एक प्यार ऐसा भी …(भाग -35) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

जैसा कि आप सबने अभी तक पढ़ा कि राजू और निम्मी ने एक दूसरे से प्यार का इजहार कर दिया है ….. राजू आज प्री का पेपर देने भावना मैडम के साथ सेंटर पर आया हुआ है ….. भावना मैडम द्वारा बताये गए कमरे में राजू प्रवेश करता है…..

अब आगे…..

तीन घंटे राजू पेपर में अपनी  चार साल की हुई मेहनत का रंग दिखा रहा है ….. इधर बाहर भावना मैडम अपने सभी ज़रूरी काम छोड़ बस राजू के बाहर आने के इंतजार में खड़ी है ….

तभी उनके पास किसी बच्चे के खड़े अभिवावक आतें है …..

अगर मैं आपको सही पहचान पा रहा हूँ तो आप दुर्गा कोचिंग की मालकिन है ना ज़िनका डंका पूरे शहर में बजता है ??

वो अंकल बोले….

जी…. आई एम भावना डायरेक्टर ऑफ दुर्गा कोचिंग….

इतना बोल भावना मैम दूसरी तरफ देखने लगती है ….

तो फिर आप यहां किसका इंतजार कर रही है ???

अंकल पूछते है …..

जी आपको नहीं पता क्या …. इनकी कोचिंग में कोई   राजू  नाम का लड़का आया था आज से चार साल पहले  पढ़ने…… उसे पढ़ाने में मैडम जी इतनी मशगूल हो गयी कि बाकी बच्चों से तो जैसे ध्यान ही हटा दिया…. मेरे बेटे ने भी लिया था एडमिशन….. पर यही सब देख वो कोचिंग छोड़ आया …..

एक और सज्जन खड़े थे पास में…. वो अंकल जी से बोले…..

अच्छा तो ये बात है …..वही मैं भी सोच रहा कि बड़े लोगों को तो सांस लेने की तो फुरसत होती नहीं….मैडम जी धूप में बाहर खड़ी है …….तो क्या आपका बेटा भी आया है पेपर देने??

अंकल जी पूछते है …..

जी…. मन लगाके पढ़ा है ….. देखते है इनका पढ़ाया हुआ लड़का राजू क्या करता है पेपर में और मेरा बेटा विनय ……

वो अंकल गर्व  से बोले…..

गुड लक टू योर सन ……

भावना मैडम इतना बोल गाड़ी में बैठ गयी……..

पेपर खत्म हो चुका था…..

सभी बच्चे पेपर देकर बाहर आ रहे थे…. भावना मैडम भी गेट पर निगाह गड़ाये बेसबरी से राजू का इंतजार कर रही थी…..

सभी बच्चे आ रहे थे पर राजू दूर दूर तक नजर नहीं आ रहा था……

मैडम की आँखें सामने थी कि तभी उन्हे उनके पैरों में कुछ हरकत महसूस हुई…..

ये क्या …. ये तो राजू था… जो पता नहीं कब आया और भावना मैडम के पैर छूने लगा….

राजू…. तुम कहां से आये…. मैं तो तबसे देख रही हूँ…. तुम दिखें ही नहीं  ??

अच्छा…. ये सब छोड़ो …. टेल हाउ वाज योर पेपर??

भावना मैडम राजू से पूछती है …..

मैम…. इट्स गोन्ना एक्सीलेंट …. मैम आपने कोई  ऐसी बुक  नहीं छोड़ी जो मुझे लाकर नहीं दी…. तो पेपर तो अच्छा होना ही था…

क्लीयर हो जायेगा मैम…. मेंस की तैयारी शुरू करे ??

राजू मैडम से बोला…..

ओह राजू….. सो हैप्पी टू हियर दिस ……इट्स योर हार्ड वर्क ….

भावना मैडम इतनी खुश थी कि उन्होने राजू को गले से लगा लिया …..

राजू और भावना मैडम एक दूसरे की सांसे महसूस कर रहे थे….

भावना मैम अपनी फीलिंग्स पर काबू नहीं कर पा रही थी… उन्होने अपनी पकड़ को और मजबूत कर लिया …..

राजू को जब थोड़ा अजीब लगा तो उसने खुद को भावना मैडम से अलग कर लिया ….

