अपनों के बीच कैसी मेहमाननवाजी ? – भाविनी केतन उपाध्याय 

” क्या हुआ गरिमा ? उदास और विचलित क्यों है ? ” अपनी पत्नी को मायूस और उदास देखकर अमर ने कहा।   ” आप ने देखा,जब से हम आए हैं शादी में शरीक होने पर एक भी बार भाभी या भैया ने हमारे बारे में कुछ नहीं पूछा और तो और आज सुबह का … Read more

फिर से – सुधा शर्मा 

  आज अपने को बार बार बहला रही थी वसुधा ,’ठीक किया मैने , यह कोई समय है प्यार मुहब्बत में पडने का ?कितनी पागल हूँ न मै ? कैसे इतनी जल्दी भावनाओं में बह जाती हूँ ।       बस खूबसूरत शब्दों के मोह जाल में भूल जाती हूँ कि जीवन के इस मोड पर क्या हक … Read more

उम्मीद आख़िर कितनी और कब तक…? – रश्मि प्रकाश 

  ‘‘आज पहली बार मैंने अपनी दिल की बात सबके सामने रखी तो सबको बुरा लग रहा…. सबकी उम्मीद बस आपसे ही क्यों …. क्या हमआपके कुछ नहीं लगते…. ऐसा है तो रहिए ना इन लोगों के ही साथ जो आपका भला सोचे बैठे है….. वो आपसे उम्मीद करते रहे औरआप उनको पूरा करने की … Read more

एक मुट्ठी उम्मीद के सहारे जिंदा हूं। – सुषमा यादव

  मैं नवासी साल में चल रहा हूं, अपने बेटी के साथ ही रहता हूं, बेटे बहू ने बहुत साल पहले ही हमसे पल्ला झाड़ लिया था, मुझे और मेरी पत्नी को दस दिन रखने के बाद गाड़ी करके गांव भिजवा दिया था कि मेरे घर में आप लोगों के लिए जगह नहीं है,, मैं … Read more

 सुखद बयार – डाॅ उर्मिला सिन्हा

  पहाड़ के तलहटी में बसा हुआ गांव.. आस-पास छोटी -छोटी  बस्तियां.. चारों ओर हरियाली प्राकृतिक संपदा बिखरी हुई  ..सीधे सच्चे  लोग,रीति-रिवाजों  ,परम्पराओं से जुड़े हुए ..अभाव में भी  कुछ अच्छा खान-पान की  बलवती आशा ..।        सब कुछ भगवान भरोसे.. स्वतंत्रता के इतने  बर्षों के  पश्चात भी न कोई सरकारी सहायता और  न कोई जागरूकता इस … Read more

ह्रदय से सींचा है – नीरजा कृष्णा

विभा इधर काफ़ी दिनों से महसूस कर रही थीं…उनका सात वर्षीय पुत्र अनुपम बहुत उदास और सुस्त सा हो गया है। खाना पीना भी कम हो गया है। आज तो हद ही हो गई। स्कूल से आकर सीधे अपने कमरे में जाकर रोने लगा था। वो व्याकुल होकर उसके पास गई और उसे गोद में … Read more

‘ सास बन गई माँ ‘ – विभा गुप्ता

   सगाई के बाद रश्मि के देवर ने जब उसे बताया कि घर में सभी को आप पसंद करते हैं लेकिन माँ नहीं।माँ का मिज़ाज भी थोड़ा सख़्त है और वे नियमों की पाबंद भी हैं, तो उसका दिल बैठने लगा।उसकी सास उसके साथ कैसा व्यवहार करेगी, उससे कोई गलती हो गई तो… ऐसे ही काल्पनिक … Read more

“रसोईघर” – सेतु

“सारिका कल जरा जल्दी उठ जाना बेटा. रसोईया मदन साढ़े आठ नो बजे तक आ जायेगा. उसके आने से पहले तुम बस मूंग दाल का हलवा , बादाम- शर्बत और चूरमे की तैयारियां कर लेना.” शोभा देवी रात की दवा लेते हुए बहु सारिका से कह रही थी.शोभा देवी की आवाज में उत्साह और फिक्र … Read more

उम्मीद – माता प्रसाद दुबे

बारिश थम चुकी थी..रामू बहुत खुश था..”अरे मुन्नी बिटिया!बीज वाला थैला लेकर जल्दी आओ?”रामू ने अपनी छोटी बेटी मुन्नी को आवाज दी।”अभी लाती हूं बाबू! मुन्नी बीज वाला थैला रामू के हाथ में थमाते हुए बोली।”बाबू मुझे भी ले चलो अपने साथ?”मुन्नी उछलते हुए बोली।”अच्छा चल बिटिया! रामू मुन्नी को साथ लेकर अपने खेत की … Read more

स्त्रियों से ही त्याग की उम्मीद क्यों की जाती है?? – अर्चना खंडेलवाल

हां, मौसी हम सब आ जायेंगे, आप जरा भी चिंता मत करिये, सब कुछ अच्छे से हो जाएगा, अनु दीदी ने अब शादी के लिए हां कर दी है तो धूम धड़ाके से शादी तो होगी। हम सब समय पर पहुंच जायेंगे। ये कहकर सीमा ने फोन रख दिया। ये कोई उम्र है शादी करने … Read more

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