हक – कुमुद मोहन   : Moral Stories in Hindi

“मम्मा मम्मा कहां हो?”चिल्लाती हुई पीहू जल्दी जल्दी घर में घुसी! किचन में से गीले हाथ पोंछती राधा ने बताया “दीदी तो नानी के फ्लैट पर गई हैं नाना ने बुलाया था!” ” आप भी जानती हैं ना मम्मा तो मेरे हस्पताल से लौटने तक घर से कहीं हिलती भी नहीं चाहे कितना भी जरूरी … Read more

गैरों पे रहम-अपनों पे सितम – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

“अम्मा! क्या हुआ क्यों मुँह फुलाए बैठी हो? संजय ने ऑफिस से आकर शीला जी से पूछा!  “कुछ नहीं बस सब ठीक है” अम्मा ने बेटे के सामने बेबस सा होने का दिखावा किया!  संजय”कुछ तो है मुझे तो बताओ ना! मधु ने कुछ कहा है क्या?” अम्मा ने साड़ी का पल्ला मुँह पर रख … Read more

“प्रायश्चित ” – कुमुद मोहन : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : “साहब!मेरे बच्चे की सहायता करना,मेरे बाद इसका इस दुनिया में कोई नहीं है!मैंने भी हमेशा आपके परिवार को ही अपना समझा है,मेरे मरने के बाद इसका क्या होगा,सोचकर मेरा दम निकला जा रहा है”हाथ जोड़कर रो रोकर ड्राइवर रामसिंह अपने साहब महेश जी से विनती कर रहा था!महेश जी ने … Read more

“प्रायश्चित ” – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

“साहब!मेरे बच्चे की मदद करना,मेरे बाद इसका इस दुनिया में कोई नहीं है!मैंने भी हमेशा आपके परिवार को ही अपना समझा है,मेरे मरने के बाद इसका क्या होगा,सोचकर मेरा दम निकला जा रहा है” हाथ जोड़कर रो रोकर ड्राइवर रामसिंह अपने साहब महेश जी से विनती कर रहा था! महेश जी ने वादा किया कि … Read more

मेरा घर -मेरे बच्चे- कुमुद मोहन : Moral stories in hindi

moral stories in hindi : देविका जी उम्र के आठवें दशक  में अपने आलीशान मकान के  बरामदे में अकेली बैठी बाहर होती घनघोर बारिश देख रही थी!बिजली चमकने और बादलों की घड़घड़ाहट से उनका बूढ़ा शरीर डर के मारे रह रह कर कांप जाता! आंघी की वजह से लाईट भी चली गई थी! बैठे बैठे … Read more

“मैं तो भूल चली बाबुल का देस”- कुमुद मोहन : Moral stories in hindi

moral stories in hindi : मम्मा !जब देखो दादी भैया का पक्ष लेकर मुझे नीचा दिखाती हैं,भले ही गल्ती भाई की हो वे मुझे ही कसूरवार ठहरा देती हैं,आप और पापा भी चुपचाप देखते हैं ,कुछ नहीं कहते ,अब मैने सोच लिया है मैं ही दादी को पलटकर जवाब देने लगूंगी तभी उन्हें समझ आऐगा” … Read more

दोस्ती का दुश्मन – कुमुद मोहन   : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : सुमित और समर बचपन से साथ-साथ बड़े हुए,,पढ़ लिखकर शहर के नामी गिरामी कालेज में टीचर हो गए!  नौकरी मिल जाने पर दोनो ने एक छोटा सा टू बेडरुम का घर किराए पर ले लिया!खाना बनाने और घर की साफ-सफाई के लिए एक नौकरानी रख ली! दोनो दोस्त अपनी नौकरी … Read more

सौतेलेपन का दंश -कुमुद मोहन : hindi kahaniya

hindi kahaniya : “अरी ओ महारानी!उठकर चाय बनाओगी या दिन भर किताबों में घुसी रहोगी?तुम्हारी मां तो भाग गई अपने यार के साथ मेरी छाती पे मूंग दलने को तुझे छोड़ गई,अपने साथ ही ले जाती तो मेरी जान छूटती!अरे मैं भी कितनी मूरख हूं तुझे क्यों भला साथ ले जाती,उसकी अय्याशियों में कांटा ना … Read more

“और पासा पलट गया” – कुमुद मोहन : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : विराट रईस परिवार की इकलौता बिगदा हुआ औलाद!  जाने कितनी फैक्ट्रियां, सैकडों बीघा जमीनें,ऑईल मिलें,भट्टे और भी जाने क्या क्या? बड़ी सी हवेली नुमा कोठी,हर तरफ घूमते नौकर चाकर,कतारबद्ध खड़ी चमचमाती नये से नये मॉडल की गाडियां,वर्दीधारी शोफर! धन दौलत पैसे रूपये की भरमार!  ऐसे माहौल में पल बढ़कर ,अपने … Read more

“पत्नी के स्वाभिमान से समझौता?कभी नहीं!” – कुमुद मोहन 

पापा! चुप रहिये! जब देखो आप रीमा को किसी ना किसी बात पर टोकते रहते हैं, वह बेचारी आगे से आगे दिन भर आप लोगों की खिदमत में लगी रहती है फिर भी आप लोगों को उसे सुनाऐ बिना चैन ही नहीं आता! विनय सुबह सुबह गुस्से से अपने पचहत्तर साल के पिता रमेश जी … Read more

error: Content is Copyright protected !!