अनजाना डर – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “माँ तुम अब बदल गई, पहले जैसी नहीं रही…!!”बेटी कली बोली जो भाई की शादी के बाद कुछ दिनों के लिये मायके आई थी…। कनक बेटी की बात सुन सोच में डूब गई, फिर बोली “तुम्हे ऐसा क्यों लगा “…।     “माँ, पहले जो हर गलत बात के लिये भिड़ जाती थी, … Read more

इल्जाम सिर्फ एक पर ही क्यों..? – रोनिता कुंडु  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अरे रामू..! आज तुम यहां..? मां कहां गई..? आशा जी ने अपने घर के सामने सब्जियों का ठेला लगाने वाले रामू से पूछा.. वैसे वहां ठेला रामू की मां मालती ही लगाती है, पर कभी जो मालती कहीं जाती या बीमार होती, तो उसके बदले रामू ठेला लगाता…  उस दिन … Read more

दूरी ये सही न जाए – डॉ संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ट्रेन पूरी स्पीड से अपने गंतव्य की तरफ बढ़ रही थी,उसके हिचकोलों से सभी यात्री ऊंघ रहे थे,कुछ सो गए थे और कुछ सोने वाले थे लेकिन राम की आंखों से नींद आज बिलकुल गायब ही हो चुकी थी…रह रह कर गौरी का सुंदर मुखड़ा ,उसकी आंखों के सामने तैर … Read more

बहु ने ससुर जी पर चोरी का इल्जाम लगाकर उन्हें घर से निकाल दिया !- स्वाती जैन : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज दिवाली के मौके पर जब सभी वृद्ध दोस्त एक – दूसरे को दिवाली विश कर रहे थे , तो अचानक किशोर जी फुट – फुटकर रो पड़े। क्योकि उन्हे अपने घर की याद आ गई थी , आती भी क्यों ना… अभी वृद्धाश्रम आए एक महिना ही तो हुआ … Read more

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