रिश्ता – एम.पी.सिंह : Moral Stories in Hindi

आनंद, शाम को तैयार रहना, तेरे लिये लड़की देखने जाना है, बिना जवाब सुने पापा बाहर निकल गए। ये आवाज अक्सर कानो मे पड़ती। फिर हम लड़की देखने जाते, मॉ को अगर लड़की पसंद आती तो बाबूजी मना कर देते, अगर दोनों को पसंद आती तो मैं मना कर देता। ये सिलसिला लगभग साल भर … Read more

गम – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

रामदीन जी सेवा निवृत्त अध्यापक थे उनकी पत्नी देविका जी की अचानक हृदयाघात से मृत्यु हो गयी थी । उनका पार्थिव शरीर बड़े बेटे हर्ष के इंतज़ार में रखा हुआ था । जीवन संगिनी के जाने का गम रामदीन जी को अंदर ही अंदर खाए जा रहा था । घर में सभी परिवार रिश्तेदारों की … Read more

अपमान बना वरदान – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

आज बहुत लंबे अरसे के बाद आयुष को फीनिक्स मॉल से निकलते हुए देखा… मुझे देखकर आयुष भी ठिठक कर खड़ा हो गया… कुछ कहता तब तक मेरे पति राजेश गाड़ी पार्किंग में लगा कर आ गए… मन खिन्न हो चुका था.. पर इतने अच्छे मूड में राजेश थे कि… खूब सारी शॉपिंग करने के … Read more

मी टाइम – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

राधिका तुम अपना सारा ‘मी टाइम'(अपना समय) इस लिखने-लिखाने में ही गंवा देती हो। घर से बाहर निकलकर भी दुनिया देखो। किसी ‘किट्टी पार्टी’ या ‘क्लब’ की सदस्य ही बन जाओ। यदि कहो, तो मैं तुम्हें ‘रेड क्रास सोसायटी’ या इन्हरव्हील क्लब’ की सदस्यता दिलवा दूं, मेरे दो मित्रों की पत्नियां इनकी सदस्य हैं।   ज्ञक्षराधिका … Read more

रईसी – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

आंखों पर बहुते चर्बी चढ़ गई है का, सामने आदमी जा रहा है लागत है कार में बैठकर सड़क के लोग  दिखाई नहीं देते का..!!मोहन जी ने सड़क पर गिरे हुए आदमी को उठाते हुए कार रुकवाने की पुरजोर आवाज लगाई तो समीर ने कार रोकने के बजाय आगे बढ़ा दी। अरे ओ समीरवा पिता … Read more

अपमान बना वरदान – विधि जैन : Moral Stories in Hindi

डॉली के दो बेटे दोनों पढ़ने में बहुत होशियार एक छोटे से गांव में डॉली की शादी हुई भरा पूरा परिवार पति राजेश का बिजनेस आसमान छू रहा था पैसा इतना था किसी चीज की कमी नहीं थी बेटे नवीन और रितिक दोनों पढ़ने में बहुत होशियार हमेशा अब्बल रहने वाले बच्चे गलत रास्ते में … Read more

संगीत का अर्थ – डॉ ऋतु अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

 “रागिनी! यार क्या तुम भी, जब देखो घर के काम निपटते ही यह तानपुरा हाथ में उठा लेती हो। कुछ हम लोगों के साथ बैठो-उठो, हमारी किटी में आओ, कुछ अपनी कहो, कुछ हमारी सुनो।” शाम को अपने बगीचे में पौधों को पानी देती रागिनी को देख रीता ने चुटकी ली।          “जी! मेरा इन सब … Read more

हुनर ने दिलाई पहचान – कविता झा ‘अविका’ : Moral Stories in Hindi

रमा की शादी के पन्द्रह वर्ष हो गए थे। पति रमेश अच्छा खासा कमाते थे। वो संयुक्त परिवार में आकर खुद को भाग्यशाली समझती थी कि आज जहांँ  लोग एकल परिवार में रहते हैं वहीं वो इतने बड़े घर परिवार में रहेगी। सब मिलजुल कर रहेंगे तो हर दिन त्यौहार की तरह ही होगा।  पर … Read more

प्रहार – शिप्पी नारंग : Moral Stories in Hindi

नरेश जी और सुमेधा जी अपने कमरे में बैठे हुए एक दूसरे के साथ पुरानी यादों को ताजा कर रहे थे कि अचानक से छोटे बेटे गौरव ने दरवाजे पर दस्तक देकर अंदर झांका और कहा ” पापा चाय चलेगी क्या..?” नरेश जी थोड़ा अचंभित हुए और मन में सोचा कि बेटा चाय पूछने आया … Read more

बहू अब मै भी अपने पैरों पर खड़ी हूं। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

ये क्या!! डिब्बे में दो लड्डू रखे थे, दोनों खत्म हो गये !! अभी थोड़ी  देर पहले तो मैंने देखे थे।  मीनल ने गुस्से मे कहा…  वो रसोई से बाहर निकली तो देखा उसकी सास के कमरे की लाइट जल रही थी, वो धीरे से कमरे में पहुंची और उनके हाथ में एक लड्डू देखकर … Read more

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