“बदलाव की लहर”  – कविता भड़ाना

दोपहर के समय मोहल्ले की सारी महिलाएं गप्पे मारती हुई ठेले वाले को घेर कर सब्जियों की खरीददारी में व्यस्त थीं की तभी सुभद्रा जी के घर का मुख्य द्वार खुला और देखा उनकी छोटी बहु गाड़ी बाहर निकाल रही हैं साथ ही सुभद्रा जी और उनकी बड़ी बहु भी गाड़ी मैं बैठ उड़नछू हों … Read more

“समझौते से बंधी,जीवन की डोर” – कविता भड़ाना

“जीवन की डगर तो होती ही है उतार चढ़ाव और समझौते से भरी हुई। मैने भी अपने जीवन में एक समझौता किया है” l यह मेरे जीवन की सच्ची घटना है, जिसे आज में आप लोगो के साथ सांझा कर रही हूं।…. मेरी बड़ी बेटी के जन्म के 2 महीने बाद ही दुर्घटनावश मैं घर … Read more

“अपनो से धोखा ” – कविता भड़ाना

  धोखा आपको कब ,कौन और कहां दे जाए,..कुछ नहीं पता होता।…परायो से मिले धोखे को इंसान एक बार सहन भी कर लेता है पर धोखा देने वाला जब अपना कोई हो तो बड़ा असहनीय हो जाता है।  आज मैं एक सच्ची घटना को कहानी के रूप में आप सबके सामने प्रस्तुत कर रही हूं … Read more

“हार गया अहंकार” – कविता भड़ाना

“प्रिया” बहुत ही सुंदर, उच्च शिक्षा प्राप्त आधुनिक लड़की हैं।शादी हुए अभी साल भर ही हुआ है, परिवार में पति “राघव”के अलावा, सीधी सरल स्वभाव वाली सासु मां “सुजाता जी” ही है। राघव कल कंपनी के काम की वजह से 6 महीने के लिए दुबई जाने वाला है। कल रात की फ्लाइट है, जाने से … Read more

 अपमान – कविता भड़ाना

“हे नारी तुम अस्त्र उठाओ, बचाने को लाज तुम्हारी, अब ना माधव आयेंगे”….  इस कथन को आज कॉलेज में पढ़ने वाली बाइस वर्षीय “वंदना” ने सार्थक कर दिया। बहुत सुंदर, मेधावी छात्रा वंदना ने जो कर के दिखाया, उसी की चर्चा आज पूरे शहर में हो रही हैं।  शहर के प्रतिष्ठित कॉलेज में साल भर … Read more

“खोखले बन्धन” – कविता भड़ाना

“सिया” एक छोटे शहर की, बेहद खूबसूरत लेकिन बहुत महत्वाकांक्षी लड़की है। मध्यमवर्गीय परिवार की होने के कारण कमी तो किसी चीज़ की नहीं थी, पर सब कुछ सीमित मात्रा में ही मिल पाता था। परिवार में मम्मी पापा के अलावा एक बड़ा भाई ही है, तो लाडली भी बहुत है, सुंदर इतनी की रिश्तेदारों … Read more

अज्ञात लेखिका – कविता भड़ाना

छोटी छोटी कहानियां लिखने वाली मैं एक अदना सी लेखिका हूं। पर आजकल जो भी लिखती हूं, वो ना जाने क्यों सच हो जाता है। अब तो अपने ही लेखन से डर सा लगने लगा है, कौन सी ऐसी शक्ति है जो जबरदस्ती अपनी मनमर्ज़ी का लिखाने लगती है मुझ से, अभी कुछ देर पहले … Read more

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