तुम मेरे साथ ऐसा व्यवहार करोगे कभी सपने में नहीं सोचा था – प्रतिभा भारद्वाज “प्रभा” : Moral Stories in Hindi

भाभी,आप तो जानती ही हो कि हमारे घर में तीन ही कमरे हैं और प्रीती और राहुल भी अब बड़े हो चुके हैं जिनको उनकी पढ़ाई के लिए भी एक कमरे की जरूरत महसूस होती है, अगर.. आप स्टोर वाले कमरे में अपना सामान रख लें और वहां रहने लगें तो कमरों की समस्या दूर … Read more

गुदगुदी – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

देख-देख संध्या ….वो हैं क्या हमारे होने वाले जीजा जी….  धत्….. नहीं रे ….! तू अपने होने वाले पति को पहचानती भी है ना ठीक से…. फोटो तो देखी है ना…?  कॉलेज में फ्री पीरियड या ब्रेक के समय गार्डन में टहलते वक्त सहेलियां हमेशा छेड़ा करती थीं…! मेरे शहर से मात्र 28 किलोमीटर की … Read more

संवेदनहीन रिश्ते – शिप्पी नारंग : Moral Stories in Hindi

मंदिर के प्रांगण में 44 वर्षीय स्वाति की श्रद्धांजलि सभा अब समाप्ति पर थी । शांति पाठ के बाद दो मिनट का मौन खत्म होने को ही था कि निस्तब्धता को भंग करती कुछ आवाजें प्रांगण में गूंजने लगी “नहीं निखिल,  रुको निखिल,  रुक जाओ बेटा”   शांत वातावरण में ये आवाजें एक धमाका सी … Read more

मेरे साथ ऐसा व्यवहार करोगे कभी सपने में भी नहीं सोचा था – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

सप्ताह में एक बार मुलाक़ात के दौरान सब क़ैदियों से मिलने के लिए कोई ना कोई आ ही जाते थे लेकिन अंजलि से मिलने के लिए आज तक कोई नहीं आया था । जेल की सुपरिटेंडेंट कमला देवी अंजलि को चाहती थी । वे पिछले तीन साल से अंजलि को देख रहे थे। वह कभी … Read more

रोटी – मुकुन्द लाल : Moral Stories in Hindi

अपने गांव के पड़ोसी टोले से मांगी गई रोटियाँ कारी के लिए अनमोल थी। अपने दो बच्चों के साथ तीन शाम तक भूख से लड़ने के बाद गिड़गिड़ाने और आरजू-मिन्नत करने के बाद उसे रोटियाँ नसीब हुई थी, उस टोले के सचिन की मांँ की मेहरबानी से।    नौरंगी जब जिन्दा था तो कारी रानी का … Read more

रिश्तेदारियाँ या दिखावा -प्राची अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

नेहा आज सुबह से ही बेचैन थी। उसके पति प्रशांत ने पूछा भी था कि क्या बात है। आज इतनी परेशान क्यों हो, पर उसने टालकर उनको ऑफिस भेज दिया। उसकी सास मालती आज सुबह से ही मगन थी। बहुत खुश लग रही थी वो। जब भी उनके मायके या रिश्तेदारी में कोई विवाह शादी … Read more

टूटते रिश्ते -पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

महेश की बुआजी से फोन पर हुई बातों से गरिमा बहुत परेशान हो गई थी और सोचने पर मजबूर हो गई थी कि सही तो कह रही हैं बुआ जी जब से मैं इस घर में आई हूं अपनी सारी जिम्मेदारियां अच्छी तरह से निभाई है और जब मेरे बच्चों का समय आया तो मैं … Read more

रुखी थाली -शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

ये लोग यहाँ कब तक रहेंगे मनीषा अपने पति परेश से बोली। ये लोग कौन लोग। जिनके बारे में तुम बात रही हो वो कोई लोग नहीं हैं वरन मेरे मम्मी पापा हैं ।उनके लिए सम्मानित शब्दों का प्रयोग करो,और रही जाने  की  बात तो वे क्यों जायेगें।अपने  बेटे-बहू के पास रहने आए हैं अब … Read more

हिस्सा – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

शरद ने अपनी पत्नी शुभी से कहा यह  तुम क्या कह रही हो कि मैं गांव जाकर बाबूजी से मकान व दुकान में अपने हिस्से की बात करूं,क्योंकि कानूनन मेरा भी हक बनता है कि मैं भी अपने भाई के साथ बराबर का हिस्सेदार  हूं,उस घर व दुकान में…   तुम इतनी खुदगर्ज कैसे हो सकती … Read more

पंख – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

जब आज संजना को अपनी तीनों बेटियों में सबसे छोटी बेटी पंखुरी का ज्यूडिशरी का रिजल्ट पता चला तो उसकी आंखों से खुशी के साथ-साथ वक्त और अपनों ने दिए जख्मों को याद कर मिश्रित आंसू की झड़ी लग गई। वह दौड़कर घर में बने मंदिर में सिर नवाकर ईश्वर का धन्यवाद कर रोने लगी। … Read more

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