एक माँ का गणित- नीरजा कृष्णा

“अरे मम्मी जी! आप अभी तक तैयार नहीं हुईं। गाड़ी आ गई है।” बहू ममता हैरानी से पूछ रही थी। एक पारिवारिक विवाह समारोह में उन सबको हाजीपुर जाना था। बेटे मनोज को पटना में कुछ काम था अतः वो शाम को आने वाला था। वो धीरे से बोलीं,”अभी तुम दोनों बच्चों को लेकर चली … Read more

*जीवन के खेल* – मुकुन्द लाल

अपने गांव के बाहर से गुजरने वाली रेलवे लाइन से हटकर कुछ दूरी पर स्थित चबूतरे पर बैठा सुदीप ट्रेन का इंतजार कर रहा था। अवसाद और क्षोभ की लकीरें उसके चेहरे पर साफ दिखलाई पड़ रही थी।  प्रचंड धूप की तपिश के कारण चतुर्दिक सन्नाटा छाया हुआ था। दो बजने वाले थे किन्तु एक … Read more

गुमशुदा – गीतांजलि गुप्ता

बहुत याद करने पर भी उसे कुछ याद नहीं आ रहा था न घर याद था न नाम कुछ भी याद नहीं उसे। भूख प्यास से तड़प रहा था। मैले कपड़े गंदे हाथ देख विचलित हो रहा था। सड़क के किनारे पटरी पर सोया पड़ा था। दूर देखा तो शहर दिखाई दे रहा था। सड़क … Read more

बिफर पड़ी-कंचन श्रीवास्तव 

एक ही घर में रहते हुए गलियारे से निकलकर बोली अरे रज्जो कौन आने वाला है ? जो इतनी तैयारी कर रही , सुबह से देख रही हूं काम पे काम किए जा रही ।इस पर वो मुस्कुरा कर रह गई, पर इनसे रहा नहीं गया तो घंटे भर बाद फिर आकर पूछी  बताती क्यों … Read more

आँसू और मुस्कान – ज्योति अप्रतिम

टेबल पर पड़ा हुआ टिफिन मुँह चिड़ा रहा था।पाँच मिनट देर हुई और उसे वहीं छोड़ कर सुदेश ऑफिस निकल गए।ऊपर से चार बातें और सुना दीं। साढ़े पांच बजे से रोबोट की तरह काम करने के बावजूद ऐसी स्थिति !सोचते हुए रोना ही आ गया।एक बार आँसू निकल पड़े तो बन्द होने का नाम … Read more

सज़ा – अनु’ इंदु

एक ही शहर में रहते हुये भी तनु दीदी मुझसे कभी नहीं मिली थीं । जबकि तनु दी मेरी सगी बुआ की लड़की थी । फिर ऐसा कुछ हुआ कि तनु दी को मैंने दिल्ली में किसी रिश्तेदार की मृत्यु पर देखा । देख कर यकीन नहीं हुआ कि क्या यह वही है । कितनी … Read more

“सफेद झूठ” बहु नहीं बेटी है,-सुधा जैन

मध्यम वर्गीय परिवार में पली-बढ़ी अनाया अपने मम्मी पापा दादा दादी सभी  की लाडली बिटिया है… उसमें अपना ग्रेजुएशन पूर्ण कर लिया ..और भी आगे पढ़ना चाहती थी.. कुछ करना चाहती थी पर उसके मम्मी पापा ने सामाजिक दबाव… पारिवारिक… कुछ भी कहो… हमारे परिवारों में विवाह योग्य लड़की सबसे बड़ा प्रश्न चिन्ह है? सभी … Read more

खुशी की चाह – गरिमा जैन

जब भी राधिका की बात अपनी सहेली मालती से होती तो उसका दिल मचल मचल उठता। मालती कितनी खुश थी। ना जाने किन चक्र में पड़कर राधिका ने शहर में शादी कर ली। बचपन से तो उसका सपना यही था कि वह गांव में रहे। क्यों उसने इतनी बड़ी गलती की?  उसकी सहेली मालती कितनी … Read more

परी की वापिसी – रीटा मक्कड़

परी की वापिसी – रीटा मक्कड़ शादी के बाद पहली बार जब वो माँ बनने वाली थी तो उसके पति और उसका दोनो का ही मन था कि उनके घर एक प्यारी सी बेटी हो। लेकिन भगवान ने उनको  प्यारा सा बेटा दिया।पहली संतान थी वो भी बेटा। तो सभी परिवार वाले बहुत खुश हुए … Read more

जश्न_CompetingOneself – Dr Ashokalra

आपको ये किस्सा सुना रहा है, मेरा एक किरदार— आकाशगंगा! आज मेरे पापा का जन्मदिवस है, और मैं, आकाशगंगा, अपने पति के साथ जश्न मनाने आई हूँ। मैंने बैंक से हाफ-डे लीव ली है, अपने पति, आकाश, को भी बोला था हाफ-डे में ही घर आने के लिए। कारण उन्हें नहीं बताया था, बस बाद … Read more

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