सोरी राजू….. बट तुम्हारे मुंह से यह सुन बहुत खुश हूँ मैं …. तुम्हे बुरा तो नहीं लगा ना ??

भावना मैडम राजू का मन पाने के लिए बोली…..

मैम…. मैं गांव का लड़का हूँ…. मेरे लिए तो यह सब अभी भी अजीब ही है ….. चाहे शहर में रहते हुए मुझे 4 साल होने को आयें…… मेरे हिसाब से तो बस एक प्रेमिका य़ा पत्नी का ही हक होता है एक लड़के य़ा उसके पति को गले लगाने का…. पर कोई बात नहीं …. आप शहर की है तो आपके यहां ऐसा होता है…… बट प्लीज आगे से मेरे गले मत लगना मैम….

राजू साफ साफ बोल गया…..

ओके… राजू…. वंस अगेन सोरी राजू….चले अब ???

भावना मैडम गाड़ी की चाभी घुमाती हुई बोली….

ओके मैम….. राजू गाड़ी में बैठ गया…..

राजू के कुछ और दोस्त थे जो पेपर देने आयें थे…. राजू को गाड़ी में बैठा देख एक लड़के के मुंह से अनायास ही निकल गया…

अभी अफसर बना भी नहीं  भाई तू …. इतनी बड़ी गाड़ी में बैठने लगा है …. तेरी तो निकल पड़ी ….. पर अगले ही पल आगे भावना मैडम को बैठा देख वो लड़का चुप हो गया….

ओह सोरी मैम…आपको नहीं देख पाया….

मैम…. ये लोग भी उधर ही ज़ायेंगे…. इन्हे भी ले चलिये ना???

राजू मैडम से बोला…..

भावना मैम को गुस्सा तो आया पर अपनी ही कोचिंग के लड़के होने की वजह से वो कुछ बोल ना पायी ….

ओके…. जल्दी बैठो….

आरीफ भाई तू भी आ जा…. संतोष , विक्की , जनीब तुम सब आ जाओ…. भावना मैम सबको गाड़ी से छोड़ देंगी….

5 लड़के किसी तरह गाड़ी में एक दूसरे पर गिरते पड़ते बैठ गए…..

मैम एक भाई और रह गया है …. वो आ रहा है …..

संतोष बोला…..

ये मेरी कार है ….प्राईवेट बस नहीं…. इतने ही बहुत है …..

भावना मैम गुस्से से बोली….

भाई अच्छे से बैठ नहीं पा रहे….

विक्की राजू से बोला….

राजू तुम आगे आ जाओ…..

भावना मैम राजू से बोलती है ….

राजू कुछ बोलता उससे पहले आरीफ बोला….

कैन आई??

नो नो..ओनली राजू…..

राजू आगे आकर बैठ जाता है …..

भावना मैम गाड़ी आगे बढ़ाती है ……

तभी राजू का फ़ोन बजता है …..

राजू की अम्मा का फ़ोन था….

राजू के चेहरे पर फ़ोन देख मुस्कान तैर ज़ाती है …..

वो फ़ोन उठाता है ….

फ़ोन उठाते ही राजू बोला…..

निम्मी तू ही है ना ???

हां रे राजू…

पेपर कैसा हुआ तेरा???

अभी मन्दिर से आयी तो सीधा तेरी अम्मा के पास ही आ गयी…..

निम्मी बोली….

निम्मी का नाम सुन भावना मैम के तन बदन में जैसे आग लग ज़ाती है….

राजू मैं ड्राईविंग नहीं कर पा रही हूँ…. प्लीज फ़ोन रख दो ….

मुझे कार ड्राईव  करते टाइम डिस्टर्बैन्स पसंद नहीं…..

बस दो मिनट मैम…. निम्मी घर चली जायेगी तो बात नहीं हो पायेगी…..

राजू बोला…..

भावना मैडम गुस्से में गाड़ी की स्पीड बढ़ा देती है ….

यह क्या गाड़ी सामने ट्रक से टकरा गयी….

ओह…. बहुत खून बह गया है ….

किसी राहगीर की आवाज आती है …..

आगे की कहानी जल्द. … तब तक के लिए खाटू श्याम बाबा की जय

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मीनाक्षी सिंह की कलम से

आगरा

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