आकाश में अठखेली – बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

मालिनी,तुम मेरी भावनाओ को क्यूँ नही समझ रही हो,तुम्हे पता तो है।तुमसे शादी करते समय भी तो मैं सेना में ही था,फिर अब मुझ पर सेना से त्यागपत्र देने का दवाब क्यों?सेना में रहना मेरा जुनून है, मालिनी,प्लीज—!       मेरी मनःस्थिति भी तो समझो शेखर।मैं तुम्हारे बिन नही रह सकती।तुम तो चले जाते हो सरहद पर,मैं … Read more

संस्कार केंद्र –  बालेश्वर गुप्ता   : Moral stories in hindi

 बाल कृष्ण जी रिटायर्ड आईएएस हैं, निवृत होने पर उन्होंने नोयडा  में रहने को प्राथमिकता दी।उनका एक मात्र बेटा साहिल नोयडा के ही एक इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ रहा था।नोयडा में अपना निवास रखने के पीछे एक कारण तो अपने बेटे की पढ़ाई का था,दूसरे नोयडा में दिल्ली जैसी घिचपिच नही थी जबकि सुविधाये सब … Read more

अंध कूप – बालेश्वर गुप्ता  : Moral stories in hindi

लाला धनीराम जी जैसा अनुशासन अपने प्रतिष्ठान में रखते थे,उतना ही अनुशासन परिवार संचालन में रखते।छोटी छोटी बातों पर भी निगाह रखना उनके स्वभाव में था।एक बार धनीराम जी के मित्र उनके केबिन में बैठे थे कि तभी एक मजदूर आया और बोला बाबूजी तबियत खराब लग रही है,एक दो घंटे आराम यही कर लेता … Read more

बाबू का फैसला –  बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

   बाबू गर ये चार महीने की बच्ची न होती ना,कसम भगवान की आज तुम मुझे जिंदा न देखते।वैसे भी मैं तो अंदर से मर ही गयी हूँ।       ऐसा क्यों बोल रही हो शब्बो?बताओ तो हुआ क्या है? किसी ने कुछ कहा है?          खेती मजदूर बाबू अपनी पत्नी शब्बो और पिता धीरू के साथ मुजफ्फरनगर के … Read more

गुलाल – बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

    स्व.विद्यासागर जी का परिवार अपने नगर में प्रतिष्ठित माना जाता था।उनके दो बेटे थे महेंद्र बड़े और सुरेंद्र छोटे।विद्यासागर जी का अपना अच्छा भला व्यापारिक साम्राज्य उनके अंतिम दिनों में ही ध्वस्त हो गया था।बुढ़ापे में स्वयं संभाल नही सकते थे और बेटो की रुचि व्यापार में थी नही।बेबस से विद्यासागर जी दुनिया से यूँ … Read more

दुःख में सुख की खोज – बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

   पापा पापा, भैय्या हमें छोड़कर चले गये।भैय्या बिना कैसे रहेंगे?     क्या–या या-रोहन चला गया।ओह, ये दुःख भी जीवन मे देखना बदा था।ईश्वर तूने मुझे क्यों नही उठा लिया?        अपने समय के सफल कारोबारी रहे शांतिस्वरूप जी अब अधिकतर समय घर पर ही बिताते थे।उम्र भी तो 80 वर्ष के करीब हो गयी थी।दो बेटे थे … Read more

मुट्ठी में चांद –  बालेश्वर गुप्ता: Moral stories in hindi

बाबू सरकार हमारी न हिम्मत है और न औकात जो आपकी तरफ देख भी सके।मेरी बिटिया को माफ कर दो सरकार,हम यहां से कही भी दूर चले जायेंगे।बाबू सरकार — हमे –माफ –कर दो।        जमीदार विक्रम के यहां बचपन से ही रामू उनकी हवेली पर ही काम करता था।पहले बचपन मे अपने पिता के साथ … Read more

पवित्र पापी –   बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

  मेरे कंधे पर सिर रखकर फफककर रोने वाले 76 वर्षीय मोहन जी के प्रति मेरे मन मे वितृष्णा ही पैदा हो रही थी।मेरे मन मे बार बार आ रहा था कि एक बार कह दूं अरे मोहन बाबू क्यों नाटक कर रहे हों? मेरा उनसे बहुत पुराना परिचय नही था इस कारण संकोचवश कुछ न … Read more

करिश्मा – बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

     बाबूजी,आज 100 रुपये  एडवांस में मिल जायेंगे तो बड़ी मेहरबानी होगी।वो है ना माँ की साड़ी लानी है।बस दो  धोती है,घिस गयी हैं।देख कर मुझे अपने पर शर्म आती है।        अरे पहले बताना था ना।अच्छा रुक जरा।—–ले ये साड़ियां मेरी पत्नी की है,अब किस काम की,तेरी मां पहन लेगी,उसे संतोष मिलेगा।और ये ले 100 रुपये … Read more

धारा के विपरीत – बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

  बर्फ से ढकी कश्मीर की वादी अपने पूर्ण सौंदर्य की छटा बिखेर रही थी।सैलानी ठंड से बेफिक्र हाथों से बर्फ के ढेले बना बना कर एक दूसरे पर फेंक रहे थे।अजीब मस्ती का आलम था।रितेश और अखिलेश आज ही गुलमर्ग पहुचे थे।वहां के दृश्य देख उनका मन झूम उठा।         रितेश एक सामान्य परिवार का लड़का … Read more

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