दिन में तारे नज़राना – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

एम बीए पास रचना का रिश्ता जब संयुक्त परिवार में तय होगया,तो उसकी माँ ने कहा बेटा माना तुम्हें कुकिंग में जरा भी रूचि नही है,बैसे भी जॉव करते समय तुम्हें इस सब के लिए शायद समय भी न मिले। लेकिन थोड़ी बहुत कुकिंग आना बहुत जरूरी है,ताकि ससुराल जाने पर कुछ सुनना न पड़े।हां … Read more

हर बीमारी का इलाज दवा नहीं होती – माधुरी गुप्ता । Moral stories in hindi

सरोज शहर के नामी गिरामी मनोचिकित्सक के केबिन में बैठी थी। डॉक्टर साहब अभी तक आए नही थे।एसी केबिन में बैठ कर भी उसे पसीना आरहा था।मन में धुकधुकी मची हुई थी।कहने को आज डॉक्टर के साथ उसकी दूसरी सिटिंग थी।पता नहीं इस बार क्या क्या और पूछेंगे? दरअसल सरोज के पति की काफी दिनों … Read more

अटूट बंधन- माधुरी गुप्ता Moral stories in hindi

कनक जब से सागर से व्याह करके इस घर में आई थी,उसने देखा एक छोटी सी लड़की जिसकी उम्र लगभग पांच बरस की होगी,उसके इर्दगिर्द घूम रही थी।कनक ने इशारे से उसे बुलाया, यहां आओ मेरे पास।ऐसा सुनते ही वह झट से भाग गई।फिर थोड़ी देर बाद फिर से उसके कमरे मेंआकर चुप करके खड़ी … Read more

रिश्ते हमेशा बराबर बाले से बनाने चाहिए – माधुरी गुप्ता : Moral stories in hindi

कार के शोरूम में ले जाकर पी के बर्मा जीने अपनी लाडली बेटी कविता से कहा,बेटा पसंद करके बता किस रंग की गाड़ी तुझे पसंद है वही ऑर्डर कर देंगे तेरी शादी के लिए। कविता अपने पापा की बात सुनकर एकदम चुपचाप खड़ी रही,काफी देर तक कोई जबाव न मिलने पर बर्मा जी ने कहा,चलो … Read more

दाल में काला होना – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

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किट्टी पार्टी में गपशप पूरे जोर शोरसे चल रही थी। परंतु आज की गपशप का रंग कुछ अलग ही था। हमेशा तो किटटीमें सभी मेम्बर एक दूसरे की साड़ी व गहनों की चर्चा करती थी कि अरे नलिनी तेरा डायमंड का नैकलस तो बहुत चमक रहा है कहां से लिया और कितने का पड़ा आदि … Read more

तकरार खट्टी मीठी – माधुरी गुप्ता : Moral stories in hindi

तकरार तो तकरार है ,चाहे खट्टी मीठी हो या तीखी।हां ये बात सच है कि तकरार के लिए दो लोगों का होना बेहद जरूरी होता है।अकेला इनसान क्या खाक तकरार करेगा।हां तकरार में बहस व स्वर साफ ऊंचा होना भी जरूरी होता है। चलिए असली मुद्दे पर चर्चा कर ते हैं ।यहां बात कर रहे … Read more

रंग रूप का अंतर – माधुरी गुप्ता  : Moral stories in hindi

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इला व रोज़ी देवरानी जिठानी थी।दोनों सेठ मंगलदास की बहुएँ थी। रोज़ी का रंग एकदम गोरा चिट्टा था,बहीं इला साँवली सलोनी थी।रोज़ी का रंग भले ही गोरा था ,लेकिन उसके फ़ीचर्स एकदम बेकार थे। परंतु रोज़ी को अपने रूप रंग पर बहुत गुमान था ।उसको लगता मैं तोड़ो भी पहन लूँ मुझ पर अच्छा ही … Read more

बदलती सोच – माधुरी गुप्ता : Moral stories in hindi

राजन व मीरा ने पूरे पांच साल की कोर्ट शिप के बाद लव कम अरेंज मैरिज कीं थी। लव-मैरिज तो थी ही लेकिन राजन की मां ने बहुत समय लगाया मीरा को अपनी बहू मानने में,कयोंकि राजन व मीरा की जाति में अलग-अलग थी।आखिर राजन ने भी अपनी मां को मना ही लिया था।राजन के … Read more

धिक्कार – माधुरी गुप्ता : Moral stories in hindi

होली का त्यौहार नजदीक आ रहा था,पर मन में त्यौहार बाली उमंग नहीं आ पा रही थी,कारण दोनों बच्चे बेटा बेटी विदेश में जा बसे थे। कयोंकि शाय़द आजकल का यही चलन है।बैसे भी त्यौहार की रौनक तो बच्चो से ही होती है।बच्चे फरमाइश करें तो मां के मन में उर्जा आ ही जाती है … Read more

बेरंग से रिश्तों में रंग भरने का समय आ गया है – माधुरी गुप्ता : Moral stories in hindi

राजीव को मुंबई में किसी मल्टीनेशनल कम्पनी में नौकरी मिल जाने से गायत्री उसकी मां बहुत खुश थी,बस उनका यही मलाल था कि शादी करके मुंबई जाता तो मै भी निश्चित हो जाती,कौन जाने मुंबई जैसी महानगरी में जाने पर तेरा दिल किसी हीरोइन पर आजाय,और में यहां बैठी तेरे शादी के सपने बुनती रह … Read more

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