यादें मिट क्यों नहीं जाती? ( भाग-5 ) : Moral stories in hindi

पिछले भाग में आपने पढ़ा कि अनुराग और रश्मि एक दूसरे को चाहते थे लेकिन दोनों में से कोई खुलकर अपनी भावनाओं को प्रकट नहीं कर पा रहे थे। एक दिन हिम्मत करके अनुराग ने अपनी चाहत को उसके सामने रखा। उसके जवाब में रश्मि ने सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए उसके प्रति समर्पण की भावना … Read more

यादें मिट क्यों नहीं जाती? ( भाग-4 ) : Moral stories in hindi

 आपने पढ़ा कि राम नरेश बाबू कोर्ट-कचहरी के चक्कर में हमेशा बाहर ही रहते थे। हवेली की सारी जिम्मेवारी सुमित्रा देवी पर थी। फिर भी व्यस्तता के बावजूद वह यदा-कदा रश्मि की पढ़ाई के संबंध में जानकारी लिया करती थी। अनुराग और रश्मि के बीच नजदीकियांँ बढ़ने लगी थी। दोनों अपने भावी जीवन की रूपरेखा … Read more

यादें मिट क्यों नहीं जाती? ( भाग-3 ) : Moral stories in hindi

आपने पढ़ा कि आपसी विचार-विमर्श और अनुराग की सहमति के बाद वह रश्मि को नियमित पढ़ाने लगा। इस दरम्यान वह रश्मि के सौंदर्य और प्रगतिशील विचारधारा से प्रभावित होकर उसकी ओर आकर्षित होने लगा, फिर भी वह अनहोनी की आशंका के वशीभूत वह अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखता था। अक्सर अनुराग, रश्मि की बड़ी … Read more

यादें मिट क्यों नहीं जाती? ( भाग-2 ) : Moral stories in hindi

आपने पढ़ा कि भूतपूर्व जमींदार के पुत्र राम नरेश बाबू को जब अपनी मित्र-मंडली और चाटुकारों से पता चला कि उनके कस्बे में अनुराग नामक युवक ने बी. एस. सी. किया है, तब उन्होंने अपनी पुत्री  रश्मि को उससे ट्यूशन पढ़वाने का मन बना लिया था क्योंकि शादी की उम्र हो जाने के बाद भी … Read more

यादें मिट क्यों नहीं जाती? ( भाग-1 ) : Moral stories in hindi

   उसके लिए घर-गृहस्थी की गाड़ी खीचना विवशता थी। मांँ-बाप ने जिसके साथ विवाह कर दिया था, उससे पिंड छुड़ाना उसके वश की बात नहीं थी। चाहकर भी वह ऐसा नहीं कर सका था।   पति-पत्नी में बर्फ का ठंडापन और हारे हुए खिलाड़ी की उत्साहहीनता व्याप्त थी।   कभी-कभी उसकी इच्छा होती थी कि घर का त्याग … Read more

error: Content is Copyright protected !!