शीर्षक निर्णय
जिस फार्म में वह काम करती थी, एक दिन वह उनके मालिक के घर गई, और उनसे एडवांस सैलेरी की मांग की, और उसने कहा, कि उसको मिलने वाली सैलरी में से धीरे-धीरे वह इन पैसों को चुका देगी।
बॉस की बीवी मन की बहुत अच्छी थी, उसने नेहा को बिठाकर एक बड़ी बहन की तरह आश्वासन दिया और उससे कहा कि तुम्हें किसी भी चीज की परेशानी आती हो तो तुम बेझिझक आकर बता देना, ऐसे समय में हमारी कंपनी के एंप्लाइज की मदद करना हमारा कर्तव्य है, और नेहा से नेहा के बारे में जानती हैं तो उनके मन में नेहा के प्रति और दया भाव आ जाता है, नेहा उन्हें धन्यवाद कहकर और अपनी बेटी को लेकर एडवांस से जरूरी सामान लेकर अपने घर आ गई, और सोचने लगी कि मैडम कितनी अच्छी है उनके मन में कितना दया भाव है, धीरे-धीरे बॉस की बीवी के फोन कभी कभी नेहा के पास आने लगे, और वह हमेशा उससे कहती थी कि किसी भी चीज की परेशानी हो तो परेशान ना होना मुझे बता देना। नेहा और बॉस की बीवी में अब धीरे-धीरे छोटी और बड़ी बहन का रिश्ता बन गया था, अब बॉस की बीवी कभी कभी नेहा के घर आने लगी थी,
नेहा की खूबसूरती की अक्सर वो तारीफ करती थी, और उसके लिए कभी-कभी सुंदर सी ड्रेस भी लाती थी और उसकी बेटी को भी बहुत प्यार करती थी,
1 दिन नेहा के घर के पास किसी का मर्डर हो जाने के कारण कर्फ्यू लगने की नौबत आ जाती है, और बार-बार नेहा को पुलिस वाले भी कुछ सवाल पूछ कर परेशान करने लगे, बॉस की बीवी से यह बात शेयर करती , तो वह ड्राइवर भेज कर नेहा को अपने घर बुलवा लेती है, , बॉस और उनकी पत्नी दोनों ही नेहा और उसकी बेटी का बहुत ख्याल रखते थे धीरे-धीरे नेहा भी उनके साथ घुलमिल गई और उनके घर पर बेझिझक होकर उनके घर का काम भी करने लगी थी,
बॉस को कोई बच्चा नहीं था, एक दिन उसने बातों बातों में पूछा कि आप विज्ञान की इस आधुनिक तकनीक के द्वारा मां क्यों नहीं बन जाती।
तब बॉस की बीबी ने कहा कि नेहा मेरेuters मैं सडाव लग जाने के कारण शादी के 2 साल के बाद ही मुझे निकलवाना पड़ा पर यह बात मैं और मेरे पति के अलावा कोई नहीं जानता अनाथ आश्रम से बच्चा तो ले ले,, पर मेरी ससुराल वाले उसे स्वीकार नहीं करेंगे,
नेहा को यह सुनकर बड़ा दुख होता है और ईश्वर की मर्जी जानकर वह उस बात को यहीं खत्म कर देती है
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रश्मि सक्सैना