एक गृहलक्ष्मी की चाह “आत्मसम्मान” – संध्या सिन्हा: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : रसोई का सारा काम निपटा कर विभा अपने बेडरूम में आयी तो देखा वैभव बड़े आराम से सो रहे थे लेकिन तकिया नीचे गिरा हुआ था। उसने एक प्यार भरी निगाह ड़ालते हुए तकिया बेड़ पर रख कर शावर लेने चली गयी। लौट कर आयी तो वैभव को कोई किताब … Read more

स्नेह के तार – संध्या सिन्हा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  मेरी छोटी बहन की शादी की सिल्वर जुबली में मेरा मायके जाना हुआ क्योंकि मेरी छोटी बहन भी उसी शहर में रहती हैं। शाम की पार्टी में जब मैं उसके घर पहुँची तो अजीब सुखद अहसास हुआ मुझे।,मेरी माँ के पास मेरी इकलौती मामी बैठी थी। वह मुझे देख कर … Read more

समझौता नहीं समर्पण – संध्या सिन्हा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “ अरे! यह क्या शुभी तुमने चाय के साथ वो वाले नमकपारे नहीं दिए माँ ने अपने हाथों से बनाकर भेजे थे।” “ इतने नमकीन तो है ना नाश्ते के बाउल में तभी आपको चैन नहीं, “भुनभुनाते हुवे वह नमक पारे लेने चली गयी। और राहुल मुस्कुराता रहा। कविता को … Read more

दिया और बाती हम…. – संध्या सिन्हा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज आठ बजने को आए और निलेश अभी तक ऑफ़िस से नहीं आए… फ़ोन भी नहीं उठा रहे… शायद ड्राइव कर रहे है… नीता ने मन में सोचा… पर फिर भी थोड़ी आशंका से दिल घबरा भी रहा था…वह बार-बार ईश्वर से निलेश की रक्षा की प्रार्थना कर रही थी … Read more

बहू भी थक जाती है… – संध्या सिन्हा  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सौम्या की शादी को अभी चार माह ही हुए थे। फिर भी उसने एक बात अच्छे से जान ली थी कि उसकी सासूमाँ दूसरी औरतों की तरह नहीं हैं और बहुत अच्छी हैं।हनीमून से आने के बाद सौम्या को भी ऑफिस जॉइन करना था। पहले ही दिन जब सौम्या ऑफिस … Read more

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