अटूट बंधन- माधुरी गुप्ता Moral stories in hindi

कनक जब से सागर से व्याह करके इस घर में आई थी,उसने देखा एक छोटी सी लड़की जिसकी उम्र लगभग पांच बरस की होगी,उसके इर्दगिर्द घूम रही थी।कनक ने इशारे से उसे बुलाया, यहां आओ मेरे पास।ऐसा सुनते ही वह झट से भाग गई।फिर थोड़ी देर बाद फिर से उसके कमरे मेंआकर चुप करके खड़ी हो गई।कनक ने उसे फिर से बुलाया देखो हम तुम्हारे लिए चॉकलेट लाए हैं,आपको चॉकलेट पसंद हैं न।

राीनी नेकनक के हाथ से चॉकलेट तो लेली लेकिन उसकी पकड़ से फिर छूट कर कमरे के एक कोने में जाकर खड़ी हो गई।

दूर खड़ी होकर कनक की तरफ बस टुकुर-टुकुर देख रही थी।कनक ने झट से राीनी को पकड कर उसके गाल पर एक चुम्मी दे दी।

रानी ने गुस्से से कनक थी तरफ देखा और बोली,तुम बहुत गंदी हो तुम मेरी मां बनने की कोशिश क्यों कर रहीं हों ,तुमतो मेरी सौतेली मां हो न,और सौतेली मां बहुत गंदी होती है।

अरे तुम तो बोलतीं भी हो मैंने तो समझा कि तुम बोलना ही नहीं जानती।

अच्छा, बताओ तुमको किसने बताया कि सौतेली मां गंदी होती है।

कुसुम बुआ ने। जानती हो बुआ कह रही थी कि मुझे तुमसे दूर रहना चाहिए,तुम मुझे कभी प्यार नहीं करोगी।तुम सिर्फ अपने ए बच्चों से ही प्यार करोगी।कयोकि तुम तो सौतेली मां हो न।

अच्छा,यदि मैं तुमसे खूब सारा प्यार करू तो कया तुम मुझे मां कहोगी।

तुम एकदम सच्ची कह रही हो न ,जानती हो मेरी मां मुझे अपने पास सुलाती थी, परियों की कहानियां सुनाती थी। सुबह बहुत प्यार सेउठाती थी फिर तैयार करके स्कूल भेजती थी।

हां तो मैं भी तो यही सब करने वाली हूं तुम्हारे साथ, पर एक शर्त है ,पहले तुम मुझे सिर्फ मां कहोगी ,और आओ मेरी गोद में आकर बैठो।मैं तुम्हें झूला झुलाऊगी,गोद में बिठा कर।

रीनी का बाल सुलभ मन कनक पर रीझ गया वह तुरंत उसकी गोद में जाकर बैठ गई और ंउसके गाल पर एक मीठी सी पप्पी देदी अब हम दोनों सबसे अच्छी दोस्त हैं।कनक ने भी रीनी को अपने कलेजे से चिपका कर ढेर सारा प्यार किया।

सागर ने जब रानी के प्रति कनक का प्यार दुलार भरा व्यवहार देखा तो वह खुश होगया।बैसे तो सागर कनक के स्वभाव से परिचित था, क्योंकि कनक पहले उसकी सहकर्मी थी, परंतु किस्मत का खेल देखिए कि शादी के चार महीनों बाद ही उसके पति का एक एक्सीडेंट में देहावसान होगया था,और ससुरालियों ने इसके लिए कनक को जिम्मेदार ठहरा कर उसे अपशगुनी नाम का करार देकर घर से निकाल दिया था।

मायके में भी मां पापा थे नहीं,भाई भाभी पर बोझ बन कर रहना उसे स्वीकार नही था क्योंकि भाभी भी कड़क स्वभाव की थी।

अतः अपनी बचपन की सहेली की मदद से उसने अपने लिए जॉब व रहने के लिए घर की व्यवस्था कर ली थी।तव तक उसकी सहेली ने उसका पूरा साथ दिया।उसका मनोबल बढ़ाने के लिए उसको ढेर सारी पॉजिटिव थिंकिंग से रिलेटेड कितावें लाकर दी।जिनका पढ़ कर कनक के स्वभाव में काफी परिवर्तन आया।

