री सिम्मी ,क्या आज भाईसाहब दुकान नहीं गए ! एक दिन भी दुकान नहीं खोलते होंगे तो कितना नुकसान होता होगा ना ,हमारे तो एक दिन भी काम पर बिना जायें नहीं रहते ! सिम्मी क्या जवाब दें ! क्या बतायें उन्हे कि पतिदेव को सुबह से दस्त हो रहे हैँ ,चक्कर आ रहे हैँ ! अगर ये बताया तो अन्दर ही घुसती चली आयेंगी दिखावा करने कि डॉक्टर को दिखा लिजिये ,ये खा लिजिये ,वो ले लिजिये ! जबकि वो सुबह ही डॉक्टर से दवाई ले आयें हैँ !

आज रजनी बेटी को बाहर खेलता देख बोली – आज मुन्नी स्कूल नहीं गयी क्या सिम्मी ! मेरी रीनी तो एक दिन भी मिस नहीं करती ! बड़ी वो क्या कहते हैँ पनकचुल हैँ ! अब रजनी जी को क्या बताये सिम्मी कि आज ही बीटिया की महावारी शुरू हुई हैँ ,बता दिया तो चार मोहल्ले में बता आयेंगी और बेटी को और घूरकर देखेंगी जिस से पहले से डरी हुई बीटिया रानी और सहम जायेगी !




अब तीसरी  कामिनी जी ,शाम को सिम्मी  को देख बोली – आज तुमने सुबह बाहर झाड़ू नहीं लगायी ,ना ही नहायी हो लगता हैँ ,वहीं कपड़े पहनी हो ,पता नहीं लोग बिना नहाये कैसे रह लेते हैँ  ! अब कामिनी को सिम्मी क्या बोले -शाम को पतिदेव से थोड़ा टिन्न मिन्न हो गयी ,इसलिये गुस्से में एलान कर दिया कि घर के कोई काम को हाथ नहीं लगाऊंगी ! फिर भी बेचारी ने बच्चों के लिए खाना बनाया ,अब नहाने जा रही थी ! पतिदेव से भी सुलह हो गयी अब तो ! बिना कुछ बोले किसी को भी बस हर बार सिम्मी मुस्कुरा देती और बिना जवाब दिये अंदर  चली जाती !

पर एक दिन रजनी की बातों पर बहुत ही गुस्सा आया सिम्मी को ,उसमें बाकी दोनों ने भी नमक मिर्च लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी ! सिम्मी का पारा सांतवे आसमान पर था ! उसने बोलना शुरू किया ! विमला जी मेरे पति दुकान पर जायें य़ा नहीं ,आपसे खाने के लिए मांगने तो आ नहीं रहे ! आप तो बैठोगी नहीं उनकी दुकान पर ! मेरी बीटिया स्कूल जायें य़ा ना जायें रजनी जी  ,आपको तो टीचर कुछ नहीं कह रही ना ,मेरी बेटी हैँ ,उसके भविष्य की चिंता मुझे होनी चाहिये ना कि आपको ! मैने तो कभी नहीं कहा आपकी बीटिया किसी के साथ बाइक पर बैठकर कहाँ जाती हैँ जब आप नहीं होती ! और आप कामिनी जी ,घर मेरा हैँ ,झाडू लगे य़ा नहीं ,आपको क्या लेना देना ! मैं नहाऊँ य़ा नहीं ,आपके घर में तो नहीं घुस रही बिना  नहाये ! मैं तो कभी नहीं कहती आप कहाँ जा रही हैँ ,कहाँ नहीं ! इसलिये मेरे घर में बोलने की कोई ज़रूरत नहीं ! मेरा घर हैँ ,कैसे चलाना हैँ ,वो मैं और मेरे पतिदेव देख लेंगे !

विमला ,रजनी ,कामिनी पहली बार सिम्मी के मुंह से इतना करारा जवाब सुनने  के बाद बुत बनी खड़ी रह गयी ! सिम्मी आज जवाब देकर खुद को बहुत हल्का महसूस कर रही थी !

मीनाक्षी सिंह की कलम से

आगरा

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