अपना घर – संध्या सिन्हा

मॉल ऑफ़ इंडिया में अपनी सहेली शिखा के साथ चहलकदमी करते हुए  तनिष्क के शोरूम की ओर बढ़ गई थी सुहासिनी. शो केस में छोटे-छोटे  डायमंड के ईयररिंग ने उस का ध्यान आकर्षित किया  क्योकि बेटी टीना का जन्मदिन आने वाला था।पर सेल्स- गर्ल की ओर पलटते ही वह कुछ यों चौंकी मानो सांप पर … Read more

रिश्ते हमेशा बराबरी वालों से बनाना चाहिये : Moral stories in hindi

बेगम अजरा ने अचानक इकरा को आते देखा तो.. बुरी रही हैरान -परेशान हो गयी।वह इकरा से पूछे जा रही थी… “तू  ऐसे कैसे??? इतनी सुबह कैसे??? तुम अकेली क्यों??? सब ठीक तो है???सूफ़ीनामा( दामाद) जी कहाँ हैं???” इकरा ने बस इतना जवाब दिया कि—–“  उस्मान ने मुझे तलाक़ दे दिया है।” इतना कह वह … Read more

बंद करो अपना ये नाटक! – संध्या सिन्हा : Moral stories in hindi

“गोल्स पाने की खुशी तभी महसूस होती है, जब उसे किसी के साथ शेयर कर सको।” यह सोच कर हाथ में मिठाई का डिब्बा लिए हुए रोहनी घर में प्रवेश करती है । तभी सोमेश कहता है मां ! ” क्या आज फिर आपको छोड़ने मनोज जी आए थे” ? हां तो ? तुमने आज … Read more

जिन्दगी जीने के दो ही तरीके होते है – संध्या सिन्हा  : Moral stories in hindi

“हेलो मैम! ऑर यू अपेक्षा मॉम???” “एस! पायलट” “अपेक्षा इस माई को-पायलट। शी इस वेरी नाइस एंड गुड पर्सन।” “ओह! हाय! हाउ ऑर यू??” “फ़ाइन। यू लुक लाइक अपेक्षा!” “एस! बट शी लुक लाइक मी या मी लाइक अपेक्षा??” कहने को तो अपेक्षा की माँ ने कह दिया कि- “अपेक्षा मेरी जैसी है या मैं( … Read more

एक स्त्री की चाह “आत्मसम्मान”- संध्या सिन्हा  : Moral stories in hindi

रसोई का सारा काम निपटा कर विभा अपने बेडरूम में आयी तो देखा वैभव बड़े आराम से सो रहे थे लेकिन तकिया नीचे गिरी हुई थी। उसने एक प्यार भरी निगाह ड़ालते हुए तकिया बेड़ पर रख कर शावर लेने चली गयी। लौट कर आयी तो वैभव को कोई किताब पढ़ते हुए देख चौंक गयी। … Read more

ख़िलाफ़ – संध्या सिन्हा   : Moral stories in hindi

जब किसी औरत का पति नहीं रहता तो वह दूध मे चीनी की तरह अपनी संतान की गृहस्थी में मिल जाती है। पर …यदि किसी पुरुष की पत्नी नही रहे तो वह अपने ही घर में अपनी ही संतान की गृहस्थी में दूध में मलाई की तरह हो जाता है । दूध का अंग होकर … Read more

किस्मत का खेल – संध्या सिन्हा : Moral stories in hindi

आँटी प्लीज़ मेरी कुछ हेल्प कर दीजिए।” आज थोड़ा समय निकाल कर पास के मॉल “ गौर सिटी मॉल” आयी थी। मैंने पलट कर देखा तो क़रीब सात-आठ साल की होगी वह लड़की।उसके हाथ में सामानों की लिस्ट थी। मैंने कहा-“ तुम्हारी मम्मा कहा है?? तुम अकेले तो आयी नहीं होगी???” “ वो मेरी दादी … Read more

आशीर्वाद या श्राप: hindi stories with moral

hindi stories with moral : “कल अपने ऑफिस से छुट्टी के लेना बेटा… “सरला(मेरी देवरानी) बोली। “ क्यों माँ???” बेटी अनु बोली। “ कल तुझें लड़के वाले देखने आ रहें।” “अच्छा माँ।” दूसरे दिन अम्बरीश अपने माँ-पापा संग  आया और उनको सरला की बिटिया पसंद आ गई और अम्बरीश की माँ ने अनु को अपने … Read more

नसीहत – संध्या सिन्हा  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “माँ तुम्हारे खर्चे बढ़ते ही जा रहे है… कोई कंट्रोल नहीं है तुम्हारे खर्चे पर… तुम्हें ज़रा भी अंदाज़ा है कि.. कितनी मेहनत से हम पैसा कमाते है…तुम हो कि… हमने कोई धर्मशाला नहीं खोल रखी है जो…नित्य तुम्हारे रिश्तेदार मुँह उठाए चले आते है…अब पापा नहीं है.. ये घर … Read more

मैं उसकी होने वाली पत्नी ही नहीं… किसी की बेटी भी हूँ – संध्या सिन्हा  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : राधा की बेटी कि सगाई अभी दो महीने पहले ही हुई थी और चार माह बाद ब्याह होने को हैं। आजकल वो और उसका पति उसी की तैयारी में लगे रहते हैं।  आज दोनों उसके लिए कुछ अपने पुराने ज़ेवर के बदले और कुछ पैसे लगा कर दो सेट ज़ेवर … Read more

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