उसके पास कम्प्यूटर की ट्रेनिंग का डिप्लोमा था। अतः जॉव बड़ी आसानी से मिल गया।सागर भी उसी ऑफिस में कार्यरत था,उससे सीनियर।जब सागर कई दिनों तक ऑफिस नही आया तो कनक को पता चला कि उसकी पत्नी की कैंसर से मौत हो गई है घर में उसकी एक पांच साल की बेटी है,जिसके पालन पोषण को लेकर सागर बहुत परेशान है।

जब सागर ने ऑफिस आना शुरू किया तो कनक ने उससे बातचीत की,कि यदि बह चाहे तो उसकी बेटी रीनी के पालन पोषण की जिम्मेदारी में उठा सकती हूं।सागर कनक की बातें सुन कर चौंक गया।तुमको मालूम भी है कि तुम क्या कह रही हो।

हां काफी सोच-विचार के बाद ही मैंने आपसे इस बाबत बात करनेकी हिम्मत जुटाई है।हम दोनों एक ही नाव में सवार हैं, मैं भी आपकी ही तरह अकेली हूं लेकिन अकेली रहना नही चाहती।बस कोई अच्छा सा साथ मिल जाय तो जिंदगी की नई शुरुआत करना चाहती हूं। जिन्दगी हरेक को दूसरा मौका नहीं देती,और फिर गिरने के डर से हम चलना तो नहीं छोड़ सकते न । जिंदगी चलते रहने का नाम है।

मैं रीना की मां बनना चाहती हूं।मेरी इस बात से यदि आपको किसी तरह की चोट पहुंची होते आई एम सॉरी।

आपसे शादी करके मुझे एक परिवार मिल जायगा व रीनी को उसकी मां मिलजायगी।आप सोच कर कल मुझे जबाव दीजिएगा।

आप सोच रहे होंगे कि कैसी बेशर्म औरत है कि अपनी शादी की बात खुद ही कर रही है। क्या किया जाय जिंदगी जीने के लिए राहें खुद ही तलाशनी पड़ती हैं।गमों व परेशानी को गले लगा कर जिंदगी नहीं जीई जाती।

काफी सोच-विचार के बाद सागर ने कनक से शादी करने का मन बना लिया।

जब सागर ने इस बात की चर्चा अपनी बड़ी वहन कुसुम से की तो उन्होंने तुरंत ही मना कर दिया। क्या तुम रीनी के लिए सोोतेली मां लाने की सोच रहे हो,तो यह गलती मत करना।रीनी को यातेो हॉस्टल में डाल दो पढ़ने के लिए। ा फिर मैं अपने साथ ले जाऊंगी।

नही दीदी रीनी के बिना रहने की बात तो मैं सोच भी नही सकता, ईश्वर ने उसकी मां कोतो दूर कर ही दिया है मुझसे,अब बस रीनी ही तो सहारा है मेरे जीने का।

मैं जिन्दगी की नई शुरुआत करना चाहता हूं,अपनी कुलीग कनक से शादी करके।बस आपके वापस जाने से पहले अगले सप्ताह मन्दिर में मैं व कनक शादी करेंगे।बस आप अपना आशीर्वाद दे दीजिएगा।

इस तरह सागर व कनक ने शादी करके रीनी को उसकी नई मां लाकर दी।

कनक ने अपने मिलनसार स्वभाव से रीनी का मन जीत लिया। उसको इतना प्यार दिया कि वह बस हरदम कनक से ही लिपटी चिपटी रहती

हां शादी के बाद कनक ने सागर से बायदा किया कि वह ताउम्र सिर्फ रीनी की ही मां बनी रहेगी।अपनी कोख से किसी अन्य बच्चे को जन्म नही देगी ताकि रानी के प्रति उसके प्यार में किसी तरह की कोई कमी न आने पाए। कनक की बात सुन कर सागर के दिल में उसके लिए और अधिक प्यार उमड़ गया।

रानी अब बारह साल की हो चुकी है और वह कनक से बहुत ज्यादा प्यार करती है क्योंकि।रीनी व कनक के बीच प्यार का #अटूट बंधन जो बन चुका है।और राीनीउसकी तो सुबह व शाम बस मां मां कहते ही बीतताी है।अपने मन की हर छोटी बड़ी बात रीनी कनक से शेयर करती है।

जो बंधन प्यार से जुड़े होते हैं वे ही अटूट होते हैं फिर चाहे वह कोई भी रिश्ता हो।

स्वरचित व मौलिक

माधुरी गुप्ता

नई दिल्ली

#अटूट बंधन

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