दर्द का एहसास – रचना गुलाटी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : ” तुमने मेरी नाक कटवा कर रख दी। इज़्ज़त मिट्टी में मिलाकर रख दी। बस यही दिन देखना रह गया था। तुम्हें शर्म नहीं आई, यह सब करते हुए। अपने माता-पिता के अरमानों पर पानी फेर दिया। मेरा नाम डुबोकर तुम्हें चैन मिल गया होगा।” पिता जी गुस्से में संजीव … Read more

घर पर अधिकार – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : “ अरे सुरेश बाबू … आज आपको ही याद कर रहा था और देखो आपने फ़ोन कर दिया.. कहिए क्या हाल है…लगता है अब बैंगलोर जाकर हमें भूल ही गए तभी तो अपना घर भी बेचने का विचार कर रहे।” कैलाश जी ने जैसे ही सुरेश जी से ये सब … Read more

एक लंबा सफर – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : आकाश.. आनंदी.. अमृत  .. छोटी सी दुनिया तीनों की… अमृत, आकाश और आनंदी का लाडला.. राजकुमार। समय कब कौन सा रंग दिखा दे.. कोई नहीं जानता… जाने कब कौन सी चूक हुई और एक पेट दर्द ने रातों रात आनंदी के प्राण हर लिए। आकाश और अमृत.. आनंदी के बगैर … Read more

उपेक्षित पड़ाव जिंदगी का .! – अंजना ठाकुर : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : अनु बेचैनी से बार बार  दरवाजे की और देख रही थी उसकी बेटी पांच बजे तक कोचिंग से आ जाती है अभी छे बज रहे थे फोन भी नही उठा रही थी तब शिवी आते दिखी अंदर आते ही अनु बोली कहां रह गई थी शिवी और फोन भी नही … Read more

बेटे की चाहत – ऋतु गर्ग : Moral stories in hindi

 Moral stories in hindi : कावेरी को अपने दोनों बेटों पर बड़ा नाज़ था। स्वयं को बहुत भाग्यशाली मानती रही। चूंकि कोई बेटी नहीं थी तो घर में बेटियों का होना क्या होता है। कावेरी को बिल्कुल भी इस बात एहसास नहीं था।  घर भी साधारण था। उस घर को वह बहुत संभाल कर रखती … Read more

छोटे के आते ही बड़ा बच्चा उपेक्षित क्यो ? – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi :” ये क्या पीहू तुम बेबी के पास से दूर खेलो लग जाएगी उसको !” चारु अपनी पांच साल की बेटी को दो महीने के बेटे के पास बैठा देख बोली। ” मम्मा मैं भी बेबी की तरह आपके पास सोऊंगी । देखो बेबी भी अपने छोटे छोटे हाथों से मेरी … Read more

ईश्वर का इशारा – शुभ्रा बैनर्जी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : शादी के अगले साल ही शिखा मां बनने जा रही थी।ससुराल‌ में सास सबसे ज्यादा खुश थी।इकलौते बेटे की औलाद के सुख का मोह उनकी आंखों से झलकता था।स्थानीय चिकित्सालय में आज से सत्ताइस साल‌ पहले सोनोग्राफी की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। शिखा हर तीन महीने में कंपनी मुख्यालय (बिलासपुर)के … Read more

वसीयतनामा – नन्दलाल भारती ( भाग – 2 ) : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : आगे की कहानी समझने के लिए पहला भाग जरूर पढ़ें वसीयतनामा ( भाग – 1 ) वही पिपाशा मुकुल की मौत पर दहाड़े मार मारकर घड़ियाली आंसू बहा रही थी। उधर मुकुल के मृत शरीर के अन्तिम संस्कार की तैयारी चल रही थी। इसी बीच मुकुल के बिस्तर से दो … Read more

वसीयतनामा – नन्दलाल भारती ( भाग – 1 ) : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : सुबह मौन थी। सूरज की रोशनी पेड़ों के झुरमुटों से शनै शनै झर रही थी पर किसी को इस अद्भुत प्राकृतिक नजारे से कोई सरोकार न था क्योंकि मुकुल के निष्प्राण शरीर को पुआल बिछा कर लेटा दिया गया था। सब की नजरें मुकुल के मृत शरीर पर टिकी थी। … Read more

नजर का टीका – बालेश्वर गुप्ता : Short Stories in Hindi

Short Stories in Hindi :   तुम्हे कुछ होश भी है, कुछ भी कहे जा रहे हो।पढ़ लिख लिये हो,नौकरी करते हो इसका मतलब यह तो नही,खानदान की इज्जत को तार तार करोगे।क्यूँ अपने ही खानदान को दागदार करने पर तुले हो?देखो राजीव मैं तुम्हे किसी विधवा से शादी करने की इजाजत नही दे सकता।अधिक आदर्शवादी … Read more

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