मां कहां गई – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

सामने नीम का पेड़ खड़ा लहरा रहा था। ऐसा लग रहा था कि वह कह रहा हो “आओ बेटा तुम्हें अपनी आगोश में ले लूं ।तुम्हें चिंता करने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है।” बस अपनी कुछ उम्मीद को लेकर मैंने मायके के दहलीज में कदम रखे थे यह सोचकर कि शायद मेरे कदम रखते … Read more

अभागन – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

“निशा…निशा…तुमने कुछ सुना…?”हडबड़ाती हुई कुसुम की आवाज सुन कर मैं थोडा़ घबरा गई। अभी चंद हफ्ते ही गुजरे थे मुझे यहां आए हुए, मैं न तो किसी को जानती ही थी न ही ऐसा मौका भी मिला था। “क्या हुआ कुसुम?”मैं संदेहात्मक रवैये से पूछा तो उसने बहुत ही दुख भरे लफ्जों में कहा “वो … Read more

अटूट बंधन- सीमा प्रियदर्शिनी सहाय । Moral stories in hindi

“यह हो गई तुम दोनों का गठबंधन…सदा सौभाग्यवती रहो…!तुम दोनों की जोड़ी सलामत रहे…!” रीमा भाभी ने अपनी ननद आकांक्षा और नंदोई अनय के शादी का जोड़े के गांठ बांधते हुए कहा। शादी हो गई थी गठबंधन भी हो चुके थे बस फेरे पड़ने थे फिर विदाई। फेरे के बाद माहौल बहुत ही ज्यादा ही … Read more

एक नई सुबह – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय: Moral stories in hindi

“बस….चुप हो जाओ…राघव…! बहुत देर से मैं तुम्हें सुन रहा हूं. ऐसा लगता है कि बस तुम ही जवान  हुए हो इस घर में और कोई नहीं! तुम्हें ना अपने मां बाप का सम्मान है और ना ही रिश्ते नातों का लिहाज  है। तुम्हें बताने में शर्म नहीं आई… कैसे बेहया इंसान हो तुम..।अब तुम … Read more

सोच को बदलने की जरूरत है – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय   : Moral stories in hindi

“आयुष यह तुम क्या कह रहे हो…अब तुमने अपने लिए लड़की भी पसंद कर लिया… तुम्हें इस घर की अपनी खानदान की इज्जत बिल्कुल भी नहीं है क्या?? तुम्हारे इस कदम से तुम्हारे दादा-दादी और बड़े पापा और बड़ी मम्मी पर क्या असर पड़ेगा यह तुमने सोचा है और तुम्हारे भाई बहनों पर….!!!  बिल्कुल भी … Read more

रेत से भरे रिश्ते – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय   : Moral stories in hindi

“यह दुनिया है माया का फेरा…यहां न सुबहा ना शाम का डेरा…!” अंजली अपनी आँखों में आँसू लिए बैठी खुद को कोस रही थी। कितनी बेरहम है दुनिया…कोई किसी का नहीं होता…!. अब क्या करे वह  ..किसी को बताएगी तो कोई यकीन भी नहीं करेगा…फिर बेवकूफी भी तो उसी ने की थी। साहिल से तो … Read more

एक नई पहल – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय  : Moral stories in hindi

“आ गए आप… क्या कहा लड़के वालों ने?” “ उन लोगों ने सब ठीक है…!”ठंडी सांस लेते हुए प्रमोद बाबू ने कहा। “ जरा एक कप चाय पिला दो।थोड़ी थकान उतार लूं।” “अभी लाई।” यह कहकर उनकी पत्नी मानसी देवी चाय बनाने चली गई।  चाय बनाते हुए उनकी आंखों से आंसू निकल आए। कितना मुश्किल … Read more

खोखले होते हुए वृक्ष – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral stories in hindi

रात के 11:00 बज रहे थे। टकटकी लगाए हुए माधवी जी अपने मोबाइल को घूरती जा रही थी…एक फोन का इंतजार में…!! भारत में जब मध्य रात्रि होती थी तब अमेरिका में सुबह। वह अपने बच्चों के लिए रात रात भर जाग कर दिन रात एक कर दीं थीं लेकिन बच्चे…!एक फोन तक नहीं कर … Read more

पत्नी नहीं मेरी शक्ति…! – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय  : Moral stories in hindi

विनायक एक आम आदमी था। महीने के तीसों दिन कोल्हू के बैल की तरह खटने के बाद बड़ी मुश्किल से महीने के अंत में एक साधारण सी तनख्वाह आती थी, जिससे बड़ी मुश्किल से उसके घर का खर्चा चल रहा था।  बच्चों की पढ़ाई लिखाई, घर का किराया,उसके वृद्ध और बीमार माता पिता की दवाइयाँ, … Read more

तुम हो मेरी पहचान – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral stories in hindi

रिद्धिमा  किसी से फोन पर बात कर रही थी।बात करते हुए ही वह रो पड़ी। उसे समझ में नहीं आ रहा था किबं वह क्या करे क्या ना करे…!!!  बड़ी मुश्किल से उसने अपने आप को संभाला।  बेटी मेघा दूसरे कमरे में पढ़ रही थी। उसने बड़े मुश्किल से अपने भावनाओं को कंट्रोल में रखकर … Read more

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