मोहताज – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

आज मैं मोहताज नाम की बेड़ियों से मुक्त हो गई हूँ , आज मैं किसी की मोहताज नहीं रही , न ससुराल की मोहताज और न मायके की।  आज से मैं आत्मनिर्भर हो रही हूँ।  अब कोई मुझे मोहताजगी का ताना नहीं मार पायेगा।   यही सब सोच कर मन ही मन ख़ुशी और उत्साह से … Read more

मुस्कान – बीना शर्मा : Moral Stories in Hindi

“मम्मी जी जल्दी से खाना दो ना बहुत जोर की भूख लगी है” ऑफिस से आते ही मनोज ने अपनी मम्मी मधु से कहा तो रोजाना शराब के नशे में देर से घर आने वाले अपने बेटे को आज सही वक्त घर पर देखकर मधु का चेहरा खुशी से खिल उठा था बेटे को गरम-गरम … Read more

रिश्तों में कुछ देख कर भी अनदेखा करना होता है-मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi

शादी ,हनीमून खत्म हुआ••• अब आर्या अपने जाने जहां हर्ष नौकरी करता था, की तैयारी शुरू करने लगी। देखो•• कल की ट्रेन है•• सारी पैकिंग हमें आज ही करनी होगी•• ताकि कल तक हम निश्चित हो सके। कहते हुए हर्ष आर्या को अपने बाहों में भर लेता है।  पर इतनी सारी पैकिंग क्या कल तक … Read more

मैं किसी की मोहताज नहीं होना चाहती – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

हेलो , हां बेटा क्या कर रही हो मम्मी झाड़ू लगा रही हूं बेटा। क्या मम्मी जब भी आपको फोन करों तो कभी झाड़ू लगा रही हैं कभी पोंछा लगा रही है तो कभी कपड़े धो रही दिनभर काम ही काम कभी फुर्सत में बैठती है कि नहीं। मुझसे भी बात करने का समय नहीं … Read more

खुशियों की जड़ें – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

मां कल हम लोग होटल जाएंगे ….स्कूल से आते ही नमन ने बैग एक तरफ रखतेहुए उत्साह से कहा तो पूर्वी ने खाना गर्म करते हुए पलट कर  प्रश्नवाचक दृष्टि उसकी तरफ डाली। क्यों मेरे हाथ का खाना तुझे अच्छा नहीं लगता क्या !!पूर्वी ने उसकी थाली लगाते हुए कहा। नहीं मां कल न्यू ईयर … Read more

मोहताज – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

मै इन्दु, मृत्यु शैया पर पड़ी हुई हूँ ।बहुत उम्र हो गई है ।लेकिन पता नहीं कबतक कष्ट भोगना लिखा है ।पन्द्रह साल की थी तब पिता जी ने एक अच्छा घर वर देख कर ब्याह दिया ।ससुराल में सब अच्छे थे।सासू माँ  नहीं थी।ससुर जी थे।लेकिन और चचेरे परिवार ने खूब प्यार दिया ।मै … Read more

खुद के लिए जिऊंगी – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

पिता की मृत्यु के बाद सभी भाई – बहनों में वर्षा ही थी जो घर को सहारा देकर परिवार की बागडोर सम्भाल सकती थी । चार भाई बहनों में वर्षा दूसरे नम्बर पर थी उससे बड़ी निशा थी फिर दो छोटे भाई  महेश और मनीष । पिताजी  ट्यूशन पढ़ाकर अपना गुजारा करते थे ।उससे ही … Read more

पतझड़ – कुमार किशन कीर्ति : Moral Stories in Hindi

रविवार का दिन था। सप्ताह का वह दिन जब पूरा परिवार आराम से अपनी दिनचर्या के साथ बिता सकता है। अवकाश होने के कारण, मैं उस दिन घर के बरामदे में बैठकर चाय पीने का आनंद ले रहा था। आस-पास का माहौल बेहद शांति से भरा हुआ था। मेरे घर का स्थान सड़क के किनारे … Read more

दान धर्म – हेमलता  : Moral Stories in Hindi

मां ..यह सब क्या नाटक है हर शनिवार को आप मंदिर आती हो और बस बाहर बैठे इन भूखे नंगो के लिए आपका दान धर्म शुरू हो जाता है, ऐसे करके तो आप एक दिन हमको कंगाल कर दोगी, हर चीज एक निश्चित सीमा में हो तो ठीक रहता है आपको तो लाना ही बेकार … Read more

मोहताज वाली जिंदगी – रोनिता कुंडु  : Moral Stories in Hindi

मम्मी, निवेदिता दीदी आई है! चाहत में अपनी सास रमा जी से कहा,  रमा जी:  क्या? निवेदिता? वह लोग आ गए मनाली घूम कर? चलो पूछती हूं, यह कहते हुए रमा जी दौड़ती हुई अपने कमरे से बाहर आई, फिर कहा अरे निवेदिता तुम लोग कब आए मनाली से?  निवेदिता: कल ही आई मम्मी और … Read more

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