प्यार “एक एहसास” – कविता भड़ाना

“सुमन आज बहुत खुश थी क्योंकि आज “सुमित” अपनी बहन के घर दो दिनों के लिए आ रहा था और ये बात सुमन को उसकी चाची की बहु यानी सुमित की बहन राधा ने बताई थी… संयुक्त परिवार में रहने वाली सुमन के पिता चार भाई है और सभी एक साथ बहुत बड़े हवेलीनुमा घर … Read more

“वक्त का तराज़ू ” – कविता भड़ाना

“प्रिया की जब आंखें खुली तो उसने खुद को अस्पताल के बेड पर पाया। उसके हाथ को थामे पास बैठे सुधांशु को देख प्रिया के होंठ फड़फड़ाए और धीरे से बोली “पानी”.. सुधांशु ने प्रिया को पानी पिलाया और डाक्टर को बुलाने चला गया। प्रिया की आंखों के सामने पिछली रात की घटना चलचित्र की … Read more

स्वाभिमान और अभिमान –  कविता भड़ाना

आखिरकार आज “स्वाभिमान” और “अभिमान” का टकराव हो ही गया था। अपने जीवन के महत्वपूर्ण साल अपने परिवार को देने के बाद “मनीषा” ने जब अपनी खुशी और पहचान के लिए कुछ करना चाहा तो अभिमानी “अजय” को ये सहन नही हो पा रहा था।  रिश्ता बेशक दोनो का पति – पत्नी का है पर … Read more

“एक दूजे के सहारे रिश्ते प्यार भरे” – कविता भड़ाना

“प्रिया”, “प्रिया”…. बेटा कहां हो? पुकारती हुई सुलभा जी ने देखा की उनकी नई नवेली बहुरानी ड्राइंग रूम में बैठी ऊंघ रही है….. दिसंबर महीने की कड़कड़ाती ठंड में 5बजे उठ कर नहा धोकर तैयार बैठी अपनी बहु को देख सुलभा जी को बड़ा प्यार आ रहा था, उन्होंने धीरे से जाकर प्रिया को जगाया … Read more

“कलयुगी अन्याय  – कविता भड़ाना

अस्पताल के बिस्तर पर लेटे हुए सुरेंद्र जी गहरी सोच में थे, चोटों की वजह से पूरा शरीर भयंकर दर्द कर रहा था पर शरीर की चोटों से अधिक उनका मन आहत था। पांच भाईयो में सबसे छोटे और सबसे अधिक सेहतमंद  सुरेंद्र ने कभी सपने में भी नही सोचा था की उनके सगे भाई … Read more

” चाहत का उपहास” – कविता भड़ाना : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : “सोनम के लिए जब उसकी छोटी भाभी ने अपने भाई के साथ रिश्ते की बात ससुराल में कही, तो मानों भूचाल ही आ गया…  सोनम की मां, और छोटी बहु की सास दहाड़ कर बोली “तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई मेरी नाजों से पली बेटी के लिए अपने गंवारू भाई … Read more

 सुखांत??? – कविता भड़ाना

“इस धूप छांव से जीवन में,  होने लगे कैसे कैसे व्यापार प्रभु अर्थी भी अपनी पसंद करो अब, और साजो सज्जा का सामान भी…  मर के देख ना पाया जो कुछ अभी तक,  अब जीते जी देख परख कर जाओ सब”   जीवन की संध्या बेला में, जब परिवार के बड़े – बुजुर्गो की एक … Read more

“भरोसे का खून” – कविता भड़ाना

लक्ष्मी सूनी -सूनी आंखों से एकटक अपने घरौंदे को बिखरते हुए देखे जा रही थी, जिस इंसान के लिए उसने अपनी सगी बहन के भरोसे को कुचल के रख दिया था, वही उसे दूध में से मक्खी की तरह निकाल फेंकेगा ये तो कभी सोचा भी नहीं था, पर जिस रिश्ते का आधार ही स्वार्थ … Read more

“छोटा प्रयास बड़ा बदलाव” – कविता भड़ाना

आजकल शादियों का मौसम है।  आप लोगों का भी शादी और उससे जुड़े दूसरे समारोह में आना जाना लगा ही होगा। कल रात मेरा भी दो शादियों में जाना हुआ। में, मेरी दोनों बेटियों और पतिदेव के साथ अपने करीबी रिश्तेदारों के यहां गई थी। बड़ा ही सुंदर फार्म हाउस था। बिजली की रंग बिरंगी … Read more

“नई सोच” – कविता भड़ाना

अरे रोहन बेटा, आज भी तुम ही  सब्जी ले रहे हो? “जी आंटी, मम्मी को तीन दिन से बुखार और कमजोरी भी है बहुत, तो में ही सब्जी लेने आया हूं। पर बेटा तुम स्कूल भी नही जा रहे हो दो दिन से, पियूष (पड़ोसन का बेटा) ने बताया था मुझे…. जी दरअसल पापा कुछ … Read more

error: Content is Copyright protected !!