“सास हो तो ऐसी” –  कविता भड़ाना

घर का माहौल आज बड़ा बोझिल सा हो रहा था  कांता जी कई दिनों से ये बदलाव महसूस तो कर रही थी की दोनों बहुएं आपस में ना तो बात कर रही है और ना ही पहले की तरह घर के कामों में खुशी खुशी सहयोग ही कर रही है,पर उन्हें समझ नही आ रहा … Read more

“जिंदगी एक जंग है” – कविता भड़ाना

“शांति ओ शांति अरे भाग्यवान कहां हो?…मोहनलाल जी बहुत खुशी खुशी मिठाई का डब्बा हाथ में लिए बाहर से ही आवाज लगाते हुए घर में दाखिल हुए”… अजी क्या हुआ क्यों इतना चहक रहे हो, शांति जी रसोई घर से पसीना पोंछते हुए निकली…बस शांति अब तुम्हे और खटने की जरूरत नहीं है, जिस उम्र … Read more

“यादों की अलमारी” – कविता भड़ाना

बात थोड़ी पुरानी है हम जिस कॉलोनी में रहते थे वहां के सभी परिवारों में बहुत ही प्यार,भाईचारा और मेलजोल था किसी की भी बहन बेटी जब अपने ससुराल से आती तो वो पूरी कॉलोनी की मेहमान होती थी और शादी ब्याह चाहे किसी के भी घर में हो, पूरी कॉलोनी की रौनक देखते ही … Read more

“नसीब से मिला सुंदर परिवार” –  कविता भड़ाना : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : “नैना तुम भी आ रही हो ना आज अपनी सोसाइटी की किट्टी पार्टी में” सीमा ने फोन पर पूछा तो नैना ने “नहीं” में जवाब दिया… क्या यार कभी तो अपने लिए भी समय निकाल लिया कर, सभी आ रही है, तू भी आएगी तो मजा आयेगा और सब को … Read more

“हौसले से जिंदगी हसीन” – कविता भड़ाना

पूरे गांव के लोग आज सुबह सवेरे चौपाल पर इक्कठे हो रहे थे…बहुत ही गहमागहमी थी और उत्सुकता भी अपने चरम सीमा पर थी की आखिर ऐसी क्या बात है जो गांव के ही हरिया किसान की छोटी बहू जिसे अभी विधवा हुए मुश्किल से दो महीने ही हुए है, ने चौपाल पर पंचों के … Read more

“अपग्रेडिंग बुढ़ापा” (एक कदम साहस भरा) – कविता भड़ाना

क्या???? ये क्या सुन रहे है हम मां… क्या कह रही हो आप?? ऐसा भी कही होता है क्या… रेवती जी की बात सुनने के बाद दोनों बेटों और बहुओं के मुंह आश्चर्य से खुले रह गए…  क्यों बच्चो ऐसी क्या अनोखी बात कह दी मैने जो तुम लोग इतना हैरान हो रहे हों… आज … Read more

ख्वाइशों के बुलबुले – कविता भड़ाना

“मैं चली मैं चली, देखो प्यार की गली मुझे रोके ना कोई, मैं चली मैं चली” जब जब सायरा बानो जी का ये गाना देखती हूं, मेरे हृदय पर जैसे सांप लोटने लगता है, तन बदन में आग लग जाती है और ईर्ष्या के मारे मेरा ब्लड प्रेशर हाई होकर ब्लास्ट हो जाता है…. अरे … Read more

प्यार से बंधी रिश्तों की डोर” – कविता भड़ाना

“हाय कितनी गर्मी हो रही है” पसीने को पोंछती हुई माही बड़बड़ाते हुए बोली…दोपहर के 2 बजे अप्रैल माह की चिलचिलाती गर्मी में माही अपनी 10वर्षीय बेटी परी को लेने घर से थोड़ी दूर बस स्टॉप पर आई थी, उसके जैसे और भी कई पैरेंट्स अपने अपने बच्चों को लेने आए थे, गर्मी से सबका … Read more

“बेटी की बद्दुआ ” – कविता भड़ाना

एंबुलेंस के सायरन की आवाज जैसे जैसे करीब आती जा रही थी कनिका का हृदय आशंका और वेदना से फटा जा रहा था, घर – परिवार के सभी लोग इक्कठा हो चुके थे और आंखों ही आंखों में शायद सभी एक दूसरे को जवाब भी दे रहे थे,…  आज सुबह ही तो पापा से अस्पताल … Read more

“जिंदगी का फैसला” – कविता भड़ाना

गुस्से से तमतमाते हुए सुनील ने भड़ाक से दरवाजे पर लात जमाते हुए चिल्लाया ” बाहर निकल आज तुझे छोडूंगा नही समझती क्या है अपने आप को” कमरे में खुद को बंद कर सीमा डर से थर थर कांप रही थी, क्या करे ये सोच ही रही थी की तभी दरवाजा एक झटके से खुल … Read more

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