खानदान – वीणा सिंह : short moral stories in hindi

धानी …  बड़े पापा क्रोध में जैसे दुर्वासा ऋषि बन गए थे.. तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ये प्रस्ताव हमारे सामने रखने की.. तुम अच्छी तरह से जानती हो हमारे #खानदान #में लड़कियों की मर्जी शादी ब्याह में नही चलती… तुम्हारी शादी का फैसला हम तीनों भाई हीं लेंगे…. अंदर जाओ नही तो मेरा हाथ उठ … Read more

हमारे खानदान में बहू को इंसान समझा जाता है। – अर्चना खंडेलवाल : short moral stories in hindi

“तुम तो रहने ही दो, तुम्हारे खानदान में तुमने ये सब नहीं देखा होगा, तुम्हारे खानदान वालों को तो पता भी नहीं है कि बेटियों को कैसे विदा करते हैं?” ये सुनते ही साक्षी की आंखें गीली हो गई, आज उसकी ननद वापस ससुराल जाने वाली थी तो उसकी सास कल्पना जी अपनी बेटी को … Read more

तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई – सुषमा यादव

मधु की मां को एक दिन फोन आया।जब से मेरे बेटे ने आपकी बेटी को एक शादी समारोह में सबके साथ नृत्य करते देखा, तब से वह उसे पसंद करने लगा है और कहता है शादी करूंगा तो उसी लड़की से। उसने आपका नंबर उसी शादी में अपने दोस्त दूल्हे के जरिए लिया है। आप … Read more

बेबी चांदनी (भाग 7) – सीमा वर्मा

‘ आज मम्मी की रिपोर्ट आने वाली है। कहीं … यह असमय की बीमारी भगवान् ना करे उनके शरीर से लेकर मन तक फैल ना  जाए ? ‘ यह सोचती चांदनी बेचैन हो रही है। इस वक्त सुबह के ग्यारह बज रहे हैं। कटता हुआ एक -एक क्षण उसे एक युग के समान लग रहा … Read more

बेबी चांदनी (भाग 6) – सीमा वर्मा

मम्मी को थपकियाँ देकर सुलाने के साथ ही चांदनी भी सो गई थी। अगले दिन सुबह तड़के ही उसकी नींद खुली थी। उसे थोड़ी देर के लिए बैंक के काम से निकलना था फिर अस्पताल जा कर बड़े डॉक्टर साहब से माँ के बावत बात भी करनी है। बस कल ही बम्बई से माँ की … Read more

बेबी चांदनी (भाग 5) – सीमा वर्मा

चांदनी को पेटिंग थमाते वक्त ही चित्रा ने नोटिस कर लिया था। चांदनी असहज हो गयी है। लेकिन टोकना सही नहीं जान कर चुपचाप ही रही। परंतु इस एकांत में चांदनी की अपनी ममा से इस तरह की बातें और फिर उसका लड़खड़ाना चित्रा को स्वाभाविक नहीं लगा। उसने चांदनी को थाम कर गिरने से … Read more

बेबी चांदनी (भाग 4) – सीमा वर्मा

चांदनी को पेटिंग थमाते वक्त ही चित्रा ने नोटिस कर लिया था। चांदनी असहज हो गयी है। लेकिन टोकना सही नहीं जान कर चुपचाप ही रही। परंतु इस एकांत में चांदनी की अपनी ममा से इस तरह की बातें और फिर उसका लड़खड़ाना चित्रा को स्वाभाविक नहीं लगा। उसने चांदनी को थाम कर गिरने से … Read more

बेबी चांदनी (भाग 3) – सीमा वर्मा

मेडिकल कॉलेज की ऊंची ईमारत इस समय रात के अंधेरे  में डूबी हुई है। चित्रा हैरान चांदनी को अकेली न छोड़ उसके हाँथ पकड़ कर बाहर ले आई है। सच में संसार में मित्रता से बढ़ कर और कोई नाता नहीं होता है। चांदनी भी कुछ  देर के लिए अपनी अफाट निराशा और चिंता को … Read more

बेबी चांदनी (भाग 2) – सीमा वर्मा

बेबी चांदनी की आंखों में रहस्य के काले घेरे उभरने के पहले ही मम्मी ने एक गाड़ी वाले अंकल की सिफारिश से उसका दाखिला शहर से दूर बने इस बोर्डिंग स्कूल में करवा दिया था। जिसके चारो ओर दूर-दूर तक कोई घनी आबादी नहीं थी। वह छुट्टियों में भी घर नहीं जा कर यहां ही … Read more

बेबी चांदनी (भाग 1) – सीमा वर्मा

सांवली-सलोनी और घनेरी जुल्फों वाली चांदनी ने जब से देखना शुरू किया है तभी से कदाचित सोचना भी प्रारंभ किया है। इस वक्त वह हॉस्टल की सीढि़यों पर बैठी अपनी दोनों हथेलियों में चेहरे को छुपाये अन्तर्द्वन्द से उबरने की पुरजोर कोशिश कर रही है। उसे घर और मम्मी की बहुत याद आ रही है। … Read more

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