कर्तव्य क्षेत्र – लतिका श्रीवास्तव

वो अवाक खड़ी थी जैसे कोई बेजान मूर्ति हो…। मैंने गुरु दीक्षा ले ली है आज….उन्होंने मुझसे कहा। तो..! मेरा मन  जिज्ञासा जाहिर करने ही वाला था कि जवाब आ गया..”इसलिए आज ये मेरा अंतिम दिन है इस घर में ….गुरु जी के ही आश्रम में आश्रय ढूंढ लिया है मैंने… अब मृत्यू पर्यंत समाज … Read more

प्रयासों का इंद्रधनुष – लतिका श्रीवास्तव 

..” अरे अरे ठीक से मुंह खोल कर बोलो !जोर से बोलो..!हल्ला तो बहुत जोर से करते हो अभी आवाज़ ही नहीं निकल रही है….”..आस्था कक्षा 9 के छात्र सोहन से पूछ रही थी जो प्रश्न का जवाब नहीं दे पा रहा था …मुंह बंद करके खड़ा था…! मैडमजी मुंह में तो गुटखा है इसके … Read more

 खुद्दारी –  लतिका  श्रीवास्तव

कल से मयंक तुम्हें सुपरवाइज करेगा…..बॉस अभय ने जैसे ही किशन से कहा..किशन अपनी जगह खड़ा रह गया था!…लेकिन बॉस मयंक तो अभी नया ही है मुझसे जूनियर है ….आपने उसका प्रमोशन कर दिया !!!उसने पूछना चाहा था क्यों??क्यों मेरा प्रमोशन नहीं किया ….!!मैं तो पिछले दो वर्षों से पूरी ईमानदारी से इस कम्पनी के … Read more

खिला खिला मन – लतिका श्रीवास्तव 

.सभी को खाना खिलाने के बाद सुमी अपने लिए भी थाली लगा रही थी….ये उसका रोज का नियम था सबको गरम गरम खाना खिलाने के बाद ही वो खुद खाना खाती थी ….. वर्षों से यही नियम चला आ रहा था …पर आज अचानक उसे अपना मन कुछ बुझा बुझा सा प्रतीत हो रहा था…जाने … Read more

 वो कागज़ की कश्ती वो बारिश का पानी – लतिका श्रीवास्तव

वो सुनहरे बचपन के दिन बरबस ही सजीव हो उठते हैं… जब बारिश की झड़ी लगती है…जगह जगह पानी भर जाता है ..तब मेरा मन अपनी बचपन की उसी टीचर्स कॉलोनी में पहुंच जाता है और उन छोटी छोटी कागज़ की बनाई नावों को ढूंढता है जो मैं बचपन में अपने घर के आस पास … Read more

मासूम रिश्ता – लतिका  श्रीवासत्व

बारिश की भीगी भीगी फुहार….ठंडी हवाओं की शोखियां….नीर भरे सांवरे कजरारे मेघों की मीठी आंख मिचौलियां…… उजली उजली धुली धुली सी फिज़ा…..मोहक  खुशमिजाज अलमस्त मौसम ….मन उत्साह और नई स्फूर्ति से भर गया।पहले तो मन किया आज वॉकिंग पर ना जाऊं …आराम से अदरक तुलसी की चाय और पकोड़े के साथ बरसात का आनंद लूं….. … Read more

बेचारी शैली – लतिका श्रीवास्तव

सन्डे की अलसायी सुकून भरी सुबह की अभी आंख भी नहीं खुल पाई थी कि मैन गेट की खड़ खड़ ने मीता को बिस्तर छोड़ने पर मजबूर कर दिया….हालांकि उसने वेट किया था कि शायद राजन उसके पति की नींद खुल जाए और वो दरवाजा खोल दें!!पर व्यस्त सप्ताह का आराम तलब संडे अपनी नींद … Read more

गरम चिमटा – लतिका श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : नमिता बहुत व्यथित थी आज…..कुंठित सी हो रही थी आपने आप में… ये अक्सर मेरे साथ ही क्यों होता है….क्या सोचती हूं और क्या हो जाता है…! हर बार स्वयं को लानत भेजती हूं …हर बार ये संकल्प दुहराती हूं … कि अब किसी से कुछ नही कहूंगी जिसको जो … Read more

 डर पर जीत – लतिका श्रीवास्तव

आज भी ट्रेन लेट होती जा रही थी…..पानी पीने के लिए बॉटल निकाली ही थी कि हाथ से छूटकर गिर गई उठाने के लिए झुकी ही थी कि किसी ने बॉटल देते हुए …..प्रणाम मैम”…. कहते हुए पैर छू लिए तो शमिता चकित हो गई!कौन है ?का स्वाभाविक प्रश्न उसकी आंखों में पढ़ते हुए सामने … Read more

  वो घुंघरूं की छुन…छुन.. – लतिका श्रीवास्तव

 #जादुई_दुनिया … छुनन…. छूनन…. छुन….. छुन की धीमी आवाज क्रमश: तेज होने  लग  गई थी…..और उसके साथ ही मेरे दिल की धड़कनें भी……!अब तो मैं थोड़ा डरी कही सही में तो कोई चुड़ैल नही है !!!!आज तो मेरी खैर नहीं थी …..मैने फिर हिम्मत करके कदम आगे बढ़ाए आवाज और तेज हो गई…प्रतीत हुआ मानो … Read more

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