मायका अब भी है  – गीता वाधवानी

 पिछले साल जब ज्योति की मां का देहांत हुआ था, तब उसे लगने लगा था कि अब मेरा मायका नहीं है। मां के बिना कैसा मायका? उसकी बड़ी भाभी पदमा उसके मायके आने पर सीधे मुंह बात तक नहीं करती थी, तो फिर छुट्टियों में उनके साथ कैसा रहना और समय बिताना। छोटे भाई मनोज … Read more

अजीज दोस्त – मीनू जायसवाल

#मायका  मैं रश्मि गुवाहाटी की रहने वाली एक साधारण सी लड़की बचपन से चंचल और हंसमुख स्वभाव की लड़की जो अब बिल्कुल संजीदा और शांत रह रही थी और दिल्ली में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी कर रही थी कॉलेज की छुट्टियां शुरू हो चुकी थी और हॉस्टल की भी सभी लड़कियां अपने अपने घर जा … Read more

धुंधली यादें –  प्रीती सक्सेना

        इस बार का विषय, बहुत रुलाएगा,, मुझे,, मातृविहीन बेटी,,, मम्मी के साथ बिताए दिनों को याद करेगी,, और आप सबके साथ अपनी भूली बिसरी स्मृतियों को सांझा भी करेगी।      अपनी शादी के चौथे साल ही,, मां के आंचल से छूट गई मैं,, हां,वो तीन साल जो मम्मी के सानिध्य में गुजारे,,, वो आज 33 साल … Read more

 बहू का भी मायका होता है – नीलिमा सिंघल

मनीषा खुशी खुशी अपना काम मशीन की तरह निपटाए जा रही थी आज उसको अपने मायेके  जाना था, वो चिन्तामुक्त थी क्यूंकि उसकी सासु माँ ने बताया था कि कुछ दिन सिम्मी नहीं आएगी । सिम्मी मनीषा की इकलौती नन्द थी पर 100 के बराबर थी पूरे ससुराल में उसी का हुकुम चलता था सिम्मी … Read more

पीहर की खुशबु – नीलिमा सिंघल 

पीहर ये नाम आते ही हर लड़की का मन तड़पने लगता है पर निशा को कभी भी पीहर से लगाव नहीं रहा उसने पहले आए रिश्ते पर ही हाँ कर दी क्यूंकि वो इस पीहर रूपी जेल से छुटकारा चाहती थी, चौंक गए ना आप सब, निशा के लिए उसका पीहर बाबुल का घर कभी … Read more

सरिता – भगवती सक्सेना गौड़

सरिता के मोबाइल की घंटी बहुत देर से हल्ला मचा रही थी, दौड़कर बोली, “हल्लो, मम्मा, कैसी हो।” “ठीक हूँ, बेटा, तुमसे बात करने का मन कर रहा था, रातभर व्याकुल रही।” “अरे क्या हो गया, कुछ गाने, भजन सुन लो, कारवां ऑन करो, तुम्हे तो गाने बहुत पसंद है।” “अरे वो सब ठीक है, … Read more

और प्यार हो गया – रीटा मक्कड़

सुनीता पिछले कुछ दिनों से कुछ अलग सा महसूस कर रही थी।कुछ अजीब सा जो  उसे आज तक नही हुआ। बत्तीस साल की शादी शुदा ज़िन्दगी में आज तक ऐसा कभी महसूस नही किया उसने। अगर कभी दिल मे ऐसा कोई एक तरफा ज्वार उठा भी तो उसने उसको अपने अंदर ही दबा दिया। यही … Read more

प्रेमरूप – वीणा

  बलचनवा गरदन में गमछा लपेटते हुए फगुनिया से बोला, ” फगुनिया तुम अभी तक नाराज हो.. गोइठा पाथती फगुनिया कुछ नही बोलती, हाँ गोइठा पाथते समय फगुनिया की कलाई की चूड़ियां खनखना रही थी, लेकिन फगुनिया का उदास चेहरा छुप नही रहा था। बालचन फिर बोला… तुम ससुराल से आई हो कुछ खाजा टिकरी … Read more

मायका- अनुमित्तल “इंदु”

*मायका *शब्द सुनते ही भावुक हो जाती है हर स्त्री। मायका चाहे छोटे से गांव में हो या बड़े शहर में,हर औरत को ख़ास लगाव होता है।  मुझे याद है मम्मी जब अपने मायके जाती तो नानी मामा मामियाँ सब पलकों पर लिये रहते। कितने कितने दिन मायके में लगाकर आतीं। ढेर सारे उपहार और … Read more

मैं नाराज़ नहीं हूं पापा – सुषमा यादव

एक बेटी के मन के भाव,,जो वो ना कह‌  सकी,, ,, बेटी दिल्ली में अपने पापा के साथ , मेडिकल प्रवेश की काउंसिलिंग में आई थी,, वहीं पर एक लड़के ने उससे बात करते हुए कुछ जानकारी चाही,, उसके पापा ने दूर से देखा और आकर गुस्से से कहा,, कि, ये लड़का तुमसे क्यों बात … Read more

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