सुदृढ़ संस्कार – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

 ‘कितना बदल गया है उनका बेटा ? उनकी परवरिश कैसे फेल हो सकती है ? पिता की बीमारी की तनिक सी विपत्ति आते ही बेटे को सिखाए आदर्श और जीवन-मूल्य इतने कमजोर कैसे पड़ गये ? संभवतः हमारे दिए संस्कारों में ही कोई कमी रह गई होगी ? क्या पिता के जीवन को धन से … Read more

हमारे दिए संस्कार में कुछ कमी रह गई होगी – पूजा मिश्रा ‘धरा’ : Moral Stories in Hindi

शहर के बीचोबीच स्थित एक छोटे से मोहल्ले में शुक्ला परिवार रहता था। परिवार में चार लोग थे: माता-पिता, पवन और कुसुम, और उनके दो बच्चे, आरव और अनु। जाति से ब्राह्मण शुक्ला दंपति को अपने संस्कारों पर बहुत गर्व था। शुक्ला दंपति ने अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दिए थे, हमेशा सिखाया था कि … Read more

मैं तो बेटी के मोह में बहू के साथ बहुत ग़लत किया – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

खबरदार जो घर में पांव रखा, चली जाओ यहां से इस घर में तुम्हारे लिए कोई जगह नहीं है। मम्मी समझाओ न दीक्षा और रक्षा को मैंने नीतू से शादी की है और अब ये तुम्हारी बहू है।कैसी बहू और किसकी मर्जीसे शादी की है । बिना मेरी और घर के लोगों के मर्जी के … Read more

समय बीत जाता है यादें रह जाती हैं – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

बात उस समय की है जब हमारी ग्याहरवीं की परीक्षा ख़त्म हो गई थी और हमारे माता-पिता मेरी शादी की बात चलाने लगे थे माँ ने कहा कि शादी के फ़िक्स होते तक सिलाई कढ़ाई सीख ले और मेरा वहाँ दाख़िला दिलाया ताकि मैं कुछ काम सीख लूँ । वहाँ मेरी मुलाक़ात बहुत सारी लड़कियों … Read more

आंँखों पर चर्बी चढ़ना – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

बेटियां मुहावरा लघु -कथा प्रतियोगिता  इतिहास में महाभारत युद्ध को सबसे भयंकर माना जाता है।इस युद्ध में करोड़ों  लोगों की जानें गईं,इसका सबसे बड़ा कारण हस्तिनापुर के राजा धृतराष्ट्र ही थे। धृतराष्ट्र की आंखों पर पुत्र -मोह की चर्बी चढ़ी हुई थी,जिसके कारण उन्होंने अपने ही वंश का समूल नाश करवा दिया। धर्म और अधर्म … Read more

अपमान बना वरदान – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

ये कैसी बात कर रही हो सुजाता! नंदिनी की शादी तुम्हारे भाई के साथ, वैसे क्या जोड़ है …. हाँ…मेरे हिसाब से तो ठीक है दोनों का जोड़ … फिर समीर को नंदिनी बहुत पसंद आई थी । तुम्हारी सगाई के दिन उसे देखकर मेरा भाई लट्टू हो गया था उस पर …. छह महीने … Read more

नई राह – निभा राजीव निर्वी : Moral Stories in Hindi

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नंदिनी ने अपार स्नेह और आह्लाद से भरकर अपने अठारह वर्षीय भाई नमन का टीका किया, जो भाई दूज के पावन अवसर पर उससे टीका कराने आया था। भावातिरेक दोनों भाई बहन की आंखें नम हो गई। नंदिनी ने नमन से कहा, “- चल तू बैठ, मैं तेरा खाना लगाती हूं।” नमन ने मुस्कुराते हुए … Read more

आंँखों पर चर्बी चढ़ना – मुकुन्द लाल : Moral Stories in Hindi

 लड़के के पिता महेश  और उसके पुत्र प्रबोध को लड़की के अभिभावक द्वारा अपनी लड़की के दिये गए फोटोग्राफ्स पसंद पड़ गये। इसके साथ ही उसके बायोडाटा व  अन्य जानकारियों से भी पिता-पुत्र प्रभावित हुए। उसके परिवार के अन्य सदस्यों ने भी इस रिश्ते को पसंद किया था।  महेश उस शहर का धनी व्यवसायी था। … Read more

माँ जी का ख़ौफ़ – गीता यादवेन्दु : Moral Stories in Hindi

सुहासिनी की ज़िंदगी में जैसे विधाता ने उसके लिए ठोकरें और अपमान ही लिखा था । ग़रीब पिता विवाह में अपेक्षित दहेज़ नहीं दे पाए थे इसलिए ससुराल में हमेशा सास-ससुर से उपेक्षा और अपमान ही मिला लेकिन पति का व्यवहार उसके प्रति अच्छा था क्योंकि राजीव ने स्वयँ उससे अपनी मर्जी से  विवाह किया … Read more

गलती या गुनाह – डॉ कंचन शुक्ला : Moral Stories in Hindi

“शायद मेरे ही संस्कारों में कोई कमी रह गई होगी जो तूने ये हरकत की है अगर मुझे पता होता कि,तू पढ़ाई-लिखाई के नाम पर प्रेम की पींगे बढ़ा रही है तो मैं तुम्हें आगे पढ़ने की इजाजत देती ही नहीं तू तो कुल का कलंक बन गई अगर ये बात तेरे पिताजी को पता … Read more

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