आत्मसम्मान सर्वोपरि – कविता भड़ाना
सुबह से चाय के इंतजार में बैठे “रामदयाल जी” आज खुद को बेहद लाचार सा महसूस कर रहे है।एक समय सरकारी अफसर रहे रामदयाल जी की सुबह नौकरों की फौज द्वारा उनके एक एक काम को करने के लिए तत्पर रहने से लेकर, पत्नी “राधिका”के निर्देशों में बने तरह तरह के स्वादिष्ट पकवानों से होती … Read more