“और पासा पलट गया” – कुमुद मोहन : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : विराट रईस परिवार की इकलौता बिगदा हुआ औलाद! 

जाने कितनी फैक्ट्रियां, सैकडों बीघा जमीनें,ऑईल मिलें,भट्टे और भी जाने क्या क्या?

बड़ी सी हवेली नुमा कोठी,हर तरफ घूमते नौकर चाकर,कतारबद्ध खड़ी चमचमाती नये से नये मॉडल की गाडियां,वर्दीधारी शोफर!

धन दौलत पैसे रूपये की भरमार! 

ऐसे माहौल में पल बढ़कर ,अपने पिता के रूतबे और पहुँच के कारण हर चीज़ को पैसे के तराजू में तौलता!काॅलेज में हर बार फेल होता क्योंकि पढ़ने से ज्यादा उसका मन लड़कियों से फ्लर्ट करने में बीतता !अपनी चमचमाती कार से जब वह मार्डन ड्रेस पहने आँखों पर गाॅगल्स लगाऐ उतरता तो चापलूसी करने वाले लड़के-लडकियाँ उसके आसपास भंवरे की तरह मंडराने लगते!

 तब गर्व से विराट की गर्दन तन जाती!

रोजाना वह उनसब को कैंटीन या रेस्टोरेंट में खिलाता पिलाता!लड़कियों को महंगे महंगे गिफ्ट देकर पटाता!

काॅलेज में सिर्फ एक लडकी थी जो उसे भाव नहीं देती थी! वो थी अनुभा!

अनुभा साधारण परिवार की सीधी सादी लड़की थी!

बेहद खूबसूरत चेहरा, बूटा सा कद,लंबे लहराते,काले घने बाल,बड़ी बड़ी झील सी आँखे और होठों पर छाई हर वक्त एक सुंदर सी मुस्कान! 

फैशनेबुल कपडों और प्रसाधनों से दूर उसका गरिमामय व्यक्तित्व किसी को भी अपनी ओर आकर्षित कर सकने में सक्षम था!

अनुभा पढ़ाई में बहुत होशियार थी पढ़ाई के सिवा काॅलेज में वह अपना समय वेस्ट नहीं करती थी!।

विराट ने बहुत कोशिश की कि किसी तरह वह अनुभा के करीब आ सके,उसे हर तरह के प्रलोभन दिये पर अनुभा के आगे उसकी दाल नहीं गली!

अनुभा के रवैए से उसके दंभ और अहंकार को चोट पहुँची! साधारण से परिवार की एक अदना सी लड़की उसका प्रस्ताव ठुकरा दे ये विराट को गवारा नहीं हुआ! 

      सारी कोशिशें विफ़ल होती देख क्रोध से तमतमा कर एक दिन विराट ने अनुभा पर एसिड फेंकने की कोशिश की!

वो तो भगवान का शुक्र था कि अनुभा के हाथ में बड़ी सी फाईल थी जिससे उसने मुँह ढक लिया था फिर भी उसकी कलाई पर थोड़ा एसिड गिर गया और वहाँ एक गहरा घाव हो गया!

पुलिस ने विराट को पकड़ तो लिया पर उसके पिता के रसूख से मामला रफा दफा हो गया!

कॉलेज की पढ़ाई खत्म हो गई! सब अपनी अपनी राह चले गए! 

विराट के पिता के मरने के बाद सारी संपति का वारिस बन कर अभिमान की सीढियां चढ़ता गया!

पैसा ही उसका ईमान धर्म बन गया!वह आदमी को आदमी नहीं समझता!

देर रात पार्टियाँ,शबाब और शराब के दौर उम्र के साथ उसकी अय्याशियां बढ़ती गई। 

बिजनेस की तरफ अच्छी तरह ध्यान न देने के कारण नीचे काम करने वाले मनमानी करने लगे!नतीजा ये कि एक दिन इन्कम टैक्स का नोटिस आ गया!

