दुर्गा का दसवां अवतार – डॉ. पारुल अग्रवाल  : Moral stories in hindi

पूरी सोसायटी में उसके गाए हुए भजनों की धूम रहती थी। नवरात्रि हो या गणेश पूजन सबको एकजुट करना और पूरे वातावरण को एक अलग ही सकारात्मक आभा से ओत प्रोत कर देना उसकी खूबी थी। नाम तो उसका अवनि था पर किसी के लिए वो भाभी थी तो किसी के लिए दीदी। बच्चों के … Read more

संस्कारों की लेखनी – डॉ. पारुल अग्रवाल  : Moral stories in hindi

आज दुल्हन के लिबास में रिया बहुत ही खूबसूरत लग रही थी। ऐसा लग रहा था कि मानो जैसे कोई अप्सरा उतर आई हो। दिव्या की तो जैसे जान बसती थी उसमें,उसकी विदाई का सोच सोच कर दिव्या का कलेजा मुंह को आ जाता। अपने अधर पर मुस्कान सजाए वो अंदर ही अंदर टूट रही … Read more

पहली रसोई – डॉ. पारुल अग्रवाल  : Moral stories in hindi

निशि बहुत ही प्यारी सी लड़की थी। वो काफ़ी पढ़ी लिखी और शहर के प्रसिद्ध स्कूल में अध्यापिका के पद पर कार्यरत थी । उसका साधारण सा मध्यमवर्गीय परिवार था। बहुत अमीर तो वो नहीं थे पर उसके माता पिता ने अपनी तरफ निशि और उसके भाई बहन को अच्छी परवरिश देने में कोई कसर … Read more

दो हंसों का जोड़ा – डॉ. पारुल अग्रवाल  : Moral stories in hindi

वैभव ने यूपीएससी  की परीक्षा उत्तीर्ण करके आई.पी.एस में अच्छी रैंक प्राप्त की थी। आज उसकी ट्रेनिंग समाप्त हो गई थी।उसका सरकारी नौकरी को लेकर जो स्वपन था वो आज पूर्ण हो गया था। इस नौकरी को प्राप्त करने के पीछे उसको अपनी ज़िंदगी से जुड़े बहुत सारे रहस्य जानने थे। जिसका पहला पड़ाव उसने … Read more

ओपन माइक – डॉ.पारुल अग्रवाल: Moral stories in hindi

नीलेश आज अपने आपको बहुत धिक्कार रहा था क्योंकि उसे लग रहा था कि जीवन में कुछ भी बनने में वो कामयाब नहीं रहा।आज मुंबई में आए हुए पूरा एक वर्ष हो गया था। वो एक बड़ा गायक बनने का ख्वाब लेकर इस सपनों की नगरी में आया था। उसके एक सफल गायक बनने के … Read more

गर्म चाय की प्याली – डा. पारुल अग्रवाल  : Moral stories in hindi

तृप्ति कई दिनों से बहुत अनमनी सी थी। उसको सब कुछ नीरस और बोझिल सा प्रतीत होता था। उसे हरपल ऐसा लगता कि वो कि अब ज़िंदगी में कुछ नहीं बचा है। बच्चे बड़े हो गए हैं अब उनको भी उसकी ज़रूरत नहीं है पति भी अपनी नौकरी में व्यस्त हैं और वो खुद नौकरी … Read more

लड़की जात – डॉ पारुल अग्रवाल  : Moral stories in hindi

घर में आज सभी व्यस्त थे क्योंकि घर की लाडली बेटी रिया को लड़के वाले देखने आ रहे थे। लड़का रिया के दादाजी के ही बहुत अच्छे दोस्त का पोता था। वो एक बहुत बड़ी नामी कंपनी में बहुत अच्छी पोस्ट पर था,इधर रिया भी कुछ कम नहीं थी। रिया भी एक बड़े प्राइवेट बैंक … Read more

इंस्टेंट नूडल्स वाली पीढ़ी – डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral stories in hindi

दो तीन दिन से मीरा देख रही थी कि उसकी बेटी परिधि काफी अनमनी सी है। उसका खाना पीना भी बहुत कम हो गया था। वो सोच ही रही थी कि उससे बात करेगी पर अपनी नौकरी की व्यस्तता के चलते और कुछ बेटी की भी कॉलेज की गतिविधियों के चलते उसको समय नहीं मिल … Read more

फेवीकॉल का मजबूत जोड़ – डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral Stories in hindi

आज दिव्या और राघव की शादी थी।दिव्या बहुत ही सुंदर दुल्हन बनी थी। वो सज धज कर अपने दुल्हे का इंतज़ार कर रही थी। अभी बारात के आने में थोड़ा समय था। दिव्या को तो विश्वास ही नहीं हो रहा था कि राघव दुल्हे के रूप में उसको मिलेगा पर समय बदलते देर नहीं लगती। … Read more

परिणय सूत्र – डॉ. पारुल अग्रवाल

कल चित्रा अमन की दुल्हन बनने जा रही है। उम्र के तीसरे पड़ाव पर आकर कल वो कोर्ट में एक दूसरे के जीवनसाथी बन जायेंगे। चित्रा को बार बार अपनी पिछली जिंदगी का बीता हुआ हर लम्हा याद आ रहा था। उसे लग रहा था कि हम चाहें कितनी भी योजनाएं बना लें पर होता … Read more

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