काहे की अकड़!!- लतिका श्रीवास्तव  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi :कैसी बात कर रहे हैं दहेज !!राम भजिए दहेज लेने देने के जमाने लद गए आपने हमें क्या ऐसा गया गुजरा समझा है कि हम अपने इकलौते लायक बेटे चिन्मय का सौदा करेंगे!!आप हमारे घर आए हैं लेकिन माखन प्रसाद जी आपने तो हमें कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया…! अशोकलाल … Read more

अपना अपना अधिकार – लतिका श्रीवास्तव : Short Moral Stories in Hindi

Short Moral Stories in Hindi : राघव जी मंदिर की सीढ़ी चढ़ते चढ़ते हांफने लग गए तो थोड़ी देर के लिए बैठ गए बस हो गई हिम्मत खत्म अरे क्यों इतनी कठिन मनौती मान लेते हो जब पूरी करनी इतनी कठिन हो सुनंदा ने भी साथ में ही बैठते हुए टोक दिया था अरी बावरी … Read more

अनमोल त्याग – लतिका श्रीवास्तव : Short Stories in Hindi

Short Stories in Hindi : इतना बड़ा त्याग आप ही कर सकते हैं….एक बड़ी सी फूल माला मुझे पहनाते हुए उन्होंने कहा…. मैंने क्या त्याग किया!!आनंदजी सोच रहे थे….त्याग तो मेरे दोस्त ने किया था मेरे लिए …!उन्होंने तो अपने दोस्त के बेटे को अनाथ होने से बचाया अपने दोस्त को दिया वादा निभाया …बस…! … Read more

बिन पानी सब सून….. – लतिका श्रीवास्तव : Short Moral Stories in Hindi

रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून पानी गए ना उबरे मोती मानुष चून।। इस तथ्य को पैरो तले रौंदती निशी के लिए तो मानो बस रुपए की चमक दमक और अफसरशाही का रुआब ही प्रतिष्ठा का पानी बन गया था तभी तो उस दिन मेम साब सलाम … एक ठो अर्जी लगानी थी ….बिशन … Read more

ये तो प्रेम की बात है…

नहीं भाभी इस बार छुट्टियों में सोनाली को कंप्यूटर और गिटार की कोचिंग करना है तो हम लोग गांव नहीं आ पाएंगे..! देवरानी प्रियंका फोन पर कह रही थी और मोनाली बार बार पूछ रही थी मां क्या कहा चाची ने कब आ रहें हैं वो लोग सोनाली ने मेरे जन्मदिन पर आने का पक्का … Read more

अंतिम समय : short motivational Stories in hindi

पीयूष बेटा तेरे पिता तुझे बहुत याद कर रहे हैं अंतिम समय में तुझे देखना चाहते हैं एक बार आ जा बेटा….दमयंती जी करुणा विगलित स्वर में अपने इकलौते चिराग पियूष से प्रार्थना कर रहीं थीं। मां कोशिश कर रहा हूं कंपनी में छुट्टी पहले से लेनी पड़ती है ऐसे अचानक नही ले सकता इतनी … Read more

नियति तेरे करतब कमाल..

…..all the world is a stage and every man and woman is merely player…. कितना सही लिखा है ग्रेट शेक्सपियर ने ….इस संसार रूपी रंगमंच पर हर व्यक्ति को नियति द्वारा निर्धारित अलग अलग भूमिकाएं रोल दिए गए हैं अलग अलग किरदार हैं…. पर्दा खुलता है अभिनय शुरू हो जाता है ….चलता रहता है अभिनय  … Read more

छलावा – लतिका श्रीवास्तव | best hindi story

हताश निराश अदिति तेजी से अपना सामान पैक कर रही थी..हड़बड़ी में जितनी तेजी से वो अपना सूटकेस ठूंस रही थी उतनी ही तेजी से वो बड़बड़ाती भी जा रही थी। अरे मैडम कहां की तैयारी कर ली आपने सुबह सुबह ही और अपनी इस खासम खास दिलो जान से प्यारी सहेली भावना उर्फ भूनु … Read more

थोड़े से इंसान बने रहिए – लतिका श्रीवास्तव

….ट्रेन की रफ्तार और कानों में लगे ईयर फोन पर म्यूजिक की रफ्तार …. आहा लगता है मानो जिंदगी यही है बस यहीं थम जाए….सच में यात्रा करने में एक सुख तो यही मिल जाता है  ऑफिस जाने तैयार होने मेट्रो पकड़ने का कोई टेंशन नहीं …आराम से आराम ही करते रहो…! आकाश बहुत मगन … Read more

अपनी अपनी आदत है..! – लतिका श्रीवास्तव

….. प्रफुल्ल जी अभी नए ही हैं इस ऑफिस में और कितनी कुशलता से सारा कार्य बखूबी समझ भी गए और ये प्रोजेक्ट जो एक महीने में पूर्ण होने वाला था उनकी अनवरत लगन और क्षमता से महज पंद्रह दिनों में पूर्ण कर लिया गया है हमें गर्व है उनकी काबिलियत पर …आज का ये … Read more

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