निर्णय (भाग 24) – रश्मि सक्सैना : Moral Stories in Hindi

गतांक से आगे

कुछसमय  के  बाद नेहा रोहित को फोन करती है , और उसे बताती है इसका पीरियड नहीं आया , यह सुनकर रोहित घबरा जाता है , और उसे कुछ समझ में नहीं आता वह क्या करें ।

वह सरिता के पास आता है और डॉक्टर सरिता से कहता है ,अंजलि के जाने के बाद ऐसा हुआ जो अंजलि के साथ गलत हुआ ,नेहा की प्रॉब्लम भी उसी बताता है ,सरिता हंसती हुई कहती है ,पहले वाला भी तो तुम दोनों का था , तब तो तुम इतना नहीं घबराए थे ,अब इतना क्यों घबरा रहे,  अच्छा हुआ वैसे भी वह इतने हाई इंजेक्शन सहन नहीं कर पा रही, रोहित सरिता से कहता है ,तुम पागल हो अंजलि को क्या बताऊंगा । सरिता रोहित से कहती है ,क्या अंजलि को नहीं पता अपने पति को एक खूबसूरत सी लड़की के पास छोड़ कर जा रही है ,बार-बार जब तुम जाओगे ,तो आग और पानी तो हो नहीं अगर ऐसा हो भी गया तो कहीं ना कहीं इसमें अंजली की मर्जी भी है ,और वह तो पहली भी चाहती थी , कि किसी भी तरीके से बस उसी बच्चा हो जाए ,रोहित कहता है कि वह परेशान है पर हम तो उसी तरह नहीं सोच सकते , कैसे हो तुम, कल नेहा को लेकर यहां आना, टेस्ट करने के बाद ही कंफर्म होगा क्या सही में रिपोर्ट ठीक है भी या नहीं ,और अगर पॉजिटिव हुई तो कल कुछ सोचेंगे ,आज इतना घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन हां नेहा के पास जाना ,और उसको एहसास दिलाना वह अकेली नहीं है, तुम उसके साथ हो, रोहित को सरिता की यह बात सही लगी अकेले नेहा की मर्जी तो थी नहीं, दोनों की मर्जी से हुआ जो भी हुआ, और वह सीधे गाड़ी नेहा के घर की तरफ कर देता है ।

नेहा के घर पहुंचकर रोहित नेहा को देखकर मुस्कुराता है , नेहा को गले लगा कर रोहित नेहा से कहता है ,घबराने की जरूरत नहीं हम कल डॉक्टर सरिता के पास चलेंगे , और नेहा को पूरा विश्वास दिलाता है कि वह अकेली नहीं है, वह उसके साथ है । नेहा घबराती हुए रोहित से पूछती है अगर दीदी को पता पड़ा तो वह हमारे बारे में क्या सोचेंगी, रोहित हंसकर कहता है ,कुछ नहीं सोचेगी और तुम्हारे साथ मैं भी तो हूं ,तो तुम इतना क्यों घबरा रही हो । रोहित रोजी को लेकर मार्केट  चला जाता है ,और कुछ देर बाद वापस आता है ,तो काफी सारा सामान भी लाता है ,नेहा रोहित से कहती है इतना सामान लाने की क्या जरूरत है अभी तो बहुत सामान पहली का ही रखा हुआ है । रोहित हंसकर कहता है यह सब मैं तुम्हारे लिए नहीं लाया यह तो मैं अपनी रोज़ी के लिए लाया हूं ,और दोनों मुस्कुरा देते हैं कुछ समय बाद रोहित घर चला जाता है ।

और घर पहुंचकर अंजलि से कहता है चलो आज कहीं बाहर चल कर खाना खाकर आती है अंजलि और रोहित एक अच्छे से होटल में जाकर डिनर करते हैं ,लेकिन अंजलि का उतरा हुआ चेहरा देखकर रोहित उससे पूछता है ,तुम अभी भी खुश नहीं हो, क्यों अंजलि कुछ नहीं कहती वह कहती है मैं बहुत खुश हूं । रोहित अंजलि से कहता है शायद मैंने उस दिन तुम्हें रोजी और नेहा का नाम लेने पर डांट दिया था, इसलिए शायद तुम मुझसे अभी तक नाराज हो ,ऐसा करते हैं रोजी और नेहा की पसंद का यहां से खाना पैक करा कर नेहा के घर चलते है ,तुम्हें यहां नहीं खाना तो मत खाओ वहां चलकर उन दोनों के साथ खा लेना ,यह सुनकर अंजली बहुत खुश हो जाती है ,और वह खाना पैक करा कर सीधी नेहा के घर पहुंच जाती हैं , हॉर्न की आवाज सुनकर नेहा सोचती है ,अभी तो रोहित यहां से गए हैं ,अब वापस आ गए जब वह बाहर देखती है अंजलि भी उसे साथ नजर आती है जब तक बाहर आती इसकी पहली रोजी खुश होकर पापा पापा चिल्ला कर बाहर आ जाती है ,अंजलि नेहा गले लगा कर कहती है, बहुत दिन हो गए तुमसे मिले जैसे ही वह रूबी को गोद में लेने लगती है तो वह उस से छूट कर रोहित के पास चली जाती है और ताली बजाने लगती है यह देखकर सभी लोग हंसने लगते हैं अंदर आकर नेहा को पैकेट  पक डाते हुए अंजलि कहती है , आज हम सब यही एक साथ डिनर करेंगे नेहा सभी का खाना प्लेट में डालकर सर्व करती है ,उसके बाद सभी आइसक्रीम खा कर अंजलि और रोहितघर चले जाते हैं ।

