“मां की गुलक” -गीतांजलि गुप्ता

रंजना जी कई दिनों से परेशन है। दीप्ति की बातों पर बार बार सोचने को मजबूर हो जाती है। बड़े अरमानों से उसने अपने इकलौते बेटे की शादी दीप्ति से की थी। दीप्ति अभिनव के साथ ही काम करती थी। रंजना जी ने अभिनव को जी तोड़ मेहनत कर के पाला था। सोमेश तो आठ … Read more

बेटी के साथ साथ मां भी आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे क़दम बढ़ाएगी…… – भाविनी केतन उपाध्याय 

  ” क्या बेटी की शादी उसे आत्मनिर्भर बनाने से ज्यादा जरूरी है विमला ? मुझे तो लगता था कि तुम्हें तो पढ़ाई लिखाई और केरियर का इतना बड़ा लगाव सा होगा ? परंतु सच कहते हैं लोग कि जिसके पास जिस चीज़ नहीं हो उसको उसकी कदर भी नहीं रहती…. सच तुम एक मॉं … Read more

प्यार की जीत – नूतन योगेश सक्सेना

ये कहानी आज से करीब 25 — 30 बरस पुरानी है । अजय और सीमा के घर पास — पास थे । सीमा एक साधारण परिवार की तीसरी बेटी थी, और अजय उच्च मध्य वर्ग से संबंधित था । दोनों हम उम्र ही थे, जैसा कि उन दिनों का चलन था लडके लडकियां आपस में … Read more

सोने का  मंगलसूत्र – प्रियंका सक्सेना

 “माँ, तुम  काला धागा गले में क्यों पहनती हो?” मीरा ने पूछा. “बेटा, ये मंगलसूत्र है, सभी औरतें पहनती हैं।” कांता ने बर्तन साफ करते-करते बेटी को बताया. तभी रसोई घर में विभा आ गई, मीरा को देखकर कहा, “अरे! आज मीरा भी आई है, कांता तुम्हारे संग।” “जी मेमसाब, इसके स्कूल में छुट्टी चल … Read more

चाहत – कुमुद मोहन

रिचा और अनुज एक ही बस में आते जाते थे!दोनों एक दूसरे के प्रति खिंचाव महसूस करते पर एक दूजे की पहल का इंतज़ार करते करते मौन ही रह गए! ये सफर कब चाहत में तब्दील हो गया दोनों को पता ही न चला! एक दिन अनुज अपने प्यार का इज़हार कर चिट्ठी बनाकर लाया … Read more

बिट्टो की चाहत – संगीता अग्रवाल 

” बिट्टो ये क्या इतनी जोर जोर से हंस बोल रही हो क्या शोभा देता है ये लड़कियों को !” छत पर दस साल की निहारिका अपनी सहेली के साथ मस्ती कर रही थी कि उसकी दादी आकर बोली। ” पर दादी जब केशव ( निहारिका का भाई) इतनी जोर जोर से बोलता है तब … Read more

मां कभी रिटायर नही होती है। – दीपा माथुर

हवाएं चल रही थीं,पर बारिश थम चुकी थी। उमेश बाबू जो 61वर्ष के हो गए थे। गार्डन में घूमने के लिए तैयार होते हुए बोले “अरे सुनती हो आज मौसम बहुत सुहावना हो रहा हे चलो थोड़ी देर गार्डन में घूम आते हैं।” उनकी पत्नी नंदनी उनके लिए चाय का कप हाथ में लेकर कहती … Read more

चाहत – आरती झा आद्या

ये कैसी पुरानी सी शर्ट पहन ली है तुमने, कहां से ले आए ऐसी मिट्टी रंग की शर्ट….ऑफिस ऐसे ही जाने का विचार है क्या…निभा पति को आईने के सामने शर्ट ठीक करते देख कहती है। अच्छी लग रही है ना। पापा की शर्ट है। आज पापा का जन्मदिन है ना… बहुत याद आ रही … Read more

आख़िर, मेरा घर कौन सा है – शाहीन खान 

“कृतिका अब उठ भी जा बेटा..!! कितनी देर तक सोएगी, आज कॉलेज नहीं जाना क्या?? पता नहीं कितनी नींद आती है इस लड़की को, सुबह उठाओ ना तो उठे ही नहीं। हे भगवान..!! ससुराल में कैसे गुजारा होगा इस लड़की का? कृतिका के कमरे की खिड़कियों के पर्दे खींचकर बड़बड़ाती जा रही थीं कावेरी जी।” … Read more

यादो का पन्ना – श्रेया त्रिवेदी 

  मेरे प्यारे पापा       जन्मदिन की शुभकामनाएं आपको कैसे दू? क्या लिखू क्या नहीं? लिखते हुए भी आँखों से गिरती धारा अक्षरों को मिटा देती है।  मेरे पिताजी एक सरकारी अफसर थे। घर के सामने एक सरकारी गाडी और दो सहायक 24*7 साथ रहते थे। हम बच्चो का जीवन कैसे बीता यह सिर्फ चंद शब्दों … Read more

error: Content is Copyright protected !!