सीढ़ी – माधुरी गुप्ता   : Moral Stories in Hindi

सुलभा हर रोज़ की तरह सुबह सोकर उठी तो देखा कि उसकी मां नीला देवी पहले से उठकर दो कप चाय बना कर उसका इन्तज़ार कर रही थी।उसे आश्चर्य हुआ कि रोज़ तो माँ उसके ऑफिस जाने के बाद ही उठती हैं फिर आज ये परिवर्तन कैसे।उसने े मांसे पूछा क्या आज आपको कहीं जाना … Read more

गाजर ,मूली समझना – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

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चमेली आज सुबह से बर्मा जी के घर काम में लगी थी , सिर्फ एक कप चाय पीकर वह भी विना किसी नाश्ते के।जानती थी कुछ कहने का मतलब बर्मा मैडम का लैक्चर चालू हो जाता। तुम लोगों को चाहे कितना भी पैसा देदो,जरासा काम आजए तो नतीजा वही ढाक के तीन पात आज मिसिज … Read more

बेटी ससुराल ही अब तेरा घर है , यहां की तो तू मेहमान है – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

आज सुबह सुबह मालती जी का बेटा मनन पाँच दिन के लिए टूर पर निकल गया,बहू सुमन ने अपनी सासूमां से कहा , मम्मी जी आजकल एक बहुत अच्छी मूवी लगी है ,क्यों न हम दोनों आज मूवी देख कर आऐं पापाजी के लिए उनकी पसंद का खाना मैंने तैयार कर दिया है और उनसे … Read more

टूटते रिश्ते – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

पूरा आधा घंटा हो गया है तुमको आफिस से आते हुए और तुम हो कि अभी तक इस लैपटॉप को लिए बैठे हो, जाओ जल्दी से फ्रेश होकर आओ फिर बैठ कर साथ में डिनर करते हैं।आज मैने तुम्हारी पसंद के भरवां करेले बनाए है , मम्मी जी से रेसिपी पूछ कर,रागिनी ने अगम के … Read more

मेरा गुरूर मेरी सासू मां – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

यों तो समाचार पत्रों में अधिकतर ऐसी-ऐसी खबरें समय समय पर प्रकाशित होती रहती हैं कि फलां बहिन ने अपने भाई को किडनी देकर उसकी जान बचाई या कभी बेटी ने अपने पिता को किडनी दी।लेकिन आज की खबर इन सब खबरों से एकदम अनूठी थी,खबर ही कुछ ऐसी थी कि जो भी पढ़ता ,दांतों … Read more

अपनी अपनी सोच -माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

अधिकांश लोग बुढ़ापे को एक रोग मानकर रोते कलपते जिन्दगी बिताते हैं,ये लोग बुढ़ापे को ज़िन्दगी का बोझ समझते हैं,इसी मानसिकता के कारण कई सारी बीमारियो को न्योता दे देते हैं।वहीं कुछ ज़िन्दा दिललोग बुढ़ापे को लाइफ़ का स्वर्णिम काल कहते हैं, क्योंकि इस उम्र तक आते-आते आप अपनी जिम्मेदारियों से निश्चित हो चुके होते … Read more

बेटे का निर्णय -माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

तीन साल का विनय जैसे ही सोकर उठा,बाहर के रूम से चीखने चिल्लाने की आवाजें आ रही थीं। डरा सहमा विनय अपनी मां सरला के पीछे चुपचाप खड़ा हो गया।बैसे घर में इस तरह का ड्रामा रोज ही होता था।विनय को समझ ही नहीं आता था कि उसके पेरेंट्स के बीच आखिर रोज झगड़ा होता … Read more

पति वनाम हमसफर- माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

पच्चीस तीस की उम्र होते होते लड़के पति तो बन ही जाते हैं ,लेकिन कुछेक बिरले ही इनमें से हमसफर बन पाते है। अधिकांश लोग तो ताउम्र अपने पति पने का ही रॉब जमाते रहते हैं। शायद ये पति यह भूल जाते हैं कि सिर्फ पति ही न बने रह कर हमसफर बन कर लाइफ … Read more

भेदभाव जाति पाति का -माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

जानकी देवी गांव से अपने पोते की शादी के लिए शहर अपने बेटे रामनाथ के घर आई हुई है,लेकिन जबसे घर आई हैं तबसेघर में अजीब सा सन्नाटा छाया हुआ है। जब दो दिन हो गए उनको तब उन्होंने अपनी बहू से कहा कि उसे होने बाली बहू का फोटो तो दिखाओ कम से कम।कैसी … Read more

दिन में तारे नज़राना-माधुरी गुप्ता Moral stories in hindi

एम बीए पास रचना का रिश्ता जब संयुक्त परिवार में तय होगया,तो उसकी माँ ने कहा बेटा माना तुम्हें कुकिंग में जरा भी रूचि नही है,बैसे भी जॉव करते समय तुम्हें इस सब के लिए शायद समय भी न मिले। लेकिन थोड़ी बहुत कुकिंग आना बहुत जरूरी है,ताकि ससुराल जाने पर कुछ सुनना न पड़े।हां … Read more

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