दिल पर जोर चलता नहीं – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

आज अमित अपने दोस्त की शादी में बाराती बनकर आया था , समस्तीपुर।गांव की परंपरा के अनुरूप सभी शादी के आयोजन हो रहे थे।अमित का यह पहला अनुभव था।अमित अपने दोस्त माधव के साथ ही रुका था कमरे में। आस-पास की औरतें आ -आकर दामाद जी की खिंचाई कर जातीं।माधव झेंप तो जा रहा था … Read more

कलंक – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

कभी-कभी अनजाने में ही व्यक्ति के हाथों कुछ ऐसी घटना  हो जाती है,जिसका कलंक उसके सिर से ताउम्र नहीं मिटता है।सुनील सिंह के हाथों बचपन में ऐसी  ही घटना अनजाने में घटित हो गई थी और उस घटना का कलंक जब-तब उनके जीवन को काली स्याही से रंग देता है। आज भी सुनील सिंह जब … Read more

निष्कलंका – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

भाभी, साक्षी के बिना घर में मन ही नहीं लगता । पूरे मोहल्ले की रौनक़ थी । इस बार तो आ गई पर आगे से मुझे भी तब बुलाना जब साक्षी को बुलाओ । ये तो कोई बात नहीं दीदी…… तुम दोनों बुआ-भतीजी साथ आओगी और पूरे घर में सन्नाटा करके इकट्ठी चली जाओगी , … Read more

*कलंक धुल गया* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

  ‘यह क्या पूनम जब देखो या तो कुछ लिखती रहती हो या पढ़ती दिखती हो। पता है……तुम अच्छी लेखिका हो,कहानीकार हो पर ……भाई हम भी तुम्हारे कुछ लगते है..  कुछ हमारा भी ध्यान रखा करो।’ एक मुस्कान बिखेरते हुए अमर ने घर में प्रवेश किया, उसे पूनम को चिढ़ाने में मजा आता था, और जब … Read more

मॉडर्न सोसाइटी का घिनौना सच – प्राची_अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

घर की लाडली बेटी शैलजा का रिश्ता बहुत बड़े घर में हो गया। घर में सभी लोग फूले नहीं समा रहे थे। बड़े-बड़े फलों के टोकरे, मिठाईयां के दर्जनों डिब्बे से घर भरा पड़ा था। गोल्ड और डायमंड की वेशकीमती ज्वेलरी देख कर सबको शैलजा की किस्मत पर नाज हो रहा था।  मध्यम वर्गीय परिवार … Read more

कलंक नहीं… खुशी – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

तुझे कितनी बार कहा है मेरे दोस्तों से दूर रहा कर, पता नहीं तुझे क्या मजा आता है उनसे बात करने में? क्यों.. जब तेरे दोस्त इतने खराब है तो घर में लेकर आता ही क्यों है और मुझे कोई शौक नहीं है तेरे दोस्तों से बात करने का.. समझ गया, जैसा तू वैसे तेरे … Read more

सावन में हरी साड़ी भैया से या सैंया से…. – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

   अरे…. देखिए ना जी…. वो हरा पत्ता कितना प्यारा लग रहा है …..वाह … इसका हल्का हरापन कितना प्यारा है….. सैवी ने बागान में टहलते हुए सुशांत को एक नन्हे पौधे की पत्ती दिखाते हुए कहा….।    काश… इस कलर की साड़ी मेरे पास होती….. सुनिए ना सुशांत… मेरे लिए खरीद देंगे… ये वाली हरे रंग … Read more

स्वाभिमान – मनीषा भरतीया : Moral Stories in Hindi

बाबूजी बाबूजी मुझे भी भाई की तरह एक साइकिल दिला दो ना क्योंकि हमारे गांव में तो कक्षा 10 तक ही स्कूल है…मुझे आगे पढ़ने के लिए हमारे गांव से 5 किलोमीटर दूर पढ़ने जाना पड़ेगा…. हां हां लाडो मुझे याद है मैं कल ही तेरी साइकिल की व्यवस्था करता हूं….. तभी रानों की दादी … Read more

पिया का घर अपना लगे – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

आखिर कनक की खोज पूरी हो गई, महिका उसे पहली नजर में पसंद आ गई।सबसे बड़ी बात शादी उसी शहर में तय हुई जहाँ कनक रहती थी।बेटे कनिष्क ने भी अपनी पसंदगी की मुहर लगा दी। नियत समय पर कनिष्क और महिका की शादी हो गई। कनक ने बड़े अरमानों से बहू की आरती कर … Read more

रीयूनियन मीट – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

जैसे ही निधि ऑफिस पहुंची,उसने देखा उसके केबिन की टेबिल पर एक गुलावी लिफाफा रखा है साथ ही बड़ी सी चॉकलेट भी,एक कार्ड पर छोटा सा कैप्सन लिखा नजर आया‘‘ इस खुशी के मौके पर कुछ मीठा हो जाए,, निधि ने उत्सुकता कि लिफाफा जैसे ही खोला, पीछे से वॉस कीआबाज सुनाई पड़ीं, बधाई हो … Read more

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