लालच की सज़ा – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi
” ये आप क्या कह रहें हैं महेश जी..मैंने तो आपसे बस तारीख आगे बढ़ाने की विनती की थी पर आपने तो सगाई का सामान लौटाकर रिश्ते से ही #मुँह मोड़ लिया…एक बार सोचि..।” फ़ोन डिस्कनेक्ट हो गया और प्रदीप जी बात अधूरी रह गई। एक विवाह-समारोह में प्रदीप और महेश की मुलाकात हुई थी।महेश … Read more