खानदान की इज्जत – रोनिता कुंडु   : Moral Stories in Hindi

सुनिए जी… आपको कुछ कहना था… मम्मी के बारे में गीतिका ने अपने पति शशांक से कहा…  शशांक:  अरे यार… फिर से शुरू मत हो जाना तुम… दिन भर काम करके बंदा घर आकर दो घड़ी चैन से सोएगा या फिर घर की महाभारत सुनेगा..? सोने दो मुझे चैन से और खुद भी सो जाओ… … Read more

खानदान की इज्जत – अर्पणा कुमारी   : Moral Stories in Hindi

मेरा नाम माहिर है, अपने घर में सबसे छोटा | अपने मां-बाबा एवं दीदी का लाडला और दादी!!! दादी के तो आंखों का तारा हूं मैं  | उनके अनुसार मैं ही हूं जो उन्हें सोने की सीढ़ी लगाकर स्वर्ग तक पहुचायेगा | पर उनका राजकुमार आज उनकी आंचल की छांव में नहीं ,बल्कि नशा मुक्ति … Read more

छतरी – लतिका श्रीवास्तव   : Moral Stories in Hindi

नहीं …..हमारे खानदान में ऐसा कभी  नहीं हुआ और जब तक मैं जिंदा हूं मैं किसी को ऐसा करने नही दूंगा.. हमेशा की तरह मैंने गुर्रा कर सबको चुप कराने की कोशिश कर दी थी। लेकिन इस बार स्थिति कुछ अलग दिखी मुझे ।आज पहली बार अपने घर में अपनी बात का विरोध करने के … Read more

खानदान की इज्जत बेटी नहीं बेटे के हाथ में भी होती है। – अर्चना खंडेलवाल   : Moral Stories in Hindi

आज वर्मा परिवार में रौनक लगी थी, उनकी बेटी सलोनी की सगाई का समारोह था, पूरा घर फूलों से महक रहा था, सबके चेहरे खुशी से चमक रहे थे, बड़ी मुश्किलों से सलोनी का रिश्ता हुआ था।  शशि जी अपनी पोती की बलाइयां ले रही थी, और बीना जी अपनी बेटी की नजर उतार रही … Read more

ख़ानदान की इज़्ज़त – करुणा मलिक    : Moral Stories in Hindi

बहनजी…… ये तुम्हारी जेठानी कहाँ गई , पिछले चार दिन से दूध ना ले रही…कभी किसी को…. कभी किसी को, दूध देना पड़ रहा है । क़रीब अठारह-बीस साल से दूध दे रहा हूँ पर पहली बार ऐसा हुआ कि दरवाज़े पर ताला लटका है ….. तुम्हें भी ना पता क्या , कहाँ गई ? … Read more

अपनापन का ढोंग क्यों ..? – अर्चना सिंह   : Moral Stories in Hindi

दो दिन से छाया बाजार करने में व्यस्त थी । काफी महीनों से घर में पूजा कराने को सोच रही थी । पर योजना बनाये गए कार्य अक्सर सफल नहीं ही होते हैं । कभी किसी रिश्तेदार की मौत, कभी उसके बच्चों की छुट्टी नहीं कभी कार्यक्षेत्र में कार्यभार ज्यादा आदि । हद तो तब … Read more

खानदान की इज्जत… – रश्मि झा मिश्रा   : Moral Stories in Hindi

“दुनिया में और कोई काम नहीं बचा… कोई कोर्स नहीं रह गया करने को… ले देकर तुम लोगों की सुई वहीं अटक जाती है… अरे भाई कुछ नाम कमाने वाला हुनर सीखो ना… सिखना ही है अगर तो… नहीं तो बैठो घर… पढ़ाई लिखाई खत्म हो गई… ब्याह की जिम्मेदारी मेरी है… मैं ढूंढ रहा … Read more

आईना – अर्चना कोहली ‘अर्चि’  : Moral Stories in Hindi

शाम चार से छह बजे तक महेश जी दुकान बंद करते हैं। आज दुकान से आकर लंच करने के बाद वाशबेसिन में हाथ धो ही रहे थे कि कॉलबेल बजी। महेश ने तौलिए से हाथ पोंछ कर दरवाज़ा खोला तो भैया-भाभी थे। “अरे, भैया-भाभी आप अचानक! आज इतने सालों बाद मेरी याद कैसे आ गई। … Read more

खन्दान की इज्जत – पुष्पा पाण्डेय   : Moral Stories in Hindi

पूजा बारहवीं की परीक्षा नब्बे प्रतिशत अंक से उत्तीर्ण हुई। अब काॅलेज में नामांकन की तैयारी हो रही थी। कोशिश थी कि अच्छे- से-अच्छे काॅलेज में नामांकन हो जाए। उसकी रुचि तो विज्ञान विषय में थी, लेकिन उसके पापा कला क्षेत्र के समर्थक थे। या यों कहें कि अनकहा दबाव था। पूजा ने मनोविज्ञान को … Read more

ख़ानदान की इज़्ज़त – के कामेश्वरी   : Moral Stories in Hindi

सुप्रिया और स्वाति दोनों एक ही ऑफिस में नौकरी करती थी घर पास होने के कारण साथ में मिलकर ऑफिस जातीं थीं । उनका एक दूसरे के घर आना जाना भी लगा रहता था । सुप्रिया की बेटी मधु और स्वाति की बेटी सविता एक ही कक्षा में पढ़ती थी पर अलग अलग स्कूलों में … Read more

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