एक थी नंगेली – कमलेश राणा
पढ़ने का बहुत शौक है मुझे,,इसी के चलते कल एक सामाजिक कुरीति ने ध्यान आकर्षित किया मेरा,दिल दहल गया उसे पढ़कर और उस कुरीति से मुक्ति दिलाने वाली महिला नंगेली के प्रति श्रृद्धा से नतमस्तक हो गई। मेरी नज़रों में नंगेली किसी वीरांगना से कम नहीं है बल्कि उसे पूजनीय कहना ही उचित होगा लेकिन … Read more