विराट  बौखलाकर अपने मातहतों से गाली-गलौज और मारपीट पर उतर आया!

फिर अपने लोगों को इन्कम टैक्स कमिश्नर का पता करने भेजा!

उन्होंने बताया कोई अनुभा हैं अभी हाल ही में ज्वाईन किया है!

एक बार को विराट के जहन में अनुभा का ख्याल आया कहीं ये वो ही तो नहीं?दूसरी तरफ उसने अपनी अकड़ भरी गर्दन को झटक कर सोचा “वो बहनजी सी अनुभा और इन्कम टैक्स कमिश्नर हुंह हो ही नहीं सकता !वो तो किसी छोटे से मोहल्ले में किसी मामूली से आदमी की बीवी बनकर गृहस्थी और बच्चे संभाल रही होगी।

अगले दिन विराट कमिश्नर के दफ़्तर जा पहुँचा! ऑफिस के बाहर खड़े चपरासी के रोकने पर उस को एक तरह से धकेलते हुए अकड़कर अंदर घुस गया!

कमिश्नर की कुर्सी पर बैठी अनुभा कुछ समझ सकती तब तक विराट उसके सामने खड़ा हो गया!

“तुम”अनुभा के मुँह से निकला!

विराट का चेहरा खुशी से चमक उठा ये सोचकर कि उसका काम तो अब बन ही जाऐगा!

“शुक्र है तुमने पहचान लिया”विराट हंसकर बोला!

चेहरे पर बिना कोई भाव लाऐ अनुभा ने शांत स्वर में जवाब दिया”तुम्हें कैसे भूल सकती हूं,जब जब किसी फाईल पर दस्तखत करती हूं तुम्हें ही तो याद करती हूं”

“चाय नहीं पिलाओगी क्या?अरे यार! भूल जाओ उन पुरानी बातों को वो तो जवानी का जोश था”विराट ईनफाॅरमल होने की कोशिश करने लगा तो अनुभा ने टोका”माइंड योर लैंग्वेज, ये काॅलेज का कैम्पस नहीं कमिश्नर का ऑफ़िस है!

विराट बोला “अब ये जो इन्कम टैक्स का नोटिस तुम्हारे ऑफिस से गया है इसे बस जल्दी से रफा दफा कर दो!”

“ये तुम्हारे पिता की जागीर नहीं है जो चाहोगे करा लोगे,अपने ही ऑफिस से निकले आर्डर को मैं कैसे रफा दफा कर दूं?मुझे अफसोस है तुम गलत जगह आ गये!डिपार्टमेंट में सब मेरी साख जानते हैं!आय एम साॅरी”

किसी भृष्टाचार व्यकि की सहायता करना मेरे पद का अपमान है”

अनुभा के मुँह से यह सुनते ही विराट भभक कर चिल्लाया”अपने आपको समझती क्या हो?इस कुर्सी पर क्या बैठ गई तेवर ही बदल गए,मुझे जानती नहीं हो ,मेरी पहुँच सी एम तक है!तुम्हारी नौकरी जिस पर इतना घमंड कर इतरा रही हो छिनवा दूँगा “।

शुक्र करो मैं तुम्हें धक्के मरवा कर बाहर नहीं निकाल रही सारी अकड़ एक झटके में हवा हो जाऐगी!

“जो चाहो कर लो,मुझे एक जरूरी मीटिंग में जाना है!”कहकर अनुभा ने चपरासी को बुला कर कहा”साहब को लाऊंज में बैठाकर चाय पिला देना!”और वह सरकारी गाड़ी में बैठ कर निकल गई! 

विराट अपनी ऐंठी तनी गर्दन झुकाए खिसियाकर रह गया!

चपरासी के पूछने पर” साहब चाय लाऊं “झुंझलाकर बोला “चाय माई फुट” और अपमान का घूंट पीकर पैर पटकता निकल गया!

कुमुद मोहन

#गर्दन ऐठी रखना अकड़कर घमंड में रहना

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