दूसरे दिन नेहा रेडी होकर रोज़ी को लेकर डॉक्टर सरिता की क्लीनिक पहुंच जाती है , वहां रोहित उसका इंतजार कर रहा था सरिता प्रेगनेंसी टेस्ट करते समय नेहा से पूछती है कम से कम चार-पांच दिन तो  आगे बढ़ गई ना नेहा हां कहती है ,और थोड़ी देर नेहा को बाहर बैठने का बोलती है नेहा बाहर आकर रोहित के पास बैठ जाती है ,रोहित नेहा को बड़े गौर से देखता है घबरा रही हो नेहा कहती है ,नहीं तो रोहित हंसकर कहता है , तुम्हारी जो आंखें ना सब बता देती है , गुस्सा प्यार डर ,झूठ नहीं बोल सकती , तो नेहा आंखें झुका लेती है ,रोहित उसके माथे पर आये हुआ पसीने को अपने रुमाल से साफ करता है ,और कहता है बिल्कुल मत घबराना मैं तुम्हारे साथ हूं ,कुछ गलत नहीं होगा सरिता गेट पर खड़ी होकर रोहित का रिएक्शन देख रही थी ,और फिर सोचती है ,रोहित शायद नेहा के बहुत करीब आ गया है ,कहीं अंजलि के साथ कुछ अन्याय ना हो जाए ,लेकिन वह भी सब ईश्वर के भरोसे छोड़ कर आकर रोहित से कहती है ,चल मुंह मीठा कर आओ मेरा और नेहा का ,रिपोर्ट पॉजिटिव यह सुनकर नेहा घबरा जाती है ।और सरिता उसको देख कर कहती है ,नेहा इतना मत डरो बस तुमको दो-तीन बार रोहित के साथ मेरी क्लीनिक आना पड़ेगा । सारा प्रोसीजर अब नहीं करूंगी ,लेकिन अंजलि को तो बताना पड़ेगा कि हम दोबारा से वही कर रहे हैं ,नेहा हां कर देती है लेकिन फिर भी उसकी घबराहट काबू में नहीं होती ,और वह चक्कर खाकर गिर जाती है अंजली उसका बीपी टेस्ट करके बोलती है जो करना है जल्दी करना वरना बीपी बढ़ने के कारण वापस मिसकैरेज ना हो जाए। सरिता रूम से बाहर चली जाती है रोहित नेहाके होश में आने पर उसे अपनी बाहों में भर कर कहता है मैं कह रहा हूं ना मत घबराओ कल अंजलि तुम्हें खुद यहां लेकर आएगी , तुम ही तो चाहती थी ना कि अंजलि को कैसे भी मां बनने का सुख मिले ,जब उसे अब मिल रहा है तो अब तुम इतना घबरा रही हो ,नेहा और रोहित नेहा के घर आ जाते हैं ,और वह अपनी गाड़ी ड्राइवर से नेहा के घर तक लाने की बोलता है ,घर आकर नेहा को समझा कर और उसे विश्वास दिलाकर रोहित वापस अपने घर चला जाता है ।

घर जाकर रोहित अंजलि से कहता है कि आज डॉक्टर सरिता से बात हुई थी ,वह कह रही थी कि जो भी करना है अब जल्दी कर लेती हैं अब नेहा की तबीयत भी बिल्कुल ठीक है अंजली रोहित की यह बात सुनकर बहुत खुश हो जाती है और उससे कहती है कि मैं नेहा से बात करूं ,कि कल हम डॉक्टर सरिता के चलते है ,रोहित हां कर देता है और अंजलि से कहता है कि आज शाम तक उसे यही बुलवा लो ,जिससे कि वह हम लोगों के बीच रहकर थोड़ा सा रिलैक्स हो जाएं ,और वहां जाने पर उसकी मानसिकता भी बन जायेगी ,फिर अंजलि नेहा को फोन करके कहती है कि नेहा अगर अब तुम रेडी हो तो हम कल सरिता की क्लीनिक चलें ,नेहा हां कर देती है तो अंजलि कहती है , कि मैं ड्राइवर को भेज रही हूं तुम आज हमारे साथ यही रुकना नेहा हां कर देती है । जबकि उसे पता था कि शायद उसकी तबीयत को लेकर रोहित भी परेशान है ,इसलिए वह शायद उसको अपने सामने ही रखना चाहते हैं।

नेहा की तबीयत तो ठीक थी , लेकिन घबराहट थोड़ी सुस्त नजर आ रही थी ,रोजी को अंजलि नीचे पार्क में ले जाती है ,रोहित मौका देख कर नेहा के पास आकर उसके माथे पर किस करते हुई कहता बिल्कुल परेशान नहीं होना मैं यही रखूंगा ,पूरी टाइम और मैं तुम्हारी केयर करूंगा ,नेहा कुछ नहीं कहती बस मुस्कुरा देती है

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