तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई – सुषमा यादव

मधु की मां को एक दिन फोन आया।जब से मेरे बेटे ने आपकी बेटी को एक शादी समारोह में सबके साथ नृत्य करते देखा, तब से वह उसे पसंद करने लगा है और कहता है शादी करूंगा तो उसी लड़की से। उसने आपका नंबर उसी शादी में अपने दोस्त दूल्हे के जरिए लिया है। आप हां कर दीजिए। मेरे बेटे की खुशी मुझे दे दीजिए।

मधु की मां ने आश्चर्य चकित हो कर कहा, आप तो बहुत बड़े लोग हैं, हमारी हैसियत नहीं है कि हम आपसे रिश्ता जोड़े।ना हमारे पास इतना दान दहेज है। इसके अलावा हम अंतर्जातीय शादी नहीं करते।

लड़के शरद की मां ने कहा,अब तो समय बदल गया है। हमें केवल आपकी बेटी चाहिए, इसके अलावा हमें कुछ भी नहीं चाहिए।

भगवान का दिया हमारे पास बहुत है।शरद भी एक उच्च पदाधिकारी है। अंत में 

लड़के और उसकी मां की जिद

के आगे मधु की मां को झुकना ही पड़ा। उसने शरद को देख कर मधु से कहा, लड़का बहुत अच्छा है, समझदार है, तुम्हें पसंद करता है। यदि तुम हां कहो तो मैं उन्हें शादी के लिए हां कह दूं। मधु ने कहा,जैसी आपकी मर्जी मां। मगर मैं अपना कोर्स पूरा करने के बाद ही शादी करूंगी यानि एक साल बाद।

मधु ने शरद की मां को बता दिया।पर वो बहुत जल्दी शादी करने पर जोर दे रहीं थीं।जिसे मधु और उसकी मां ने स्पष्ट रूप से मना कर दिया।

एक दिन शरद की बड़ी बहन का फोन मधु की मां के पास आया, आपने और आपकी बेटी ने शादी से इन्कार कर दिया है।मेरा भाई डिप्रेशन में है। मैं आप दोनों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट लिखाऊंगी,कि आपकी बेटी ने मेरे भाई को फंसाया है और अब शादी से इंकार कर रही है। 

मेरे भाई ने अवसाद में घिर कर कुछ कर लिया तो उसके जिम्मेदार ये दोनों मां बेटी होंगी।

यह सुनकर मधु की मां घबरा गई, और उसने अपनी बेटी को बताया। मधु ने फौरन शरद को फोन लगाया, “तुम्हारी बहन की हिम्मत कैसे हुई,” मेरी मां से इतनी घटिया बात कहने की। 

तुम लोगों ने हमें समझ क्या रखा है। शादी के पहले ये हाल है तो शादी के बाद क्या होगा?

मुझे नहीं करना है तुमसे शादी।अपनी बहन से कहो मेरी मां से माफी मांगे।

शरद ने उसकी मां को फोन किया और कहा कि मधु ने शादी से मना कर दिया है। आपने मेरी बहन की बातें उसे क्यों बताई। मेरी बहन आपसे हरगिज माफी नहीं मांगेंगी, मैं उनका बहुत आदर करता हूं। अगर आप लोग शादी से मना कर देंगे तो मैं सचमुच आत्महत्या कर लूंगा।शरद दिन में कई बार फोन करके मधु की मां को धमकी देता। इसके अलावा जिस शहर में मधु थी वहां अपने दोस्तों से उसकी जासूसी करवाता। फिर उसकी शिकायत उसकी मां से करता। इन सब बातों से परेशान हो कर मधु की मां ने मधु से कहा कि वह तो पागल हुई जा रही है। बार बार फोन करके मुझे परेशान करता है, मरने की धमकी देता है। मैं बहुत डर गईं हूं, क्या करूं?

मधु ने शरद को ब्लॉक कर दिया था,पर फिर उसने उसे फोन करके चिल्लाते हुए कहा। तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरी मां से इस तरह बोलने की। आज से अगर तुमने मेरी मां को एक बार भी फोन किया तो मैं तुम्हारे खिलाफ पुलिस कंप्लेन करूंगी और सुनो आज के बाद से मैं तुमसे सभी रिश्ते तोड़ती हूं। तुम्हें जो करना हो करो, जहां जाना हो जाओ पर हमारा पीछा भगवान के लिए छोड़ दो,कह कर मधु और उसकी मां ने उसे ब्लाक कर दिया।

सुषमा यादव पेरिस

स्वरचित मौलिक अप्रकाशित

# तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई।

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