दिव्या(भाग–11) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“भैया चाय तो ले लीजिए।” चंद्रिका आग्रह करती हुई कहती है। “नहीं भाभी… आज बिल्कुल इच्छा नहीं हो रही है।” “राघव कहकर रिया के साथ दरवाजे की ओर बढ़ गया। सुबह दिव्या को तैयार रखिएगा। हो सकता है.. वो सुबह जल्दी जगना और सैर पर ना जाना चाहे। पर आप अपनी ममता को बाहर मत … Read more

दिव्या(भाग–10) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

प्रियंवदा का चेहरा भरा हुआ था दुख और बेरुखी से, जैसे कि उसका सारी संवेदनशीलता गहराइयों में डूब गई हो। “शायद मेरा दिन ही खराब था,” उसने दुखभरी आवाज में कहा, जैसे कि उसके दिल में कई अनजान सवाल हो। “राजा तक भी बात पहुँच चुकी थी, माँ को तलब किया गया है,” उसने जारी … Read more

दिव्या(भाग–9) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“माँ मुझे लेकर बाहर आ गई। मैंने माँ से पूछा है वो लोग ऐसे क्यूँ बोल रही थीं।” प्रियम्वदा खुद की रक्षंदा से होने वाली वार्तालाप को बता रही थी। “उनकी और हमारी स्थिति एक ही है। उन सब की स्थिति भी गुलामों जैसी ही है और हमारी भी.. इस स्थिति से निकलने के लिए … Read more

दिव्या(भाग–8) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“राघव क्या तुम पूर्वजन्म या पुनर्जन्म में मानते हो?” आनंद पूछता है। “हाँ आनंद.. हम लोग सिर्फ विज्ञान नहीं अध्यात्म को भी साथ लेकर चलते हैं। थोड़ा सा आध्यात्मिक होकर सोचें तो संबंधों का विज्ञान, मनोविज्ञान और सामाजिक ज्ञान स्वयं ही अनुभवित हो सकता है। अध्यात्म और विज्ञान एक दूसरे के बहुत हद्द तक पूरक … Read more

दोयम दर्जे की सोच (भाग 2)- आरती झा आद्या

थोड़ी देर में ही लड़कियों की भीड़ लग जाती है… हमारे पास मरने के अलावा रास्ता ही क्या है… रोज रोज नोचे जाने से तो अच्छा है.. एक बार में खुद को खत्म कर लो.. एक लड़की दूसरी से कहती है। रोज रोज नोचे जाने से क्या मतलब है इसका.. जैसे ही दिया ने उनसे … Read more

दोयम दर्जे की सोच (भाग 1)- आरती झा आद्या

दिया उम्र पंद्रह माता पिता की लाडली उनकी नयनतारा आज अदालत के कठघरे में खड़ी थी। क्या दोष था उसका.. जबरदस्ती घर में घुस आये उन गुंडों से बेटी को बचाने में माता पिता की मौत देखना.. खुद को बचाने में गलती से एक लड़के को चाकू लग जाना.. और उस लड़के का तत्काल मर … Read more

दिव्या(भाग–7) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

चंद्रिका और सुधा भी नाश्ता कर फ्री हो गईं थी। “चंदू.. राघव ने दिव्या के आराम पर ध्यान देने के लिए कहा है। किसी तरह का स्ट्रेस ना ले वो.. ध्यान रखना और उसके कमरे को भी थोड़ा खाली करवा लेना। दिव्या का कमरा ही उसे उपयुक्त लग रहा है उपचार के लिए। मैं भी … Read more

दिव्या(भाग–6) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“सम्मोहन.. कार्य कैसे करता है भैया?” चंद्रिका पूछती है। “भाभी.. सम्मोहन रोगी की चेतना को इस तरह से बदलता है कि हमारे दिमाग का दायां भाग निष्क्रिय हो जाता है और बायां भाग अधिक सक्रिय हो जाता है। हमारे दिमाग का दायां हिस्सा विश्लेषणात्मक कार्य करता है जबकि बायां हिस्सा गैर विश्लेषणात्मक कार्य करता है। … Read more

दिव्या(भाग–5) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

राघव आकर सीधा अपने कमरे में चला गया। उसे परेशान देखकर रिया भी पीछे- पीछे कमरे में आ गई।  “क्या बात है राघव? बहुत परेशान हो और आते ही दिव्या की फाइल्स लेकर बैठ गए। दिव्या ठीक तो है ना।” रिया राघव को फाइल्स में सिर घुसाए देख पूछती है। दिव्या के स्कूल गया था … Read more

स्वभाव व पहचान – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : कभी तो मेकअप कर लिया कर, तेरी उम्र की लड़कियाॅं साज श्रृंगार में ही अच्छी लगती हैं। ऑफिस के लिए तैयार होकर कमरे से निकली रेणुका को देखते ही उसकी मम्मी सारिका कहती है। छोड़ो ना मम्मी, अभी तो मैं अपनी पहचान बनाने के लिए ही संघर्ष कर रही हूॅं। … Read more

error: Content is Copyright protected !!